भारतीय अनुसूचित जाति अधिकार मंच के बैनर तले ज्ञापन दिया
फर्जी जाति प्रमाण पत्र की जांच, राज्यपाल के नाम दिया ज्ञापन
खण्डवा। मनीष गुप्ता। अनुसूचित जाति अधिकार मंच के बैनर तले, अनुसूचित जाति के विभिन्न संगठनों द्वारा आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया गया जिसमें मांग की गई की खंडवा विधायक देवेंद्र वर्मा के जाति प्रमाण पत्र की जांच कराई जाए, ज्ञापन में बताया गया कि
खण्डवा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 177 के विधायक देवेन्द्र वर्मा द्वारा अनुसूचित
जाति के अधिकारों का हनन, फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से विधायक किया गया है जिसकी जांच कराई जानी चाहिए
खण्डवा के विधायक श्री देवेन्द्र वर्मा द्वारा वर्षों से अनुसूचित जाति के अधिकारों पर कुठाराघात किया जा रहा है जो कि अनैतिक एवं असंवैधानिक है. इनको अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का कोई अधिकार नहीं है, न ही अनुसूचित जाति के लिए जो संवैधानिक आरक्षण एवं सुविधाएँ प्रदान की गई हैं उनको भी प्राप्त करने का कोई अधिकार नहीं है. किन्तु ये श्रीमान वर्षों से इन सुविधाओं का एवं अरक्षित पद का लाभ ले रहे हैं जो की अवैधानिक एवं असंवैधानिक है, ये जाट जाति से संबंधित है, इनके पूर्वज भी जाट जाति के रहे हैं. जो संविधान के तहत मध्यप्रदेश में अनुसुचित जाति नही है. इन्होने अपने फर्जी दस्तावेज तैयार कर स्वयं को जाट से सिलावट जाति का घोषित किया है जो कि अनुचित एवं अवैधानिक है तथा असंवैधानिक है. जिसका सम्पूर्ण रिकार्ड शासन एवं उच्च सतरीय अनुसचित जाति समिति के पास उपलब्ध है. तथा विधायक श्री देवेन्द्र वर्मा के बाद पिछले तीन वर्षों से इस समिति के पास प्रकरण लंबित है।
अतः आण्डया विधायक देवेन्द्र वर्मा को तत्काल प्रभाव से मध्यप्रदेश विधानसभा की सदस्यता से निष्काषित किया जाये तथा भविष्य में भी इन्हें अनुसूचित जाति के लाभ प्राप्त करने से रोका जाये.