शौर्य गाथा का आयोजन; गूंजी साहिबजादों के बलिदान की गाथा

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सेवा भारती शिवपुरी द्वारा वीर बाल दिवस मनाया गया

– बड़ी कहानी (शौर्य गाथा) कार्यक्रम का आयोजन किया गया

शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। शिवपुरी में सेवा भारती शिवपुरी के तत्वावधान में वीर बाल दिवस के पावन अवसर पर बड़ी कहानी (शौर्य गाथा) कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान और सिख इतिहास के गौरवशाली पन्नों से नई पीढ़ी को अवगत कराना था।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से गुरुद्वारा साहिब ग्रंथि सुरेन्द्र जी अरोड़ा, समाजसेवी संतोष शिवहरे (हंस बिल्डिंग), भरत अग्रवाल (नारियल वाले), पूर्व सीएमओ नगरपालिका राम निवास शर्मा तथा विभाग समन्वयक अर्जुन सिंह दांगी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। तत्पश्चात नगर सेवा प्रमुख गुरु शरण रंधावा और अर्जुन सिंह ने सभी अतिथियों का आत्मीय स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन छात्रावास अधीक्षक मुकेश कर्ण द्वारा किया गया ।

दुनिया की सबसे महंगी जमीन और चमकौर का युद्ध-

मुख्य वक्ता के रूप में सुरेन्द्र अरोड़ा ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में इतिहास के रोंगटे खड़े कर देने वाले तथ्यों को रखा। उन्होंने बताया
विश्व की सबसे महंगी जमीन सरहिंद (फतेहगढ़ साहिब) में वह 4 स्क्वेयर मीटर जगह, जहाँ छोटे साहिबजादों का अंतिम संस्कार हुआ, दुनिया की सबसे महंगी जमीन है। सेठ दीवान टोडरमल ने 78,000 सोने की मोहरें खड़ी करके इसे खरीदा था, जिसकी आज की कीमत लगभग 2 अरब 50 करोड़ रुपये आँकी जाती है।

चमकौर का युद्ध (1704) –

उन्होंने चमकौर युद्ध का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे गुरु गोबिंद सिंह जी के नेतृत्व में मात्र 40-42 सिखों ने 10 लाख की मुगल सेना का सामना किया और उन्हें धूल चटा दी। इसी युद्ध के संदर्भ में गुरु साहिब ने कहा था— चिड़ियों से मैं बाज लडाऊं, गीदड़ों को मैं शेर बनाऊ। सवा लाख से एक लडाऊं, तभी गोबिंद सिंह नाम कहाउँ। श्री अरोड़ा ने उस सिख परिवार का भी जिक्र किया जिसने बाद में चमकौर साहिब की जमीन गुरुद्वारा साहिब के लिए दान दी और अरदास की कि उनका वंश समाप्त हो जाए, ताकि भविष्य में कोई भी इस दान पर अहंकार न कर सके। इस कार्यक्रम ने उपस्थित छात्रों और नागरिकों में राष्ट्रभक्ति और धर्म रक्षण का नया जोश भर दिया।