भरी बारिश के बीच अतिथि शिक्षकों ने सौपा ज्ञापन

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5 सूत्रीय मांगो के लेकर सौपा ज्ञापन 

अनूपपुर। मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा अतिथि शिक्षकों को लेकर एक आदेश जारी किया गया था लेकिन सरकार बनने के साथ ही खुद मुख्यमंत्री बदल गए। मुख्यमंत्री बदलने के साथ ही अतिथि शिक्षकों का भविष्य खतरे में नजर आने लगा। जिस बात को लेकर आज जिला मुख्यालय में काफी संख्या में अतिथि शिक्षकों के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन कलेक्टर को सोपा गया है और एक विशाल रैली भी निकाली गई है जिसमें सभी अतिथि शिक्षक को ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
अतिथि शिक्षकों की ये रैली अपने उसे अंधकारमय भविष्य को लेकर निकाली गई है जिस पर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है लगातार प्रदेश सरकार इन अतिथि शिक्षकों की मांगों को दरकिनार करते आई है नियति कारण के अलावा अन्य सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं जिसके चलते शिक्षा जैसे केंद्र में उनके साथ भेदभाव हो रहा है अतिथि शिक्षक वरीयता सूची की बीमा कर रहे हैं लेकिन सरकार के द्वारा केवल वेतनमान बढ़कर इति श्री कर ली गई सरकार के मुख्यमंत्री बनने के साथी नई सरकार में शामिल हुए मोहन यादव के द्वारा जब वर्ष 2018 में वह खुद शिक्षा मंत्री थे तो उनके द्वारा इस बात का आश्वासन शिक्षकों को दिया गया था कि आप लोगों की मांग जायज है और सरकार इस पर ठोस कार्यवाही करेगी लेकिन मंत्री से मुख्यमंत्री बने मोहन यादव अब खुद इन शिक्षकों की शुद्ध लेने में कोई दिलचस्पी नहीं दिख रहे हैं।
अतिथि शिक्षकों की रैली नगर के प्रमुख मार्गो से होकर कलेक्टर कार्यालय पहुंची जहां पर रैली के दौरान शिक्षकों का उत्साह देखते बन रहा था तेज बारिश के बीच में भी अतिथि शिक्षक अपनी मांगों पर डटे रहे और लगातार सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की, इतना ही नहीं अतिथि शिक्षकों ने नगर के बाजार में घूम कर लोगों को अपनी पहचान भी बताने में कोई गुरेज नहीं समझा। शिक्षकों ने यह बताया कि जिन बच्चों का भविष्य हम अतिथि शिक्षक बना रहे हैं उनका खुद का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है 10_ 15 साल से अपनी शिक्षा देने में अपना सबकुछ न्योछावर कर देने के बावजूद भी अतिथि शिक्षकों को न तो नियतिकरण मिल रहा न ही वरीयता के आधार पर उन्हें रखा जा रहा है जिसके चलते वह इस विरोध प्रदर्शन को करने में मजबूर हैं। इसके अलावा भी पांच बिंदुओं को लेकर अतिथि शिक्षक अपनी मांगों पर डटे हुए हैं उनका कहना है कि अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो 5 सितंबर को प्रदेश की राजधानी में अतिथि शिक्षक विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

 

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