September 25, 2023 10:27 pm

रेत खनन पर रोक फिर भी नदी में उतरती मिली पनडुब्बी

Traffictail

खनिज अधिकारी ने किया पनडुब्बी को आग के हवाले

– अवैध उत्खनन में मिला एक डंपर भी जब्त

– सत्ताधारी नेताओं के संरक्षण में खुलेआम चल रहा है अवैध उत्खनन

शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। शिवपुरी जिले में सिंध नदी के किनारे बारिश का दौर में रेत खनन पर रोक है। इसके बाद भी अवैध उत्खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। शिवपुरी के खनिज अधिकारी ने कल्याणपुर रेत खदान पर जब छापा मारा तो यहां पर अवैध उत्खनन होता हुआ पाया गया। यहां पर एक अवैध पनडुब्बी प्रशासन की टीम को मिली है। इसके अलावा एक डंपर को भी जप्त किया गया है।खनिज अधिकारी ने यहां पर मिली पनडुब्बी को आग के हवाले करवा दिया। शिवपुरी क्षेत्र में आने वाली कल्याणपुर रेत खदान की सबसे बड़ी रेत खदान मानी जाती है और यहां पर सत्ताधारी नेताओं के संरक्षण में कुछ अवैध उत्खननकर्ता खुलेआम अवैध खनन करते हैं।

प्रभारी खनिज अधिकारी अनूप श्रीवास्तव ने जब कल्याणपुर खदान में अवैध उत्खनन और परिवहन की जांच करने मौके का निरीक्षण किया था। तो यहां पर प्रभारी खनिज अधिकारी अनूप श्रीवास्तव द्वारा कल्याणपुर खदान पर पहुंचकर मौके पर पानी में उतरी पनडुब्बी को स्वयं आग के हवाले कर दिया इसके अतिरिक्त एक डंपर को भी जब्त किया गया। प्रभारी खनिज अधिकारी ने क्षेत्र वासियों और अवैध उत्खनन व परिवहन करने वालों को सख्त निर्देश दिए है कि किसी भी रूप में क्षेत्र में अवैध उत्खनन और परिवहन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, इस कारोबार में लिप्त रहने वालों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।

बारिश में रोक फिर भी चल रहा है अवैध उत्खनन-

शिवपुरी जिले में बारिश के दौर में 30 जून से 30 सितंबर तक नदी और उसके आसपास खनन पर रोक है लेकिन इसके बाद भी अवैध उत्खनन जारी है। रेत का यह कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है जिसमें करैरा, अमोला, सुनारी सहित अन्य क्षेत्रों में यहां से सिंध नदी गुजरती है वहां पर अवैध उत्खननकर्ता रेत का अवैध उत्खनन करके इसे बेच रहे हैं। इस पूरे मामले में प्रशासनिक अफसरों की भी मिलीभगत है। खासकर पुलिस का संरक्षण इन लोगों को है। सूत्र बताते हैं कि सत्ताधारी दल से जुड़े हुए कुछ नेता अवैध उत्खनन को अंजाम देते हैं। इसके लिए इस क्षेत्र की कल्याणपुर रेत खदान बदनाम है और यहां पर लगातार पनडुब्बी उतारकर नदी से अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है जिसका काफी एक हिस्सा पुलिस के पास भी पहुंचता है।

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