September 21, 2023 3:41 pm

बिना मुरूम खदान के पंचायतों में बन रहे ग्रेवल मार्ग

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सरकारी निर्माण पर खनिज विभाग मौन
सप्लायर उठा रहे मोटा मुनाफा ,राजस्व का हो रहा नुकसान
अनूपपुर। इन दिनों जिले में निर्माण कार्यों की बाढ़ सी आ गई है। ठेकेदार निर्माण कार्यों की सप्लाई के नाम पर जमकर चांदी काट रहे हैं और इसका सीधा नुकसान सरकार को पहुंच रहा है मगर जिम्मेदार इस मामले में ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जिला मुख्यालय से सटे कई ग्राम पंचायतों में इन दिनों ग्रेवल मार्ग का काम चल रहा है। विद्यालयों में बाउंड्री वॉल के निर्माण और भूमि समतलीकरण के लिए उपयोग में लाए जाने वाली गौण खनिज मुरूम की जिले में एक भी खदान संचालित नहीं है बावजूद इसके भूमि समतलीकरण के नाम पर खनन माफिया अवैध मुरूम की खदानों को संचालित कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।
निर्माण एजेंसी पंचायत फिर भी अवैध उत्खनन
ग्राम पंचायतों में निर्माण एजेंसी पंचायत होने के कारण अवैध उत्खनन का यह व्यापार काफी फल-फूल रहा है कई पंचायतों में मौजूद मुरूम की खदान होने के चलते पंचायत के कर्मी व ठेकेदार निर्माण कार्य की आड़ में मुरम का अवैध उत्खनन व परिवहन कर पंचायत के निर्माण कार्यों में सप्लाई कर सरकार को ही चूना लगा रहे हैं जबकि जिले में एक भी मुरूम की खदान संचालित नहीं है बावजूद इसके मुरूम का उपयोग जमीन समतलीकरण से लेकर ग्रेवल मार्ग निर्माण में भी जमकर किया जा रहा है।
इन पंचायतों में हो रहा अवैध उत्खनन
जानकारी के अनुसार दुलहरा ,लखनपुर, कांसा डिडवापानी हर्री बर्री, गोबरी, गोधन, चोर भट्टी, टकौहली के अलावा परसवार और सकरा में भी अवैध रूप से मुरूम की खदानों का संचालन पंचायत में सप्लाई करने वाले ठेकेदारों के द्वारा किया जा रहा है।
नही है एक भी मुरूम की खदान
जानकारी के अनुसार जिले में एक भी मुरूम की खदान बीते 5 सालों में स्वीकृत नहीं की गई है कई बार इन अवैध मुरूम खदानों में हादसे भी हुए हैं जिसके चलते जिला प्रशासन के द्वारा इन खदानों को स्वीकृति देने से इंकार कर दिया गया है मगर खतरे से अंजान बने यह ठेकेदारों के द्वारा जानबूझकर अवैध रूप से मुरूम की खदानों का संचालन किया जा रहा है और जमीन का स्वरूप बिगड़ने का काम भी यह कर रहे हैं।
हों रही राजस्व की चोरी
जिस तरह से सरकारी कामों में अवैध रूप से मुरूम की सप्लाई की जा रही है इसमें न तो रॉयल्टी का पता है और न ही स्वीकृत खदान का जिसके चलते लगातार राजस्व की चोरी हों रही है और खनिज संपदा को पंचायत में हो रहे निर्माण कार्यों में पाटनेका काम ठेकेदार कर रहे हैं जिससे खनिज विभाग को नुकसान पहुंच रहा है और सरकार को मिलने वाले राजस्व की भी चोरी हो रही है।
सप्लायर ही हैं खनन माफिया
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायतों में हो रहे निर्माण कार्यों में जो सप्लायर पंजीकृत हैं उन्हें के द्वारा निर्माण सामग्री पहुंचाने की जिम्मेदारी है इसी की आड़ में यह सप्लायर अवैध उत्खनन को अंजाम दे रहे हैं और पंचायतों के माध्यम से अवैध उत्खनन कर निर्माण स्थल में पहुंचा कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं निर्माण एजेंसी पंचायत होने के कारण सप्लायरओ को एक तरह की अंदरूनी मदद का काम पंचायत के प्रतिनिधि भी कर रहे हैं या फिर यूं कहें कि इस अवैध उत्खनन में पंचायत के कर्मी भी शामिल नजर आ रहे हैं।
भुगतान में लगे बिलों से हो सकता है अवैध उत्खनन का खुलासा
ग्राम पंचायतों को पंचायत का आईना बनाने के लिए सरकार के द्वारा पंचायत दर्पण की शुरुआत की गई। इसमें निर्माण और की जा रहे कामों का पूरा विवरण मौजूद है इन्हीं साईट में जिन सप्लायरओ को निर्माण सामग्री का भुगतान किया जाता है उसी के माध्यम से अवैध उत्खनन का भी खुलासा हो सकता है।ज्यादातर बिलों में रेत और मुरूम समेत अन्य चीजों की सप्लाई की जाती है जिससे भी टैक्स की चोरी और रॉयल्टी की चोरी को पकड़ा जा सकता है।

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