उमरिया/घुलघुली। देवलाल सिंह। उमरिया जिले में अक्सर आपने स्वयं अनुभव किया होगा या फिर अपने आसपास की परिवेश में देखा होगा। जब भी किसी बड़े अधिकारी के नाम का फोन आ जाए या फिर उनका टेक्स्ट मैसेज या व्हाट्सएप मैसेज आ जाए तो जिले के अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारी और समस्त विभाग अलर्ट मोड पर आ जाते हैं।
अगर आप भी ऐसे मैसेज और संदेश देख करके अचानक चौक जाते हैं। और अपना आपा खोकर खुद अपना आर्थिक नुकसान कर बैठते हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण
जिले के किसी बड़े अधिकारी का व्यक्तिगत कॉल या व्हाट्सएप मैसेज आना या तो किसी इमरजेंसी में होता है या फिर कोई विशेष जानकारी मांगी जानी होती है तब ऐसा होता है। लेकिन इसके लिए भी एक प्रॉपर सिस्टम से बड़े अधिकारी जिले के अन्य विभागों के अधिकारियों से बात करते हैं। लगभग यह हर विभाग के अधिकारियों को पता होता है। लेकिन फिर भी जिले के प्रमुख अधिकारियों के नाम से मैसेज या कॉल आने के बाद में अटेंशन स्वाभाविक है।
इसी अटेंशन का दुरुपयोग करने के लिए इन दिनों कलेक्टर उमरिया धरणेन्द्र कुमार जैन के नाम से साइबर ठग जिले के अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं। हाल ही में आज दोपहर जिला चिकित्सालय उमरिया में पदस्थ सिविल सर्जन डॉक्टर के सी सोनी और RMO डॉ संदीप सिंह के पास व्हाट्सएप में कलेक्टर उमरिया की तस्वीर लगाकर सायबर ठगों के द्वारा संपर्क करने का काम किया गया है। साइबर ठगों के पास किस स्तर की जानकारी है इसका आकलन आप इसी बात से लगा सकते हैं।सिविल सर्जन उमरिया जिन्हें डॉ के सी सोनी के नाम से लोग अक्सर जानते हैं। लेकिन साइबर ठगों को उनका पूरा नाम भी मालूम है।
हालांकि जिले में लगातार पुलिस अधीक्षक उमरिया निवेदिता नायडू के मार्गदर्शन में और उनके द्वारा स्वयं समय-समय पर ऐसे फेक मैसेज के बारे में आमजन को जागरूक किया जाता है। ऐसे कई मापदंड है जिनके आधार पर आप प्रथम दृष्टया फेक और ओरिजिनल मैसेज में फर्क जान सकते हैं। हालांकि दोनों डॉक्टर के द्वारा सायबर ठग के व्हाट्सएप मैसेज में कोई भी रिएक्शन नही दिया गया।
घुलघुली से देवलाल सिंह