केले से बनी ‘कलाकंद’, डायबिटीज के मरीज भी ले सकते है स्वाद

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बुरहानपुर। मध्य प्रदेश का बुरहानपुर जिला केले के उत्पादन के लिए दुनिया भर में मशहूर है, अब यहां केले से कई तरह की मिठाईयां और वस्तुएं बनना शुरू हो गया है, ऐसे में केले से बनी कलाकंद मिठाई लोगों की जुबान पर रस घोल रही है, खास बात यह है कि यह मिठाई पूरी तरह शुगर फ्री है, इसे डायबिटीज पेशेंट भी खा सकते है, इससे उन्हें नुकसान नहीं होगा।

आपने एक कहावत जरूर सुनी होगी, आम के आम, गुठलियों के भी दाम, लेकिन बुरहानपुर जिले ने जुबान को स्वाद के साथ एक नई कहावत दी है, ”केले और इसके पेड़, तने और रेशे के भी दाम लेले.” दरअसल बुरहानपुर जिले की पहचान है मिठास से भरा केला, अब ये सिर्फ फल तक सीमित नहीं है, इस फल से कई उत्पाद भी बनाए जा रहे हैं, इसे खाने से लेकर रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं का निर्माण किया जा रहा है, अब बुरहानपुर के केले से बनी मिठाई जुबान पर रस घोल रही हैं।

काजू कतली, गुलाब जामुन, रसगुल्ले जैसी मिठाईयों को टक्कर देने केले से बनी मिठाई मार्केट में आ गई है, बुरहानपुर जिले के होटल संचालक अब केले से कलाकंद मिठाई बनाकर विभिन राज्यों में निर्यात कर दोगुनी कमाई कर रहे हैं, जो भी केले से बनी इस मिठाई को चख रहा है, वो इसका दीवाना हो रहा है, केले से बनी मिठाई की एक और विशेषता है कि ये पूरी तरह शुगर फ्री है, गौरतलब है कि, केले ने बुरहानपुर को विशेष पहचान दिलाई है, इसे केंद्र सरकार की एक जिला और एक उत्पाद योजना में शामिल किया है, पिछले साल दिल्ली में कलेक्टर भव्या मित्तल को एक जिला एक उत्पाद के तहत सम्मानित किया गया है, बता दें कि, इस साल जिलेभर में 23744 हेक्टेयर में केला फसल लगाई गई है, केले के तने के रेशे से महिलाएं घरेलू उपाय की वस्तुओं को निर्माण कार्य कर रही है. इसमें पत्तल, दोने, राखियां, मोबाइल कवर, टोकरी, सहित साज सज्जा से परिपूर्ण वस्तुएं शामिल हैं, साथ ही केले के रेशे से सैनेटरी पेड भी बनाए गए हैं, इससे महिलाओं को रोजगार मिला है, वे आत्मनिर्भर बनी हैं।

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