साले की झोपड़ी में जीजा ने लगाई आग

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7 वर्षीय मासूम की जलने से मौत

रायसेन। जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर बरेली थाना अंतर्गत ग्राम जामगढ़ में खेत की बटिया पर मजदूरी करने वाले राजेश आदिवासी की झोपड़ी में उसके ही जीजा ने गुस्से में आग लगा दी । जिससे राजेश आदिवासी की 7 वर्षीय बेटी अंजलि की आग की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई ।

बरेली थाना प्रभारी विजय त्रिपाठी ने बताया कि घटना दिनांक 25 फरवरी को रात करीब 10 बजे की है । राजेश आदिवासी अपनी पत्नी रज्जो बाई एवं 4 बच्चों के साथ झोपड़ी में सो रहा था कि उसके जीजा रामू आदिवासी ने झोपडी में तेल डालकर आग लगा दी । आग की लपटें उठते देखकर उसकी नींद खुल गई । उसने जैसे तैसे अपनी पत्नी रज्जो बाई एवं तीन बच्चों को बाहर निकाल लिया लेकिन एक सात वर्षीय बच्ची अंजलि को नहीं निकल सका। जिसके कारण में भीषण लपटों की चपेट में आ गई और उसकी दर्दनाक मौत हो गई ।

पीड़ित राजेश आदिवासी ने अपने बयानों में बताया है कि उसकी 6 बहनें हैं , जिनमें तीन की शादी हो गई है जबकि तीन अभी कुंवारी है। दूसरे नंबर की बहन की शादी आरोपी राजगढ़ निवासी रामू आदिवासी से हुई है । दोनों के बीच पारिवारिक विवाद के चलते उसकी बहन पिछले कई माह से अपनी ससुराल नहीं जा रही थी। जबकि जीजा दो-तीन बार उसको लेने भी आया था लेकिन उसने जाने से मना कर दिया था । जिसके कारण वह मायके में आकर ही रह रही है ।
जीजा रामू आदिवासी को यह शक है कि वह उसकी उसकी पत्नी को नहीं जाने दे रहा है। इसलिए उससे रंजिश रखता है । जिसके चलते उसने यह कदम उठाया है और उसके झोपड़ी में आग लगा दी।
पुलिस ने हत्या एवं आगजनी का प्रकरण दर्जकर बालिका का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया और घटना के आरोपी रामू आदिवासी को गिरफ्तार कर लिया है ।

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