जालेश्वर मार्ग हुआ जर्जर

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श्रद्धालुओं के आवाजाही में हो रही भारी दिक्कत ।

संवाददाता / श्रवण उपाध्याय

अमरकंटक / मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक से लगभग नौ किलोमीटर दूर स्थित शिव मंदिर जालेश्वर धाम है । जहां पर भगवान शिव जी का बारहवीं सदी कलचुरी कालीन मंदिर आकर्षण का प्रमुख केंद्र है । भक्तजनों की यहां बड़ी आस्था है । श्रावण मास में बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु पैदल चलकर शिव जी को नर्मदा जल से जलाभिषेक या जल चढ़ाते (अर्पण) करते है । इस स्थान पर प्राकृतिक कुंड भी है जिसे जुहिला नदी का उद्गम स्थल भी माना जाता है । साल के बारह मास भक्त , श्रद्धालु , पर्यटकों का आवागमन जारी रहता है । श्रावण मास के सभी सोमवार को यहां हजारों भक्तों की भीड़ देखी जा सकती है । जालेश्वर धाम क्षेत्र में अनेक संतो के मंदिर , आश्रम भी है जहां पर भक्तों का आवागमन जारी रहता है ।
अमरकंटक शहडोल मुख्य मार्ग से पूर्व दिशा की ओर एक किलोमीटर दूरी तक का सड़क मार्ग (रास्ता) इस समय काफी जर्जर हो चुका है । दो पहिया और चार पहिया वाहन मालिको को आने जाने में भारी दिक्कत उत्पन्न होती है । इस रास्ते कई बार दुर्घटना होने की संभावना बन आती है । सड़क पर बन गए बड़े बड़े गड्ढों पर जब छोटे चार पहिया वाहन के टायर गड्ढों पर उतर जाते है तो बॉडी रोड से टकरा भी जाती है । पैदल हो या मोटरसाईकल से चलना भी कठिन हो गया जालेश्वर धाम जाना ।
अमरकंटक नगर परिषद के सीएमओ भूपेंद्र सिंह बघेल से जब इसकी जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि राज्य शासन द्वारा अनुमोदित सड़कों के उन्नयन एवं निर्माण कार्य (मरम्मत) हेतु कायाकल्प 2.0 अंतर्गत कार्य आदेश हो गया है । निविदा की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है और कार्य आदेश 05/12/24 को जारी भी हो चुका है । उन्होंने कहा कि पूर्ण करने की अवधि दो माह है । इसका टेंडर हो चुका है । इस तरह दो सड़कों का निर्माण वार्ड क्रमांक 02 बाराती तिराहा से हुडको कालोनी तक लगभग लागत 14 लाख और जालेश्वर मार्ग जिसकी लागत लगभग 46 लाख है । अब इन मार्गों का कार्य बहुत जल्द प्रारंभ होगा ।

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