अनूपपुर के पत्रकारों ने दिखाई एकता

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सत प्रतिशत मांग पूरी करने का प्रशासन ने दिया भरोसा

प्रशासन के खिलाफ पत्रकार एकता मंच रहा आंदोलन पर

अनूपपुर की धरती आज कलमकारों के क्रोध से दहक उठी है पत्रकारों ने प्रशासन की बेरुखी, उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ ऐसा हुंकार भरा कि पूरा जिला गूंज उठा। न्यू बस स्टैंड अंडरब्रिज के पास “अनूपपुर पत्रकार एकता मंच” ने आंदोलन छेड़ दिया था। अब ये लड़ाई सिर्फ कलम की नहीं, इज़्ज़त और अधिकार की हो चुकी है।

अनूपपुर। अनूपपुर जिले में पत्रकारों के साथ हो रही लगातार बर्बरता, फर्जी मुकदमों और प्रशासन की उदासीनता ने आखिरकार पत्रकारों के सब्र का बांध तोड़ दिया। 8 नवंबर 2025 को जिलेभर से जुटे पत्रकारों ने न्यू बस स्टैंड अंडरब्रिज के पास आवाज़ बुलंद करते हुए अनिश्चितकालीन आंदोलन का आगाज़ किया था।इस आंदोलन को समर्थन देने छत्तीसगढ़ से आए पत्रकार जितेंद्र जायसवाल, कर्मुनिशा और अमित गुप्ता ने भी इस संघर्ष में कंधा मिलाया। सबने एक सुर में कहा “हम डरेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं, सच्चाई लिखते रहेंगे!”

आंदोलन को राजनीतिक दलों का भी भरपूर समर्थन मिला जिसमें कांग्रेस से जीवेंद्र सिंह, राजीव सिंह, बाबा खान, सतेंद्र दुबे तथा भाजपा से राज तिवारी और कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल रौतेल पहुंचे
पत्रकारों की मांगों पर गंभीरता दिखाते हुए अनुविभागीय दंडाधिकारी कमलेश पूरी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगन्नाथ मरकाम मौके पर पहुंचे और मंगलवार दोपहर 2 बजे नर्मदा सभागार में कलेक्टर के साथ सभी आंदोलनरत पत्रकारों से चर्चा होना तय की है।

कलमकारों का फूटा गुस्सा

पत्रकारों का सब्र अब जवाब दे चुका है।लगातार प्रशासन द्वारा उनकी खबरों को नजरअंदाज करना और फर्जी मुकदमे थोपना, इस आग में घी का काम कर गया। अनूपपुर के हर कोने से पत्रकार एकजुट होकर ललकार रहे हैं चिलचिलाती धूप में भी सैकड़ों कलमकार नारे बुलंद किए ।

छत्तीसगढ़ से पत्रकारों का समर्थन

अनूपपुर का संघर्ष अब सीमाओं से परे जा चुका है। छत्तीसगढ़ से आए वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र जायसवाल, कर्मुनिशा और अमित गुप्ता ने कहा यह आंदोलन सिर्फ अनूपपुर नहीं, पूरे देश के पत्रकारों की आवाज़ है। मंच पर खड़े होकर उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि पत्रकारों की मांगें जल्द नहीं मानी गईं तो यह आंदोलन प्रदेशव्यापी रूप ले लेगा।

सियासत भी आई मैदान में

पत्रकारों की यह जंग अब राजनीतिक गलियारों तक पहुंच चुकी है। कांग्रेस के जीवेंद्र सिंह, राजीव सिंह, बाबा खान, सतेंद्र दुबे सहित भाजपा के राज तिवारी और कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल रौतेल ने खुलकर समर्थन दिया। दोनों दलों ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र की रीढ़ हैं, और उन पर अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नेताओं ने आश्वासन दिया कि वे इस आंदोलन की गूंज मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे।

प्रशासन पर बढ़ा दबाव

लहराते बैनरों और गूंजते नारों के बीच आखिरकार प्रशासन हरकत में आया और अनूपपुर एसडीएम कमलेश पूरी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगन्नाथ मरकाम मौके पर पहुंचे। उन्होंने आंदोलनरत पत्रकारों को भरोसा दिलाया कि उनकी हर मांग पर गंभीरता से चर्चा और निराकरण किया जाएगा। SDM अनूपपुर ने कलेक्टर अनूपपुर से दूरभाष के माध्यम से बात कर आंदोलनरत पत्रकारों के साथ नर्मदा सभागार में मंगलवार को 2 बजे बैठक तय की गई है। पर सवाल ये है क्या प्रशासन अब भी नींद से जागेगा या फिर पत्रकारों का आंदोलन और उग्र होगा?