इनमें 12 प्रजातियां प्रवासी पक्षी
दक्षिण वनमंडल में सम्पन्न हुआ दूसरा पक्षी सर्वेक्षण डाटा सुरक्षित रखने के लिए ई बर्ड एप का किया उपयोग
कुक्कू परिवार की 8 प्रजातियां भी रिकॉर्ड की गईं, जिनमें बैंडेड वे कुक्कू और फोर्क टेल्ड ड्रोंगो कुक्कू शामिल
बैतूल। दक्षिण वन मंडल के डीएफओ विजयानन्तम टी.आर की पहल पर इस वर्ष 19 जून से 24 जून तक बैंगलोर और इंदौर से आए बर्ड एक्सपर्ट प्रवर मौर्य, विपुल लुनिया और उनकी टीम ने दक्षिण बैतूल (सा.) वनमंडल के विभिन्न परिक्षेत्रों आमला, ताप्ती, भैसदेही और सावलमेढ़ा (सा.) में पक्षी सर्वेक्षण किया। यह सर्वेक्षण विशेष रूप से महत्वपूर्ण था क्योंकि यह समर बर्ड सर्वे था, जिसका उद्देश्य स्थानीय पक्षियों के साथ-साथ गर्मियों में आने वाले प्रवासी पक्षियों को रिकॉर्ड करना था। उल्लेखनीय है कि दक्षिण बैतूल (सा.) वनमंडल, सतपुड़ा पठार पर स्थित, अपने विविध वन्यजीवों और पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के वन, नदी, तालाब, खेत और मैदान विभिन्न प्रकार के पक्षियों के लिए उपयुक्त आवास प्रदान करते हैं। यही कारण है कि यहां बड़ी संख्या में पक्षी अपना बसेरा बनाते हैं और कई प्रवासी पक्षी भी यहां मेहमान बनकर आते हैं।
पक्षी सर्वेक्षण के दौरान दस्तावेजीकरण के लिए ई बर्ड ऐप का उपयोग किया गया, जिससे सभी रिकॉर्डेड प्रजातियों का सटीक डेटा सुरक्षित रखा जा सके। इस बार सर्वेक्षण के दौरान कुल 144 पक्षी प्रजातियों को रिकॉर्ड किया गया, जिनमें से कई मध्यप्रदेश में दुर्लभ हैं। इनमें 12 प्रजातियां प्रवासी पक्षी हैं, जो गर्मियों के मौसम में यहां आकर बसते हैं। कुक्कू परिवार की 8 प्रजातियां भी रिकॉर्ड की गईं, जिनमें बैंडेड वे कुक्कू और फोर्क टेल्ड ड्रोंगो कुक्कू शामिल हैं।
इसके अलावा, वाटरकॉक, हेयर क्रेस्टेड ड्रोंगो और रडी-ब्रेस्टेड क्रेक पक्षी पहली बार बैतूल जिले से ई बर्ड पर रिकॉर्ड किए गए हैं। ओरिएंटल प्रेटिनकोल प्रजाति के पक्षी भी छोटे बच्चों के साथ देखे गए, जिससे पता चलता है कि जिले के वेटलैंड्स इनके प्रजनन के लिए अनुकूल हैं। यह प्रजाति भी बैतूल जिले से पहली बार ई बर्ड पर रिकॉर्ड की गई है। इस 144 पक्षियों की सूची में कुछ पक्षी ऐसे भी हैं, जो आई.यू.सी.एन. की संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में शामिल हैं।
पिछले वर्ष किया गया था पहला सर्वेक्षण
दक्षिण बैतूल (सा.) वनमंडल द्वारा पहला पक्षी सर्वेक्षण पिछले वर्ष फरवरी 2023 में करवाया गया था, जिसमें ठंड के मौसम में आने वाले प्रवासी पक्षियों को भी दर्ज किया गया था। उस सर्वेक्षण में कुल 185 पक्षी प्रजातियों को रिकॉर्ड किया गया था। इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य पक्षियों का बेसलाइन डेटा बनाना और पक्षियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। दक्षिण बैतूल (सा.) वनमंडल की योजना इस तरह के सर्वेक्षण नियमित अंतराल पर करवाते रहने की है, जिससे पक्षियों का डेटा और समृद्ध हो सके।इस बर्ड सर्वे ने वनमंडल के पक्षी जीवन का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत किया है, जो भविष्य में संरक्षण और अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण होगा। इस सर्वेक्षण के सफल आयोजन से स्पष्ट है कि दक्षिण बैतूल (सा.) वनमंडल पक्षियों के संरक्षण और अध्ययन के प्रति प्रतिबद्ध है। इस पहल से।स्थानीय पक्षियों के बारे में जानकारी बढ़ेगी, प्रवासी पक्षियों के व्यवहार और उनके आवास की भी समझ विकसित होगी। भविष्य में ऐसे और भी सर्वेक्षण आयोजित किए जाने की योजना है, जिससे पक्षियों का डेटा और अधिक समृद्ध हो सके और उनके संरक्षण के प्रयासों को बल मिल सके।