सुहागिन महिलाओं ने पति की दीर्घायु के लिए उपासना की
उमरिया /-घुलघुली। देवलाल सिंह। -सोमवती अमावस्या एक विशेष अमावस्या होती है, जो उस दिन आती है जब अमावस्या सोमवार को पड़ती है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व होता है और इसे शुभ माना जाता है। इस दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा करना बहुत ही शुभ माना जाता है।भाद्रपद की अमावस्या इस बार सोमवार के दिन पड़ रही है।अमावस्या तिथि हर महीने आती है यह तिथि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही विशेष मानी जाती है। इस दिन दान-पुण्य और धार्मिक कार्य करने से भोलेनाथ का आशीर्वाद साधक पर बना रहता है और घर में सुख-समृद्धि का वास रहता है।
सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि इस तिथि पर पीपल के पेड़ की 108 बार परिक्रमा करनी चाहिए। परिक्रमा के दौरान रक्षासूत्र भी पीपल पर बांधा जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि इससे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही वैवाहिक जीवन सुखी रहता है।
*उमरिया शहर सहित समूचे जिले में आज सोमवती अमावस्या पर श्रद्धा भक्ति के साथ सुहागिन महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर उपासना की। प्रातःकाल से ही सुहागिन महिलाओं ने पूजा की सामग्री से सजी थाली को लेकर पूजा स्थल पीपल के पेड़ की पूजा अर्चना करने पहुंची। पीपल वृक्ष पर जल चढ़ाकर टीका चंदन लगाया। वहीं दीप प्रज्वलित कर पुष्प, श्रीफल, पकवान, मिष्ठान अर्पित किए। ज्ञात हो कि परिक्रमा करने के लिए महिलाए अलग अलग श्रंगार सामग्री सहित अन्य सामग्री अपने साथ लाई थी। जहां सभी महिलाओं ने कतारवद्ध तरीके से पीपल वृक्ष पर साथ में लाई पूजा सामग्री को अर्पित कर 108 परिक्रमा की। पूजा अर्चना के दौरान सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लम्बी आयु व परिवार में सुख समृद्धि की कामना की।