
बाइक डिवाइडर से टकराई , एक युवक की मौत , दूसरा गंभीर
अमरकंटक। श्रवण कुमार उपाध्याय। अमरकंटक – मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में रविवार रात को तेज रफ्तार और शराब के नशे ने एक युवक की जान ले ली जबकि दूसरा युवक गंभीर रूप से घायल हो गया । यह दर्दनाक सड़क हादसा होटल अमरकंटक इन के सामने उस समय घटित हुआ जब बाइक सवार युवक तेज गति से वाहन चलाते हुए अनियंत्रित होकर सड़क के डिवाइडर से जा टकराए । टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मोटरसाइकिल के परखच्चे उड़ गए और दोनों युवक उछलकर सड़क पर गिर पड़े ।
हादसे में घायल युवकों की पहचान पुष्पेंद्र कुमार धार्वे (18 वर्ष) पिता संतोष कुमार धार्वे एवं दीपू टंडिया निवासी बराती , अमरकंटक के रूप में हुई है । दुर्घटना के तुरंत बाद मौके पर मौजूद स्थानीय नागरिकों ने मानवीय संवेदना दिखाते हुए दोनों घायलों को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरकंटक पहुंचाया ।
गंभीर हालत देख जिला अस्पताल रेफर
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ चिकित्सक डॉ. रानू प्रताप सारीवान ने प्राथमिक उपचार के बाद दोनों घायलों की हालत गंभीर बताते हुए उन्हें जिला अस्पताल अनूपपुर रेफर कर दिया। चिकित्सक के अनुसार दोनों युवकों के सिर , पैर , कंधे और हाथ सहित शरीर के कई हिस्सों में गंभीर व अंदरूनी चोटें आई । प्राप्त जानकारी के अनुसार घायल पुष्पेंद्र कुमार धार्वे को परिजन उपचार के लिए पास के शहर गौरेला ले गए जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई ।
एंबुलेंस व्यवस्था बनी बड़ी बाधा
घटना के बाद स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल भी खुलकर सामने आ गई । घायलों में से एक को विधायक निधि से उपलब्ध कराई गई एंबुलेंस से जिला अस्पताल अनूपपुर भेज दिया गया लेकिन दूसरे घायल को रेफर करने में अस्पताल प्रशासन पूरी तरह असहाय नजर आया । अस्पताल की नियमित एंबुलेंस वाहन क्रमांक एमपी 02 एवी 5073 लंबे समय से खराब पड़ी है । चिकित्सकों ने बताया कि उक्त वाहन का पंजीयन भी समाप्त हो चुका है और इस संबंध में कई बार विभागीय अधिकारियों को सूचना भी दी जा चुकी है लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई ।
स्थिति और गंभीर तब हो गई जब मध्य प्रदेश सरकार की 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा भी अमरकंटक क्षेत्र में पिछले कई महीनों से बंद पड़ी मिली । लोगों ने 108 नंबर पर संपर्क किया तो यह जवाब मिला कि आसपास की सभी एंबुलेंस व्यस्त हैं । ऐसे हालात में गंभीर रूप से घायल युवक को ढाई घंटे से अधिक समय तक जिला अस्पताल रेफर नहीं किया जा सका जिससे उसकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई ।
प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल
आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस की अनुपलब्धता ने प्रशासनिक निष्क्रियता और लापरवाही को उजागर कर दिया है । गंभीर घायल युवक इलाज के अभाव में अस्पताल में तड़पता रहा लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से कोई त्वरित और ठोस पहल नजर नहीं आई । इस संबंध में जब बीएमओ पुष्पराजगढ़ आर.के. वर्मा से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं उठा ।
सुविधाविहीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
गौरतलब है कि अमरकंटक जैसे प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल पर करोड़ों रुपये की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा तो दे दिया गया लेकिन सुविधाओं के नाम पर स्थिति आज भी बदहाल बनी हुई है । अस्पताल में डॉक्टरों , नर्सिंग स्टाफ और संसाधनों की भारी कमी बताई जा रही है जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं ।
अमरकंटक में हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं वहीं आसपास के ग्रामीण अंचलों के लोग भी पुष्पराजगढ़ की बजाय अमरकंटक में इलाज के लिए आते हैं । इसके बावजूद यहां की स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति चिंता का विषय बनी हुई है ।
प्रसूति सेवाएं भी प्रभावित
स्थानीय लोगों का कहना है कि आपातकालीन व्यवस्थाएं भी ठीक नहीं हैं । प्रसूति महिलाओं को समय पर डिलीवरी की सुविधा तक नहीं मिल पाती जिससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । यह पूरा घटनाक्रम एक बार फिर अमरकंटक की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है ।
नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि एंबुलेंस सेवा को शीघ्र शुरू किया जाए । अस्पताल में आवश्यक स्टाफ की नियुक्ति की जाए तथा बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ किया जाए ताकि भविष्य में किसी की जान असहज न गंवानी पड़े ।
दीन दयाल चौक से नर्मदा मंदिर तक नहीं है स्पीड ब्रेकर
ऐसे घटनाओं को देखते हुए लोगों ने मांग की थी कि पंडित दीन दयाल चौक से नर्मदा मंदिर पहुंच मार्ग पर बीच बीच में स्पीड ब्रेकर लगने चाहिए थे । इस रास्तों में हमेशा भीड़ और स्कूल , धर्मशालाएं , बैंक , पोस्ट ऑफिस जैसी संस्थाएं संचालित है जहां हमेशा भीड़ बाद बना रहता है । नगर परिषद भी इस ओर ध्यान दें ।









