GM एवं पुलिस अधीक्षक भी बने मूकदर्शक
शिकायत के बाद भी फर्जी नौकरी करने वालों पर आज तक नहीं हुई कोई कार्यवाही
उमरिया। बृजेश श्रीवास्तव। जिले के अंतर्गत कई कोल माइंस कालरी खुली हुई है जहां से कोयला निकालकर विद्युत उत्पन्न की जाती है वा रेलवे के थ्रू मालगाड़ी से बाहर भी भेजा जाता है इन सब कार्यों के लिए मजदूरों की आवश्यकता पड़ती है तो वही इस कोयले के काले कारनामे में यहां पर कुछ कर्मचारी फर्जी नाम एवं फर्जी जाति के नाम से नौकरी कर रहे हैं और जब इनकी शिकायत जोहिला एरिया के जीएम एवं पुलिस अधीक्षक से की जाती है तो आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं होती
शिकायतकर्ता राजेंद्र मिश्रा ने बताया कि मैंने फर्जी नौकरी करने वाले का नाम पता वोटर आईडी आधार कार्ड और जो भी डाक्यूमेंट्स लगते हैं शिकायत करके मैंने शिकायत की कॉपियों के साथ सारा कुछ दिया हुआ है कई दिन गुजर गए लेकिन आज तक उन दस्तावेजों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई और कहा यह जाता है कि आप इनके कागजात हमें दीजिए हम कार्रवाई करेंगे लेकिन अधिकारी बाबू की मिली सांठ गांठ के चलते यह सब संभव हो पाना मुश्किल समझ में आ रहा है और सरकार को लोग चूना लगाने से कोई भी संकोच नहीं कर रहे हैं
अब सवाल यह उठता है कि जब इतनी शिकायत और साक्क्षय होने के बाद कोल माइंस की प्रबंधक अपना फर्ज अदा करने में क्यों चुप कर रहे हैं यहां पर एक सवालिया निशान खड़ा होता है
हमारे सूत्र बताते हैं कि ऐसे कई कर्मचारी हैं जो फर्जी नौकरी करके फर्जी नाम और फर्जी जाति से नौकरी करने के बाद रिटायरमेंट होकर रिटायरमेंट की पूरी राशि निकाल के अपने घरों में जाकर बैठ चुके हैं और पेंशन लेरहे हैं कुछ अब रिटायरमेंट होने वाले हैं वह भी दबी जुबान में सोच रहे हैं कि चार दिन की नौकरी बची है करके निकल जाएं रिटायरमेंट का पैसा मिल जाए उसके बाद देखा जाएगा लेकिन प्रबंधन इस बात की अनदेखी कर रहा है कि फर्जी नौकरी के दस्तावेज जमा होने के बाद भी प्रबंधन और प्रबंधन के बाबू और प्रबंधन के अधिकारी इनकी मिली भगत होने के कारण सरकार को आर्थिक चूना लगाया जा रहा है इसकी जल्द से जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए नहीं तो आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश और बिहार एवं झारखंड के लोग इस कार्य को अंजाम देने से नहीं चूकगे और अंजाम यह होगा कि सरकार को आर्थिक चुना लगता रहेगा यह यह एक प्रबंधन के ऊपर सवालिया निशान बना हुआ है