जनपद अध्यक्ष ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
सीईओ को भार मुक्त करने की मांग
जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ का मामला
अनूपपुर। कलेक्टर कार्यालय अनूपपुर में आज काफी संख्या में पुष्पराजगढ़ जनपद के अध्यक्ष व सदस्य गण पहुंचे हुए थे उनके द्वारा अनूपपुर कलेक्टर को इस बात का ज्ञापन दिया गया है कि पुष्पराजगढ़ जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भार मुक्त किया जाए लेकिन कलेक्टर का कहना है कि अभी सीईओ को हाईकोर्ट से स्थगन मिला है लेकिन जो आदेश कोर्ट से मिला है उसकी समय सीमा पूरी हो चुकी है साथ ही कोई पुख्ता प्रमाण जिले के वरिष्ठ अधिकारी के पास नहीं है कि उन्हें जिले में ही रखा जाए।
ऐसे में पुष्पराजगढ़ की जनपद अध्यक्ष मिथलेश सिंह का कहना है कि हमारे आवेदन पत्र पर सुनवाई नहीं होती है तो धरना प्रदर्शन के साथ कार्यालय में ताला लगाने की भी कार्रवाई हमारे द्वारा की जाएगी।
31 जुलाई को हो चुका है तबादला
जिले की पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत में पदस्थ सीईओ आरपी त्रिपाठी का स्थानांतरण 31 जुलाई को पत्र क्रमांक 7126 का आदेश पुष्पराजगढ़ से उमरिया जिले के मानपुर हो गया। जिस पर सीईओ के द्वारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया।
जिले के अधिकारी हुएं गुमराह
हाईकोर्ट में दर्ज डब्लूपी 19637/ 2023 केस में फैसला दिया कि विभाग के द्वारा 15 दिवस के भीतर उचित कार्रवाई की जाए लेकिन आदेश होने के एक माह बीत जाने के बाद भी सीईओ है कि जनपद की कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं है। इतना ही नहीं इस बात की जानकारी से भी जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को भ्रम में रखा गया।
कलेक्टर ने भी कहा हाईकोर्ट से स्टे मिला
जनपद अध्यक्ष जब जनपद सदस्यो के साथ कलेक्टर से मिलने पहुंची तो जनपद अध्यक्ष के द्वारा कलेक्टर से सीईओ को हटाने की मांग की गई तो कलेक्टर ने भी नपा तुला जवाब देते हुए बताया की सीईओ हाईकोर्ट के स्थगन पर चल रहे हैं, लेकिन इस बात का कोई लिखित आदेश विभाग के पास मौजूद नहीं है।
स्थागन को मान लिए राहत
पुष्पराजगढ़ के मुख्य कार्यपालिका अधिकारी राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के द्वारा डब्लूपी 19637 केस के आधार पर मध्य प्रदेश शासन को पार्टी बनाकर अपना केस दर्ज किया था उसमें कोर्ट ने 8 अगस्त को फैसला सुनाया की 15 दिवस के भीतर विभाग उचित कार्रवाई करें। जिस पर 6 सितम्बर को अतिरिक्त संचालक के के श्रीवास्तव के द्वारा 8 सितंबर को भोपाल के मंत्रालय में पुष्पराजगढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को उपस्थित होने के लिए कहा गया, लेकिन सीईओ अपने कार्यालय में आराम फरमाते नजर आए।
गृह जिले में ही घूम रहे सीईओ त्रिपाठी
गृह जिले के निवासी होने के कारण राजेंद्र त्रिपाठी बीते कई सालों से अनूपपुर जिले की अलग-अलग जनपदों में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं कई बार इनके ऊपर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे हैं बावजूद इसके इनका स्थानांतरण एक जनपद से दूसरे जनपद जिले के ही भीतर होता रहा है इस बार भी उनका स्थांनातरण जिले के बाहर तो किया गया लेकिन उन्हें अभी तक भार मुक्त नहीं किया गया है।
सबने बंद रखी अपनी आंख
यह कहना भी गलत नहीं होगा कि क्या जिले के कलेक्टर को इस बात की जानकारी नहीं है कि हाई कोर्ट में दिए गए फैसले में क्या राजेंद्र त्रिपाठी को राहत दी गई या फिर विभागीय जांच पड़ताल के लिए किया कहा गया। हाईकोर्ट के द्वारा 8 अगस्त को दिए गए फैसले पर क्या विभाग ने अपनी आंखें मूंद रखी है या फिर राजेंद्र त्रिपाठी के लिए सब कुछ दाव पर लगाने का काम जनपद से लेकर जिले के वरिष्ठ अधिकारी करते आ रहे हैं।
सीईओ के विरोध में जनपद अध्यक्ष
इसी का नतीजा है कि अब जनपद अध्यक्ष श्रीमति सिंह को उनके खिलाफ खड़े होना पड़ा है उनका कहना है कि आने वाले दिनों में अगर राजेंद्र त्रिपाठी को बाहर मुक्त नहीं किया जाता है तो उनके द्वारा धरना प्रदर्शन और कार्यालय में ताला जोड़ने का भी काम किया जाएगा।