जिले में 200 करोड़ का जमीन घोटाला उजागर, प्रशासनिक अमले की संलिप्तता पर उठे सवाल

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

शहडोल। अखिलेश मिश्रा।  जिले के ब्यौहारी तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत नौढीया के ग्राम खड़हुली में एक बड़े जमीन घोटाले का पर्दाफाश हुआ है,इस पूरे मामले की शिकायत EOW रीवा में की गई है,यह घोटाला केवल सरकारी भूमि के दुरुपयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें प्रशासन के उच्च अधिकारियों की सीधी या परोक्ष संलिप्तता भी सामने आई है,मामले में पूर्व कलेक्टर वंदना वैद्य,तत्कालीन एसडीएम नरेंद्र सिंह धुर्वे और नायब तहसीलदार अमित मिश्रा पर आरोप लगे हैं कि इन्होंने मिलीभगत कर सरकारी जमीनों को अवैध रूप से निजी व्यक्तियों के नाम दर्ज कराया है,यह घोटाला लगभग 100 एकड़ से अधिक भूमि पर हुआ है जिसकी बाजार कीमत लगभग 200 करोड़ रुपए से अधिक आंकी जा रही है,जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि पटवारी राजेंद्र द्विवेदी और प्रदीप तिवारी ने अपने रिश्तेदारों के नाम सरकारी जमीनों की रजिस्ट्री कर दी, जिन नामों पर ये रजिस्ट्री की गई उनमें से लक्ष्मी रेशमा तिवारी,पूर्णिमा तिवारी,संदीप तिवारी,दिवाकर सिंह,राजकली तिवारी
ये सभी कथित रूप से संबंधित अधिकारियों और पटवारियों के नजदीकी रिश्तेदार भी हैं,मध्य प्रदेश भूमि राजस्व संहिता (MPLRC) के अंतर्गत सरकारी भूमि का हस्तांतरण निजी व्यक्तियों को केवल विशेष परिस्थितियों में ही किया जा सकता है,जैसे अनुसूचित जाति/जनजाति, भूमिहीन या हरिजन वर्ग के लिए है,लेकिन इस मामले में यह स्पष्ट हुआ है कि भूमियों का हस्तांतरण न केवल अवैध रूप से किया गया,बल्कि निजी लाभ के उद्देश्य से अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रख दिया है,सूत्रों के अनुसार, खड़हुली गांव की करीब 20 खसरा नंबरों की जमीनों में पुराने 83-84 के खसरे दिखाकर हेराफेरी की गई है,और दस्तावेजों में गड़बड़ी कर जमीन को वैध दिखाया गया,इसके बाद इन जमीनों की रजिस्ट्री कर दी गई है,और अब इन जमीनों को धीरे-धीरे छोटे टुकड़ों में बेचने का काम चल रहा है, मामले में वर्तमान में कलेक्टर डॉ केदार सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए हैं, प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, राजस्व विभाग,सतर्कता समिति और पुलिस की संयुक्त टीम मामले की जांच कर रही है,और जल्द ही आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।