5 माह में कंपनी ने कर दी वादाखिलाफी

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अदानी पावर प्लान्ट का मामला
अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठा किसान यूनियन संघ
अनूपपुर। कोतमा जनपद पंचायत के ग्राम उम़दरा, मझौली छतई में लग रहे पावर प्लांट को लेकर बीते 15 मई को हुई जनसुनवाई में किसानों के द्वारा दी गई सहमति पर कंपनी ने क्षेत्र में खुशहाली लाने की बात जरूर कही थी लेकिन यहाँ की खुशहाली 28 अक्टूबर को विस्थापित परिवार के साथ लगातार वादा खिलाफी करती नजर आ रही थी। जिस पर विस्थापित किसानों ने सोमबार को किसान यूनियन संघ के बैनर तले विरोध प्रदर्शन करते नजर आए।
विस्थापित किसानों का आरोप है कि कंपनी अपने किए हुए वादों से मुकर रही है पुराने भत्तों के अलावा दी जाने वाली अन्य सुविधाओं में भी कमी कर रही है जिसके चलते हितग्राही धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हुए। कंपनी लगातार उनसे बातचीत कर उन्हें समझाने का प्रयास कर रही है लेकिन किसान यूनियन संघ अपनी मांगों पर अड़ा हुआ है।
अनूपपुर जिले में बिजली उत्पादन के लिए कोतमा जनपद के ग्राम पंचायत उंदरदा, मझौली छतई में बीते 15 साल पहले बेलस्पन कंपनी के द्वारा पावर प्लांट लगाने की बात कही गई थी जमीन अधिग्रहण हो जाने के बाद वहां पर विस्थापित हुए किसानों को कंपनी के द्वारा लगातार सुविधा मोहैया कराई जा रही थी लेकिन धीरे-धीरे उन सुविधाओं में भी कमी होती नजर आई। अब अदानी पावर लिमिटेड के द्वारा बेलस्पन से सारी जमीन खरीद ली है। जहां पर अदानी पावर के द्वारा 3200 मेगावाट की विद्युत परियोजना की स्थापना की करने वाली है इस विद्युत परियोजना के लिए बीते 15 मई को ग्राम पंचायत में जनसुनवाई का आयोजन कर किसानों से सहमति ली गई थी कंपनी ने किसानों से वादा किया था कि उन्हें पुरानी सुविधाये बहाल कर दी जायेगी। इसके अलाबा मुआवजा, रोजगार स्वास्थ्य, पेयजल संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी लेकिन 5 माह के भीतर ही किसानों को अपनी मांगों के लिए धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है इसके विरोध में आज किसान यूनियन संघ विस्थापित किसानों की मांगों को लेकर धरने पर बैठ गया है और अपनी मांगे पूरी होने तक काम बंद रखने की बात कही जा रही है। प्रबंधन लगातार किसानों से मानने की कोशिस कर रही है लेकिन किसान अभी भी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
किसानों का कहना है कि पूर्व में दिए जा रहे भत्ते की रुकी हुई किस्त जो वर्ष 2021 अप्रैल माह से दिसंबर 2024 तक बाकी है उसे पूरा भुगतान किया जाए विस्थापित किसानों को पेंशन की पात्रता दी जाए साथ ही काम के घंटा की समय सीमा निश्चित की जाए प्रभावित परिवार को शिक्षा, स्वास्थ्य,पेयजल, के अलाबा आजीविका की व्यवस्था कंपनी के द्वारा करने की बात कही गई थी लेकिन अभी तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई कंपनी के द्वारा नहीं की जा रही है इतना ही नहीं सौपे गये ज्ञापन में किसान यूनियन संघ ने यह मांगे भी कंपनी के सामने रखी है कि किसी भी तरह की मशीनरी संबंधी जरूरत पर कंपनी के द्वारा पहले विस्थापित हुए किसानों को प्राथमिकता दी जाए। किसानों का यह भी कहना था कि क्षेत्र में पानी की समस्या बढ़ रही है लेकिन कंपनी अभी भी विस्थापितों को पेयजल की उचित व्यवस्था नहीं कर पा रही है।