अनूपपुर। नवगठित नगर परिषद बरगवां अमलाई अंतर्गत तालाबों की कमी लोगों के रहन-सहन जीवन यापन के साथ उनकी दिनचर्या पर प्रभाव डालता है जैसे कि बरगवां की भूमि पर न्यू अमलाई भूमिगत खदान खुलने के कारण सन 1991 में जब भूमिगत खदान संचालित हुआ। तब यहां की सबसे पुराने जोड़ा तालाब जिसे गौतमांन तलाब के नाम से जाना जाता था। वह कोयला निकासी के कारण गॉफ क्षेत्र में आ जाने के कारण जल विहीन हो गया। जिसके कारण औद्योगिक एवं कोयलांचल क्षेत्र होने के साथ अन्यत्र राज्य के लोग बिहार उत्तर प्रदेश रहवासियों के द्वारा छठ पूजा के दौरान तालाबों में सूर्य उपासना के लिए पूजा के समय महत्त्व होता है। साथ ही नगर जनों के मृत्यु उपरांत अंत्येष्टि कार्यक्रम के बाद क्रियाकर्म के लिए विधि-विधान हेतु एवं मुखाग्नि देने वाले जातक एवं परिवारजनों के स्नान के लिए उपयोग किया जाता है। वह अब तालाब ना होने के कारण कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बड़ा कारण लोगों के दैनिक दिनचर्या के अनुरूप नित्य क्रिया हेतु उपयोगी होने के साथ पशु पक्षियों की प्यास बुझाने का सबसे महत्वपूर्ण साधन तालाब ही होता है जो नगर परिषद बरगवां अमलाई क्षेत्र में जल का भराव ना होने के कारण एवं कोयला खदान संचालित होने के बाद गोफ होने की वजह से जल हीन हो गया है। पूर्व में ग्राम पंचायत बरगवां गांधी नगर के कुछ तथाकथित लोगों के द्वारा मतभेद पैदा करते हुए। वर्तमान में नगर परिषद परिसर के अंदर बनाया गया स्विमिंग पूल नगर परिषद के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है जिसे तत्काल मिट्टी का भराव करके बंद कराया जाना चाहिए जिससे स्थान के अभाव में होने वाली कमी पूरी हो सकती है उसके एवज में धोबी टंकी के पास की तलैया में घाट निर्माण का कार्य जल्द से जल्द पूर्ण कराया जाना चाहिए। ज्ञात हो कि नगर परिषद चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में वर्तमान में नगर परिषद अध्यक्ष के द्वारा बरगवां तलैया में घाट निर्माण कार्य की घोषणा की गई थी किंतु मनुष्य एवं पशु पक्षियों के लिए उपयोगी तालाब के घाट निर्माण का कार्य अब तक शुरू नहीं किया गया।
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