लापरवाह स्वास्थ्य विभाग आखिर कब तक मरीजों को करेगा रिफर
जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है, वहीं जिला अस्पताल अपनी लचर व्यवस्थाओं के कारण आए दिन सुर्खियों में बना रहता है। बीते दिनों एक दुर्घटना में अत्यधिक जल जाने के लाए गए मरीजों के इलाज की व्यवस्था न होने के करण उन्हें तत्काल ही रिफर करना पड़ा। जबकि आज से 2 वर्ष पूर्व जिले की प्रभारी मंत्री सुश्री मीना सिंह ने जिला अस्पताल में बर्न यूनिट लगाने एवं लगाकर स्वयं को अवगत कराने हेतु कलेक्टर को पत्र लिखा था। वहीं इस बात को 2 साल गुजर गए, डीएमएफ मद के करोड़ो रु फालतू के कामों में खर्च हो लेकिन बर्न यूनिज नहीं लग पाई। वहीं स्वास्थ्य विभाग बीते 2 वर्षों में लगभग 2 करोड़ रु सिर्फ पुताई पर खर्च कर चुका है जबकि उसके बिना भी काम चल सकता था। चूंकि उसमें कमीशन मिलने की संभावना स्वास्थ्य विभाग को नजर नहीं आ रही है, शायद इसलिए ही स्वास्थ्य विभाग ने डीएमएफ मद से उस निर्माण कार्य को रोक रखा है।
अनूपपुर
जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था आज ऐसी हो गई है कि उसे स्वयं इलाज की आवश्यकता है। वहीं जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से भागते हुए महज कोरम पूर्ति में लगे हुए है। चारो तरफ फैली अव्यवस्थाओं की तरफ किसी का ध्यान ही नहीं है। जिसका खामियाजा जिला चिकित्सालय आने वाले मरीजी को भुगतना पड़ता है। ऐसी ही बर्न यूनिट जिसकी बीते कई वर्षों से जिला चिकित्सालय में तत्काल आवश्यकता है, जिससे दुर्घटना का शिकार हुए सैकड़ो मरीजों की जान बच सकती है। लेकिन अफसोस कि बात है कि इस ओर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
प्रभारी मंत्री की नहीं सुनता स्वास्थ्य विभाग –
बीते 2 वर्ष पूर्व जिले की प्रभारी मंत्री सुश्री मीना सिंह ने कलेक्टर को पत्र लिखकर यह कहा गया था कि मेरे प्रभार के जिला अनूपपुर में अमरकंटक विद्युत ताप ग्रह चचाई में तथा हिन्दुस्तान पावर विद्युत ताप गृह जैतहरी में स्थापित हैं। इसी क्षेत्र में एसईसीएल की खदाने भी संचालित हैं। जिससे बड़े स्तर पर गंभीर हादसे निर्मित होते रहते हैं। अतः जनहित में जिला खनिज गौड़े मद से जिला चिकित्सालय अनुपपुर में एक बर्न युनिट स्थापित कर अवगत करावें। लेकिन लापरवाह जिला प्रशासन ने प्रभारी मंत्री के आदेश को हवा में उड़ाते हुए अपनी जिम्मेदारियों से आंख मूंद ली, यह पत्र इस बात का प्रमाण है।
आखिर किसने रोका बर्न यूनिट का निर्माण
गौरतलब है कि इस अत्यंत आवश्यक बर्न यूनिट को स्थापित करने के लिए प्रभारी मंत्री ने पत्र जिले के कलेक्टर को लिखा था। लेकिन 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी उनके इस आदेश पर किसी भी प्रकार का संज्ञान अधिकारियों ने नहीं लिया। वही लापरवाह स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार भी कुम्भकर्णीय निद्रा में सोए रहे। अब इस तरह के अति आवश्यक कार्यों को नज़रंदाज़ किया जाना एवं लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कहीं से भी न्यायोचित नहीं है। ऐसे में यह प्रश्न जायज़ है कि आखिर जिले की जनता को सुविधाओं के आभाव में रखते हुए बर्न यूनिट जैसे अति आवश्यक कार्य को किसने और क्यूँ रोक रखा है।
तो क्या.! नई सरकार को अवगत कराएंगे
मौजूदा सरकार में जिस तरह से विकास कार्यों की झड़ी लगी हुई है। उसे देखते हुए यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले की प्रभारी मंत्री सुश्री मीना सिंह ने 2 वर्ष पूर्व ही जिले के कलेक्टर को जिला खनिज गौड़ मद से खर्च कर जिला अस्पताल में बर्न यूनिट स्थापित करने के आदेश दे दिए थे। वहीं प्रदेश में मौजूदा भाजपा सरकार के मंत्री एवं अनूपपुर के विधायक बिसाहू लाल सिंह इस ओर ध्यान देते हुए कितने कम समय में इस कार्य को पूरा करवा पाते हैं यह तो वक्त बताएगा। फिलहाल जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने तो तय कर लिया है कि बर्न यूनिट स्थापना के कार्यों से वो नई सरकार को ही अवगत कराएंगे।