2019 में प्रेमिका को कोल्डड्रिंक में दिया था जहर
खंडवा। मनीष गुप्ता। कोर्ट ने एक बहुचर्चित हत्याकांड में आरोपी हेड कांस्टेबल को डबल उम्रकैद की सजा सुनाई है। उसने जुलाई 2019 में प्रेमिका को कोल्डड्रिंक में जहर देकर मौत के घाट उतार दिया था। यहां तक कि वर्दी क रौब दिखाकर सारे साक्ष्य मिटा दिए । खंडवा और में भर्ती रहने के दौरान मृतिका के बयान तक नही दिए। मर्ग डायरी पर जांच चली और केस दर्ज हु तो एक साल तक फरार रहा। आरोपी संजय मौर्य साल से न्यायिक हिरासत में था। वह थाना सिटी कोतवाली में ड्राइवर के पद पर पदस्थ था। सुनवाई के दौरान मृतिका की गोद ली बेटी ने गवाही दी थी।
विशेष न्यायाधीश प्राची पटेल की कोर्ट ने सुनाई है। केस की पैरवी एडीपीओ रूपेश तमोली ने की। तमोली के मुताबिक, 13 जुलाई 2019 की रात 8 से 10 बजे के बीच नर्मदापुरम स्थित घर में 31 वर्षीय महिला की जहर से तबीयत बिगड़ गई थी। तब प्रधान आरक्षक संजय मौर्य घर के अंदर ही था । तबीयत बिगड़ने पर मौर्य उसे अस्पताल ले गया था लेकिन उसके बयान दर्ज नहीं होने दिए। फिर उसे जिला अस्पताल से इंदौर के अस्पताल ले गया। वहां मौर्य ने डॉक्टर से कहा था कि पारिवारिक कारणों से महिला ने जहर खा लिया है। 20 जुलाई को इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई थी। 15 अगस्त 2019 को इंदौर पुलिस ने कोतवाली खंडवा में डायरी भेजी थी।
इस आधार पर पुलिस ने चश्मदीद मृतिका की गोद ली हुई 14 साल की बेटी से पूछताछ की। जांच के दौरान बालिका ने बताया कि प्रधान आरक्षक संजय मौर्य मां और मेरा यौन शोषण करता था। घटना वाले दिन वह वह मां के साथ कमरे में था। उनके बीच विवाद हो रहा था। मौर्य ने मां को पीटा फिर जबर्दस्ती जहर की गोलियां खिला दी थी। कुछ समय बाद वह महिला को बेहोशी की हालत में गोद में उठाकर कमरे से निकला था। फिर उसे अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इस दौरान मौर्य ने महिला के मृत्यु पूर्व कथन नहीं होने दिए थे। आला अफसरों ने तत्काल मौर्य को निलंबित कर दिया था। वह एक साल तक फरार रहा, कोतवाली पुलिस ने मौर्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सजा होने के बाद आरोपी फूट फूट कर रोने लगा, वही मृतिका की बेटी ने कहां की मां को न्याय मिला है