चिटफंड कम्पनी सागा ग्रुप
केंद्र और राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब
भोपाल। प्रदेश की राजधानी में चिटफंड कम्पनी सागा ग्रुप और उससे जुड़ी सहकारी सोसायटी में 1000 करोड़ की धोखाधड़ी, हजारों निवेशकों के साथ ठगी के बहुचर्चित मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर प्रिंसिपल पीठ में सुनवाई की है। हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा एवं जस्टिस विनय सराफ की डबल बैंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केन्द्र और राज्य सरकार सहित संबंधितों को नोटिस जारी कर स्टेटस रिपोर्ट अगली सुनवाई से पहले कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिये है। याचिका में प्रकरण की जांच निष्पक्ष एजेंसी या सीबीआई से कराने की मांग की गई है। याचिका में डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह विभाग, पुलिस अधीक्षक भोपाल, को-ऑपरेटिव सोसाइटी और उनके पदाधिकारियों सहित अन्य को अनावेदक बनाया गया है।
सागा ग्रुप ने निवेशकों से 1000 करोड़ रूपएं ठगे
याचिकाकर्ता भोपाल निवासी सौरभ गुप्ता की याचिका पर पैरवी करते हुये वकील रविन्द्र गुप्ता ने हाईकोर्ट में बताया कि श्री स्वामी विवेकानंद मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी का स्थानीय कार्यालय भोपाल में था। को-ऑपरेटिव सोसाइटी में उसने एफडीआर के रूप में निवेश किया था। भोपाल की चिटफंड कम्पनी सागा ग्रुप और उससे जुड़ी सहकारी सोसायटी में उसके जैसे हजारों निवेशकों ने सागा ग्रुप और उससे जुड़ी सहकारी सोसायटी पर राशि दोगुनी करने और जमा राशि वापस नहीं करने का आरोप लगाया है। जिसके खिलाफ भोपाल के थाना पिपलानी में 15 शिकायतकर्ता ने को-ऑपरेटिव सोसाइटी पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज करवाया। लेकिन पुलिस ने निवेशकों के संरक्षण अधिनियम चिटफंड कम्पनी के तहत रिपोर्ट दर्ज न कर केवल आईपीसी की धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। जबकि कंपनी ने देशभर में करीब 4 लाख से ज्यादा निवेशकों के साथ 1000 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। याचिकाकर्ता के वकील रविन्द्र गुप्ता ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया कि को-ऑपरेटिव सोसायटी कर्ता धर्ताओं ने एफआईआर दर्ज करवाने वाले 15 लोगों से कंपनी ने समझौता कर हाईकोर्ट से दर्ज एफआईआर निरस्त करवा ली। जबकि निवेशकों की तादाद हजारों में और एफआईआर निरस्त होने से करीब 1,000 हजार करोड़ रुपये का निवेश समाप्त हो गया है।
केन्द्र-राज्य सरकार को 4 सप्ताह का समय मिला
हाईकोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह मामला 2021 से लंबित है। प्रकरण में केंद्र और राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी हो चुके हैं। लिहाजा एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डबल बैंच ने 1000 करोड़ से ज्यादा के चिटफंड घोटाला मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए है। कोर्ट ने इसके लिए 4 सप्ताह का समय दिया है।