बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सोनी पर की गई FIR और उनका निलंबन निरस्त करने की मांग की
शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। शिवपुरी इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने छिंदवाड़ा के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी के विरुद्ध अन्यायपूर्ण कार्रवाई की निंदा की है। इसके अलावा उन्होंने दवा निर्माता और दवा नियामक एजेंसी की जिम्मेदारी निश्चित करने की मांग की है। बाल रोग अकादमी शाखा शिवपुरी के अध्यक्ष डॉ. निसार अहमद और सचिव डॉ. राजेन्द्र पवैया ने प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बीस बच्चों की दुःखद मृत्यु पर जो कि जहरीली अमानक दवा के सेवन से हुई, उस पर अपना दुःख प्रकट करते हुए उपचार करने वाले चिकित्सक डॉ. प्रवीण सोनी के ऊपर कार्रवाई पर गहन चिंता व्यक्त की। शिवपुरी आईएपी ने डॉ. प्रवीण सोनी की गिरफ्तारी एवं उन पर एफआईआर दर्ज करने की कड़ी निंदा करते हुए कहा, जबकि वास्तविक दोषी यथा दवा निर्माता, वितरक और नियामक एजेंसियों को दंड दिया गया है। डॉ. प्रवीण सोनी की गिरफ्तारी न्याय के प्रतिकूल है। यह व्यवस्था की लापरवाही उजागर करती है। पूर्व में भी हमारे देश और विदेश में प्रदूषित दवाओं के कारण बच्चों की मृत्यु हुई है। इन दवाओं में हानिकारक केमिकल डाई एथिलीन ग्लाइकॉल नामक औद्योगिक रसायन तय मात्रा से अधिक मात्रा में मिलाया गया था। एक चिकित्सक जो सरकार द्वारा अप्रूव्ड है, दवा को उपचार के लिए देता है।
शिवपुरी आईएपी मांग करती है कि डॉ. प्रवीण सोनी के विरुद्ध एफआईआर एवं उनका निलंबन निरस्त किया जाए।
तुरंत उच्च स्तरीय जांच दल जिसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट, सीनियर बाल रोग विशेषज्ञ और शासकीय अधिकारियों को सम्मिलित कर गठित किया जाए। जो भी जांच उपरांत दोषी पाए जाए, उन्हें कठोर दंड दिया जाए। पीड़ित परिवारों को यथोचित सहायता प्रदान की जाए। दवाओं की गुणवत्ता जांच के लिए जांच प्रणाली को दुरुस्त किया जाए। ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। दवा निर्माता के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाए। संपूर्ण चिकित्सक समुदाय इन मासूम बच्चों की दुःखद मृत्यु से आहत है। और एक चिकित्सक को सिस्टम की असफलता के चलते दंडित करना अस्वीकार्य है। शासन से अपेक्षा है कि न्याय किया जाए।