अमरकण्टक। श्रवण उपाध्याय। मां नर्मदा की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक के लगभग हर वार्ड में रोजाना शाम होते ही मुख्य मार्ग पर आवारा पशुओं का जमावड़ा लग जाता है । स्थिति यह है कि नगर के प्रमुख मार्ग मानो पशुशाला , आवारा पशुओं का अड्डा में बदल गए हों ।
अमरकंटक नगर के पशु प्रेमियों का कहना है कि इसमें पशुओं का कोई दोष नहीं , बल्कि यह पशुपालकों की लापरवाही है । दूध देने वाली पशुओं का सुबह-शाम दूध निकालने के बाद उन्हें घर से बेघर कर दिया जाता है , जबकि जो गाय-भैंस दूध नहीं देतीं , उन्हें तो पूरी तरह से आवारा मानकर सड़कों पर छोड़ दिया जाता है ।
रात्रि के समय इन आवारा मवेशियों के मुख्य मार्ग पर बैठने से वाहन चालकों के लिए दुर्घटना का खतरा बना रहता है । आए दिन बड़े वाहनों की चपेट में आने से कई पशु घायल या मौत के शिकार भी हो जाते हैं।
नवरात्रि नजदीक है और प्रदेश-देश से आने वाले पर्यटक व तीर्थयात्रियों की भीड़ बढ़ने वाली है । ऐसे में आवारा पशुओं की समस्या शहर की छवि खराब कर सकती है । स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि प्रशासन कड़ा कदम उठाए या तो पशुपालकों पर कार्यवाही हो या फिर इन मवेशियों को हांका देकर गौशालाओं में भेजा जाए ।
हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्म दिवस अवसर पर चल रहे सेवा पखवाड़ा स्वच्छता अभियान पर भी इस समस्या का असर दिख रहा है । नगर परिषद के सफाई कर्मचारी बताते हैं कि आवारा पशुओं के कारण मुख्य मार्ग गंदे हो रहे हैं , जिससे सफाई कार्य में रोजाना अतिरिक्त दिक्कतें आ रही हैं । कई बार सायकिल , मोटरसाइकिल वाले गोबर से फिसलकर रोड पर गिर भी जाते है ।
नगर परिषद सीएमओ चैन सिंह परस्ते ने कहा कि अब कठोर कार्यवाही ही करनी होगी । अनेक बार समझाइश दि जा चुकी है कोई पशुपालक ध्यान नहीं दे रहा है ।