स्वास्थ्य विभाग में मची लूट सीएमओ की कार्यप्रणाली पर उठ रहा सवाल
अनूपपुर। स्वास्थ्य विभाग में वित्तीय अनियमितता के तमाम मामलों की जांच पहले से ही आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो में चल रही हैं फिर भी आए दिन नए मामला सामने आ जाते हैं।
स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार की शिकायतों को जांच के नाम पर दबाया जा रहा है। साक्ष्यों के साथ की गईं शिकायतों का भी यही हाल है। बगैर कार्रवाई के मामले निपटा दिए जाते हैं। हद तो यह है कि डीएम से लेकर जेडी हेल्थ तक को मामलाें की जानकारी है, फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही है।
जिले में पदस्थ मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा अपने पदस्थापना दिनांक से आज दिनांक तक विभागीय मिली भगत इस कदर रही है कि नोटिस जारी कर देने के बाद किसी की वेतन वृद्धि रोकने व काटने का काम नहीं किया गया है। इसी का नतीजा है कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में लगातार कमियां जिले में देखने को मिल रही है कर्मचारियों के लापरवाही के चलते इसका फायदा आर्थिक रूप से सीएमएचओ ही उठाते आए रहे है।
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है कि वर्ष 2023- 24 में अपनी पद स्थापना दिनांक से आज दिनांक तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अशोक कुमार अवधिया के द्वारा केवल आर्थिक लाभ के लिए ही काम किया गया है इसी का नतीजा है कि विभागीय गड़बड़ियों में जिम्मेदार कर्मचारियों को नोटिस जारी कर देने के बाद भी आज दिनांक उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है केवल कारण बताओं नोटिस जारी करके इतिश्री कर ली गई है लक्ष्य का पीछा करते हुए सिकल सेल जैसे कार्यक्रम में गुणवत्तापूर्ण कार्य न किया जाने पर नोटिस जारी किया गया था, लेकिन नोटिस जारी हो जाने के कई महीने के बाद भी आज तक इन पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई। न हीं किसी का वेतन रोका गया और न ही उनसे वेतन में कटौती की गई।
विभागीय सूत्रों की माने तो बिना चढ़ोत्री के कोई भी काम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में संभव नहीं है पूर्व में भी पदस्थ जिलों में भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा इसी तरह का बर्ताव सतना जिले में भी किया गया जिसकी आड़ में काफी मोटी रकम मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा कमाई गई। इस फॉर्मूले में काम करते हुए अब मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी लगातार अनूपपुर जिले में भी मोटी रकम कमाने में जुटे हुए।
सरकारी आदेश को ही नहीं मान रहे सीएमएचओ अवधिया
सूचना के अधिकार में मिले दस्तावेजो से हुआ खुलासा
अनूपपुर। शासन के द्वारा तय मनकों के आधार पर जिले में पदस्थ अधिकारियो को वाहन व्यवस्था इसलिए उपलब्ध कराई गई ताकि अधिकारी क्षेत्र में चल रही केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओ का सही क्रियान्वयन हो रहा है कि नहीं इस बात की जानकारी जुटा सके, साथ ही अधिकारियों को टूर प्रोग्राम और टूर डायरी का संधारण इसलिए भी किया जाता है ताकि यह पता चल सके कि क्षेत्र में कितना काम अधिकारी के द्वारा किया जा रहा है लेकिन सूचना के अधिकार के तहत मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि सीएमएचओ को लागबुक और टू डायरी की जरूरत ही नहीं पड़ रही है। जिसकी आड़ में चिकित्सा अधिकारी मोटी रकम कमा कर मौजूदा सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं और लोकधन का नुकसान करने में अमादा है।
सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी में मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि निर्धारित और प्रोग्राम एवं टू डायरी निश्चित नहीं है शासन के निर्देशानुसार प्रोग्राम निर्धारित किया जाता है जिला स्तर से जारी निर्देशों के अनुसार स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा हेतु समय-समय पर स्वास्थ्य संस्थानों पर भ्रमण किया जाता है वहीं मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी अशोक कुमार अवधिया के पद स्थापना दिनांक से आज दिनांक तक विभाग में संलग्न वाहन की प्रमाणित जानकारी चाही गई। जिसमें लगे दस्तावेजों में जिला मुख्यालय में ही चल रहे वाहन के गंतव्य स्थान की दूरियों में फर्क बता रहा है की लाग बुक में सब फर्जी आंकड़े भरे जा रहे हैं। सबसे बड़ी लापरवाही तब सामने आई जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा क्षेत्र में भ्रमण के दौरान जो कमियां पाई गई, उन पर क्या कार्रवाई हुई कर्मचारियों को नोटिस जारी करने के बाद क्या उन कामों में सुधार हुआ या नहीं इस बात की भी जानकारी लेना मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी ने उचित नहीं समझा इसलिए प्रतिवेदन के संधारण के मामले में उनका कहना है कि इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि सरकारी आदेश को ही सीएमएचओ अशोक कुमार अवधिया नहीं मान रहें है।