संत समाज ने किया विरोध, साधु संतों ने सौंपा ज्ञापन
कलेक्टर ने एसडीएम पुष्पराजगढ़ के नेतृत्वा गठित की तीन सदस्यी टीम, जांच में सहयोग के लिए वनविभाग को लिखा पत्र
अनूपपुर। पवित्र नगरी अमरकंटक में मां नर्मदा की पुरानी मूर्ति को तोड़ने व मॉ नर्मदा की मूर्ती खंडित किये जाने को लेकर साधु संतों ने नाराजगी जाहिर करते हुए साधु-संतों ने गुरूवार की शाम मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। मां नर्मदा की पुरानी मूर्ति तोड़ने वाले अधिकारी वीरेंद्र कुमार पटेल (आईएफएस) रेंजर अमरकंटक पर मामला दर्ज करने की मांग की। वहीं ज्ञापन सौंपने के बाद संतों ने बताया कि कलेक्टर द्वारा उचित कार्यवाई का अश्वाहसन दिया गया। ज्ञापन में लगभग 10 अश्रामों प्रमुखों के हस्ता क्षर रहें हैं।
ज्ञापन में बताया कि मुख्यमंत्री जी हिंदू धार्मिक स्थल रुद्र गंगा स्थित मंदिर व मंदिर में स्थापित प्राचीन मां नर्मदा की काले पत्थर मूर्ति एवं समाधि मंदिर आश्रम आदि सभी को चोरी छिपे तरीके से रात्रि कालीन गस्त में वन विभाग के अधिकारियों ने ध्वस्त कर दिया गया है। जिससे क्षेत्र के सभी साधु संत एवं आम नागरिकों को उनके पूजा पाठ एवं धार्मिक भावनाओं को भारी आघात हुई है। वीरेंद्र कुमार पटेल (आईएफएस) रेंजर अमरकंटक के हिंदू विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने से साधु संतों व क्षेत्र के सनातन धर्म को मानने वाले लोग काफी आक्रोशित हैं। मंदिर को ध्वस्त करने के साथ-साथ मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित मां नर्मदा के प्राचीन काले पत्थर की मूर्ति को खंडित करने एवं उनके सोने चांदी के आभूषण, दान पेटी, मंदिर में लगे सोलर पैनल बैटरी आदि सामग्री को भी अपने साथ ले गए हैं।
उन्होंने मांग की हैं की पवित्र नगरी अमरकंटक स्थित धार्मिक स्थल रुद्र गंगा नदी की उद्गम स्थल स्थित हिंदू आस्था का केंद्र को हिंदू विरोधी मानसिकता से खंडित कार्य करने और कराने वाले सभी आरोपियों के विरुद्ध अभिलंब कार्यवाही 7 दिवस के भीतर किए जाए। जिससे किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना ना हो पाए। कार्यवाही न होने पर जन आन्दोलन के लिए हम बाध्य होंगे। साधु-संतों ने पुलिस अधीक्षक जितेंन्द्रआ सिंह पवॉर से भी मिलकर शिकायत बताई। जिस पर पुलिस अधीक्षक ने जांच टीम की जांच के बाद कार्यवाई की बात कहीं।
कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने बताया कि साधु संतों के अनुसार जंगल में कुटिया बनाई थी जिसे वन विभाग ने सुबह के 4 बजे इसे गिराया हैं। जिस पर एसडीएम पुष्पराजगढ़ के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई हैं जिसमे एसडीओपी और मुख्यो नगरपालिका अधिकारी अमरकंटक को शामिल किया गया हैं। इसके साथ ही वनअधिकारियों को पत्र लिख कर जांच टीम बनाने का अग्रह किया गया हैं कि वनविभाग की एक जांच टीम बना कर शिकायत की वास्वि कता की जांच कराई जा सकें।