November 29, 2023 7:09 am

सीधी, हत्या के आरोपी को 07 वर्ष का कठोर कारावास व 2,500/- रू. अर्थदण्ड

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सीधी। आनन्द वर्मा। माननीय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश, श्रृंखला न्यायालय रामपुर नैकिन,जिला-सीधी (म0प्र0) की न्यायालय के द्वारा विचारण उपरांत थाना रामपुर नैकिन जिला सीधी के अपराध क्रमांक 283/20 धारा 302 भा.द.सं. म.प्र. शासन विरूद्ध केमलभान सिंह गोंड तनय बुद्धसेन सिंह गोंड, उम्र-52 वर्ष, निवासी ग्राम छिरौही, पुलिस चैकी खड्डी थाना रामपुर नैकिन जिला सीधी को धारा 304 भाग 2 भा.द.सं. के अपराध में 07 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2500/- रूपये के अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किये जाने का निर्णय पारित किया गया।
बताया गया कि फरियादी विजय बहादुर सिंह द्वारा दिनांक 16.05.2020 को चैकी खड्डी में इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख करायी कि उसके पिता का एवं उसके बड़े पिताजी केमलभान सिंह का आपसी जमीन संबंधी बात चीत हो रही थी और आपस में गाली गुप्तार भी हो रही थी। करीबन 04:00 बजे लड़ते-झगड़ते सर्वजीत सिंह की बाड़ी के पास पहुंचे। उसके बड़े पिता केमलभान सिंह बाड़ी के पास बांस की मोटी लाठी पड़ी थी उठाकर उसके पिता के सिर में मारे तब सामने से सिर से खून निकलने लगा और वे जमीन पर गिर गये। उसने जाकर देखा तो उसके पिता मर चुके थे। झगड़ा को पड़ोस के बंश बहादुर सिंह, रामलाल सिंह गोंड़, निवासी माटा तथा श्रीमती सीमा सिंह एवं श्रीवती सिंह ने देखे हैं। मारपीट कर उसके बड़े पिता घर तरफ भाग गये। उक्त पर से चैकी खड्डी द्वारा आकस्मिक अकाल मृत्यु की सूचना मर्ग क्र. -08/2020 अंतर्गत धारा 174 दं.प्र.सं. में दर्ज की गई तथा उक्त पर से चैकी खड्डी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट अपराध क्र. 035/20 अंतर्गत धारा 302 भा.दं.सं. में दर्ज किया गया एवं प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना पश्चात् अभियोग पत्र माननीय अपर सत्र न्यायालय रामपुर नैकिन के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां न्यायालयीन विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक श्री आदित्य प्रताप सिंह के द्वारा शासन की ओर से पैरवी करते हुए अभियुक्त को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया। परिणामस्वरूप न्यायालयीन सत्र प्र. क्र. 6/20 में माननीय अपर सत्र न्याययालय द्वारा अभियुक्त को धारा 304 भाग 2 भा.द.सं. अंतर्गत 07 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2500/- रूपये के अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया गया। साथ ही अर्थदण्ड की राशि वसूल होने पर 2,000/- रू. प्रतिकर के रूप में मृतक के वारिस को अपील अवधि पश्चात् दिये जाने का आदेश भी पारित किया गया।

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