अनूपपुर विधानसभा का मामला
रोजगार व पलायन बड़ा मुद्दा
अनूपपुर। इन दिनों कांग्रेस में प्रत्याशी को लेकर उपजे विवाद व लगातार दूर हो रहे कार्यकर्ता चर्चा का विषय बने हुए है। दरअसल कांग्रेस एक बार पुनः सत्ता में वापिसी के लिए दम भर रही है। लेकिन जिन पर जिला कांग्रेस को आगे ले जाने की जिम्मेदारी है उनकी स्वीकार्यता पार्टी नेताओं में ही नजर नहीं आती है। हालात यह हैं कि संगठन के अगुवा को जब पार्टी ही स्वीकार नहीं कर रही है तो फिर जनता कैसे करेगी.?
मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मतदान की तारीख जैसे-जैसे करीब आती जा रही है मतदाताओं के मन को भापने में अभी भी प्रत्याशी काफी पीछे नजर आ रहे हैं यही हाल अनूपपुर विधानसभा में भी देखने को मिल रहा है जहां पर भाजपा प्रत्याशी राजनीति में अपनी पूरी उम्र बिता चुके है तो वही प्रशासनिक पद छोड़कर आए रमेश सिंह को कांग्रेस अपना प्रत्याशी बनाकर अनुपपुर जीतने की रणनीति बना रही है वही कांग्रेस प्रत्याशी को अपने ही गांव में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम वासियों की माने तो प्रत्याशी की पहचान अपने ही ग्रह ग्राम में धूमिल है। इस बार होने वाले अनूपपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी के द्वारा पूर्व अपर कलेक्टर को टिकट देकर मैदान में उतारा है।
परिवार की भी नही ली कभी सुध
कॉन्ग्रेस पार्टी ने रमेश सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है जो जिला मुख्यालय से सटे ग्राम खाड़ा के मूल निवासी है। इस गांव में जिस समाज से रमेश सिंह आते है उस समाज को कभी अपना समझा ही नहीं हालाकि चुनावी पंपलेट में प्रत्याशी जरूर विधानसभा को अपना परिवार बता रहे है। मगर अपने ही परिवार की सुध लेने लेने के लिए उनके पास समय ही नहीं है। ग्रहग्राम में ही प्रत्याशी को लेकर वोटर असमंजस में नजर आ रहे है।
ग्रामीणों से छीन लिया रोजगार
गांव में अपने समाज के लोगो को रोजगार दिलाने के नाम पर उनका रोजगार छीनने का काम रमेश सिंह के द्वारा किया गया। ग्रामीण हित की जगह रमेश सिंह ने अपना हित साधने का काम किया है। जिस बात का विरोध भी ग्रामीणों में देखने को मिल रहा है।
वचन पत्र में कुछ हकीकत कुछ
सरकार में आने के लिए पार्टियां कई तरह के प्रलोभन देने का काम करती है। खाड़ा गांव से ही कई युवा रोजगार की तलाश में आज भी बाहर रह रहे है। जबकि गांव में नवरत्न कम्पनी काम कर रही है मगर ग्रामीणों को रोजगार तक नहीं मिल पा रहा है।
अपने ग्रह ग्राम में ही पहचान धुधली
अपने ही ग्रह ग्राम में कांग्रेस के प्रत्याशी रमेश सिंह की छवि धुंधली नजर आ रही है ग्रह ग्राम खांडा होने के बावजूद भी मतदाता रमेश सिंह को आज भी बतौर प्रशासनिक अधिकारी ही मान रहे हैं पुराने अनुभव के आधार पर कई मतदाता उनके व्यवहार से काफी दुखी हैं अब इसका असर चुनाव और मतदान में कितना होगा यह तो मतगणना होने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी।