हितग्राहियों की विस्थापित गांव में हुई बैठक
अनूपपुर। जिले के जैतहारी में संचालित हो रहे मोजर बेयर प्लांट के 17 वर्ष बाद भी जाने के बाद भी विस्थापित हुए गांव का विकास आज भी अधूरा है मूलभूत सुविधाओं के अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य की भी कमी देखी जा रही है 17 साल बीत जाने के बाद भी स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा है। प्लांट प्रबंधन के इस वादा खिलाफी के ख़िलाफ़ अब किसान प्लांट की दूसरी यूनिट की विरोध करने की तैयारी कह रहे हैं जिसके लिए बीते दिन ग्राम पंचायत अमगबा में एक बैठक का आयोजन भी हुआ है जिसमें काफी संख्या में किसान शामिल हुए और अब धरना प्रदर्शन को लेकर उनके बीच आम समिति बनने की तैयारी चल रही है।
मोजर बेयर की स्थापना दिनांक से लेकर आज तक विस्थापित हुए गांव में कितना विकास पहुंचा है यह मौके पर देखने में समझ में आ रहा है आज भी विस्थापित गांव विकास की बाट जोह रहे हैं पंचायत के सर्वगीण विकास के अलावा रोजगार की समस्या भी जस की तस बनी हुई है अब किसानों ने इस बात पर आम सहमति बनाने का प्रयास किया है कि प्लांट के द्वितीय चरण में लगने वाली दूसरी यूनिट को लेकर किसान एक स्वर में प्लांट का विरोध करने की बात कर रहे हैं जिसके चलते आने वाले समय में हिंदुस्तान पावर लिमिटेड के लिए समस्याएं खड़ी कर सकता है।
आज भी गांव में बदहाली का आलम देखा जा सकता है मंगलवार को इसी कार्यक्रम में ग्राम पंचायत आमगवा के कई हितग्राहियों ने बैठक कर इस बात पर सहमति बनाई है कि अब दूसरी यूनिट की तैयारी कर रही कंपनी के खिलाफ सभी किसान एक होकर कंपनी का विरोध करेगे।
आमतौर पर जिस जगह पर कोई भी नई उद्योग की स्थापना होती है वहां के भोले भाले किसानों को इस बात का लालच दिया जाता है कि रोजगार के अलावा क्षेत्र और उनके परिवार का सर्वांगीण विकास होगा लेकिन मोजर बेयर से हिंदुस्तान पावर लिमिटेड हो जाने के 17 वर्ष बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है न तो स्वास्थ्य प्रकाश व्यवस्था पंचायत के सर मध्य पर विकास के अलावा हिंदू राज्यों को मिलने वाली नौकरी से भी केवल आश्वासन का झुनझुना ही हाथ लगा है।
