रेंजर की लापरवाही की भेंट चढ़ी लोमड़ी,कुएं में गिरने से हो गई मौत

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सूचना देने के बाद भी समय से वन अमले ने कुंए में गिरे लोमड़ी को नही निकाला

मानपुर रेंज अंतर्गत ग्राम समरकोइनी का मामला

उमरिया ।रामकृपाल विश्वकर्मा। उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा मुख्यालय स्थित विश्व विख्यात बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व नेशनल पार्क सहित बफर जोन में वर्षों से एक ही जगह पर पदस्थ रेंजरों के उदासीन रवैया के कारण आए दिन जंगली जानवरों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। देखा जाए तो कभी हांथी कभी बाघ तो कभी अन्य जंगली जानवरों की मौत और शिकार होना बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बफर जोन में होना कोई बड़ी बात नही है। कई ऐसे रहस्यमयी मामले हैं जिनका खुलासा करने में जिम्मेदारों को पसीना छूट गया है। कहीं न कहीं खुद के गिरेवान पर जांच की आंच पहुंची तो मामले पर पर्दा डाल दिया गया। खैर बड़े लोगों की बड़ी बातें कहीं शिकारी बाघ का सिर काट ले गए तो कहीं फंदा लगा कर बाघ का शिकार करने की कोशिश की गई और तो और कहीं बाघ को मौत की नींद सुला कर उसे खुद जलाने की कोशिश की गई यह सब जांच का विषय है लेकिन जांच करेगा कौन जिम्मेदारों की तानाशाही के आगे बड़े अधिकारी भी अपना पद बचाने के चक्कर में जिम्मेदारों के नतमस्तक हो चुके हैं। *बहरहाल हम बात करते हैं कुएं में गिरे लोमड़ी की तो प्रबंधन को ग्रामीणों द्वारा जानकारी देने के बाद भी नही निकाला गया बाहर जिससे लोमड़ी की मौत हो गई।आखिरकार घटना का जिम्मेदार कौन है*
मामला मानपुर रेंज अंतर्गत ग्राम समरकोइनी का बताया जा रहा है मिली जानकारी अनुसार ग्राम समरकोईनी में वन विभाग की चौकी के ठीक पीछे चंद कदम की दूरी पर गांव के लल्लू सिंह गोंड के बाड़ी स्थित कुएं में रात के अंधेरे में एक लोमड़ी गिर गई जो बाहर निकलने की भरपूर कोशिश के बाद थक हार कर मदद की आश में बैठ गई और सुबह होते ही कुएं में लोमड़ी गिरने की खबर क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। इसी दरमियान लोमड़ी की जान की सुरक्षा को देखते हुए लोगों ने वन विभाग को सूचना दी जिसके बाद बकायदे वन अमला मौके पर पहुंचा तो जरूर लेकिन उन्होंने कहा की वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देने के बाद मिले मार्गदर्शन के बाद ही इसे कुएं से बाहर निकाला जाएगा लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों की उदासीनता इतनी की वह जंगल सीमा क्षेत्र से रेत उत्खनन कर परिवहन कराने में मशगुल थे जिस कारण वन्य जीव के जान से खिलवाड़ कर बैठे और सूचना मिलने के बाद भी उसे बाहर निकलने का आदेश नही दे पाए। लिहाजा नतीजन दो दिनों बाद कुएं में गिरे लोमड़ी की मौत हो गई। बाद पश्चात जब मामला तूल पकड़ने लगा तो क्षेत्रीय डिप्टी व मुंशी ने ग्रामीणों की मदद से कुएं में जिंदगी की जंग हार चुकी लोमड़ी को बाहर निकाला और कुछ ही दूरी पर उसे लावारिश हालत में फेंक दिया गया। वहीं वन विभाग की इस लापरवाही के कारण आज एक जंगली वन्य जीव लोमड़ी की मौत हो गई वहीं वन्य जीव प्रमियों का मानना है कि वर्षों से एक ही जगह पदस्थ जिम्मेदार अगर अन्यत्र नहीं हटाए गए तो वह दिन दूर नही जब जंगल की रेत सहित बेसकीमती लकड़ियों की तस्करी के साथ साथ वन्य जीवों को मौत के मुंह में सुलाना आम बात हो चलेगी। जिला कलेक्टर सहित संभागीय कमिश्नर से जनपेक्षा है कि संबंधित मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित जिम्मेदारों पर विधिसंगत कार्यवाही की जाए।

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