उमरिया। अनिल साहू। बाँधवगढ टाइगर रिजर्व अंतर्गत पनपथा परिक्षेत्र में गश्ती के दौरान तेंदुवे के दो शावक मिले है,ये दोनों शावक अत्यंत दुर्बल और कमज़ोर लग रहे थे,कुछ ही देर में एक शावक की मौत हो गई,तभी गश्ती दल ने तत्काल दूसरे शावक को कार्यालय लाया और उपचार आदि शुरू कराया,परन्तु अफसोस इलाज के कुछ देर बाद दूसरे शावक की भी मृत्यु हो गई,सूत्रों की माने तो मादा तेंदुआ अपने शावकों को लेकर पनपथा रेंज के बटुराहार में विचरण कर रहा था,इसी बीच शिकार आदि के दौरान मादा तेंदुआ अपने शावकों को छोड़ कर आगे बढ़ गई,इसी बीच ये दोनों शावक बिना मां के जंगल मे अनाथ की तरह विचरण करने लगे,इस बीच भूख और प्यास से शावक निर्बल हो गए थे,इसी बीच गश्ती दल की मासूम शावकों पर निगाह पड़ी,परन्तु दुर्भाग्य से एक की मौत वही हो गई,दूसरे शावक की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।वन्य प्राणी विशेषज्ञों की माने तो मादा तेंदुआ अक्सर अपने मजबूत शावक को सुरक्षित रखने कमज़ोर शावकों को छोड़ देती है,इस मामले में भी सम्भवतः ऐसा हो सकता है कि मादा तेंदुवा अपने मजबूत शावक को सुरक्षित रखने इन दोनों कमज़ोर शावकों को जंगल मे ही छोड़ दी हो,बाद में इन दोनों शावकों को गश्ती दल ने देखा,और बचाने का प्रयास किया परन्तु दुर्भाग्य से दोनो ने जान गंवा दी।पार्क टीम अब डॉग आदि की मदद से उस मादा तेंदुवे की तलाश कर रही है,जिनके ये दोनों शावक थे,पार्क टीम अब मादा तेंदुए के बाकी शावकों को सुरक्षित रखने के प्रयास में जुट गई है।इस मामले में वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ नितिन गुप्ता ने बताया कि दोनो शावकों के पेट पूरी तरह खाली थे,सम्भवतः मौत की यही वजह रही हो।हालांकि तत्काल इलाज दिया गया,परन्तु बचाये नही जा सके।
