मां नर्मदा परिक्रमा विश्वकल्याणार्थ भारत के कोने कोने से आचार्य, महामंडलेश्वर, श्रीमहंत,महंत संत पहुंचे अमरकंटक

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आराध्य भगवान प्रभु श्रीराम मंदिर में विराजेंगे यह संकल्प था इस भाव से देश के साधु समाज मिल कर रहे नर्मदा परिक्रमा – श्रीमहंत स्वामी माधवाचार्य जी 

अमरकंटक।श्रवण उपाध्याय। मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में पहुंचे भारत के कोने कोने से लगभग 300 लोग विश्व कल्याणार्थ मां नर्मदा परिक्रमा करते आचार्य , महामंडलेश्वर , श्रीमहंत , महंत , संतगण , भक्तगण रविवार 28 अप्रैल 2024 को गुजरात के भरूच निकट मालासर नर्मदा नदी उत्तर तट से परिक्रमा प्रारंभ कर वाहन व्यवस्था से रोजाना लगभग 250 – 300 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए आज दिनांक 01 मई 2024 को अमरकंटक उद्गम स्थली में आगमन दोपहर 2.30 बजे शांति कुटी आश्रम पहुंची । शांति कुटी आश्रम के श्रीमहंत स्वामी रामभूषण दास जी महाराज ने सभी आचार्यों, श्रीमहंत , संतो महंतो को बेदपाठी बटुक ब्रम्हचारीयों द्वारा मंत्र उच्चारण ध्वनि मध्य पुष्प वर्षा कर अभिवादन , स्वागत किया गया ।

शांति कुटी के श्रीमहंत स्वामी रामभूषण दास जी महाराज द्वारा सभी के ठहरने के लिए उत्तम व्यवस्था बनाई गई तथा शांति कुटी में ही जल पान , भोजन प्रसादी की पूर्ण व्यवस्था रही साथ ही अन्य रुकने हेतु स्वामी हरिहरानंद जी महाराज मृत्युंजय आश्रम , स्वामी धर्मानंद जी कल्याण सेवा आश्रम में भी संतगणों की व्यवस्था बनाई गई । संध्या कालीन समय सभी नर्मदा परिक्रमावासी मां नर्मदा उत्तर तट रामघाट में महाआरती की , मां की स्तुति की और जयकारा लगा लोग भाव विभोर हो उठे । अमरकंटक निवासी पंडित आकाश द्विवेदी जी ने विधि विधान पूर्वक महाआरती करवाई । रात्रि विश्राम बाद अगले दिवस सुबह 02 मई को संत समाज ने बड़ी ही श्रद्धा भाव पूर्वक साथ चल रहे 11 विद्वान पंडितो के मंत्रोचार्य उच्चारण बोलते हुए हवन पूजन किया गया तथा कुछ संत कोट खप्पड़ धूनी साधना भी अपना नित्य साधनानुसर भी किए। प्रातः 06 बजे सुबह जल पान लेने के बाद सभी अमरकंटक के माई की बगीया तट परिवर्तन हेतु निकल पड़े और वन्हा पहुंच माई की बगीया में पंडित गणेश पाठक द्वारा तट परिवर्तन हेतु पूजन अर्चन करवाया गया , चरणामृत , प्रसाद वितरण कर आगे की परिक्रमा सुगमता से माई पूर्ण करें वन्हा से निकलने के बाद आगे सोनमुड़ा होते हुए नर्मदा मंदिर उद्गम स्थल पहुंचा संत दल । उद्गम स्थल पर पूजन बाद आगे कपिलासंगम होते हुए कबीर चबूतरा से आगे खुला मार्ग पर सभी को एकसाथ एकत्रित किया गया तत्पश्चात संत परिक्रमा वासियों की टोली को आगे जाने हेतु प्रणाम कर बिदा किया गया । यह टोली रात्रि विश्राम मंडला में करने की संभावना है ।
श्री टीला द्वारा गाद्याचार्य मंगलापीठाधीश्वर श्री श्री 1008 श्रीमहंत श्री माधवाचार्य जी महाराज जी मलाड ( मुंबई ) ने बतलाया की भारत के कोने कोने से संत आचार्य , महामंडलेश्वर , श्रीमहंत, महंत, भक्तगण सभी ने विश्व कल्याणार्थ नर्मदा परिक्रमा की जा रही है । हमारे अराध्य भगवान श्रीराम जब अपने मंदिर में विराजमान हो जायेंगे तब माता नर्मदा जी की परिक्रमा की जावेगी ऐसा हमारा संकल्प था । अब भगवान प्रभु श्रीराम अपने मंदिर अयोध्या नगरी में विराजमान हो चुके है यह बड़ी खुशी की बात है , अब समय निकाल देश के कोने कोने से आए संत आचार्य , महामंडलेश्वर , श्रीमहंत , महंत सब मां नर्मदा जी की परिक्रमा पर निकल पड़े है तथा विश्व कल्याणार्थ एक भाव भी साथ चल रहा । मां नर्मदा जी से प्रार्थना है सबका मंगल करे । यह परिक्रमा रविवार 28 अप्रैल 2024 को गुजरात भरूच पास मालासर से प्रारंभ कर 10 दिवस उपरांत 07 मई को नर्मदा परिक्रमा पूर्ण कर ली जाएगी । उसके बाद 09 मई से 15 मई 2024 तक में 9 कुंडात्मक राम महायज्ञ , हनुमान चालीसा , संत समागम आदि पूजन भजन और भंडारा आयोजित है ।
मां नर्मदा परिक्रमा में मुख्य तौर पर श्रीमहंत माधवाचार्य जी के इस दल में श्रीमहंत जगदीश दास जी महाराज दाहोद गुजरात , महामंडलेश्वर भक्ति चरण दास जी महाराज नासिक महाराष्ट्र , महामंडलेश्वर मन मोहन दास ( राज्य मंत्री दर्जा ) राधे राधे बाबा इंदौर मध्यप्रदेश , श्रीमहंत काशी दास जी महाराज दहिसर मुंबई महाराष्ट्र , महामंडलेश्वर हरिओम दास जी महाराज बांसवाड़ा राजस्थान , श्रीमहंत काशी दास जी महाराज उज्जैन मध्यप्रदेश , महंत रामकृष्ण दास राधाबल्लभ मठ पुरी ओडिशा , श्रीमहंत गोपाल दास जी महाराज पंचकुईया इंदौर आदि अनेक स्थानों के संत महंत इस दस दिवसीय मां नर्मदा परिक्रमा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई ।

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