जबलपुर और रीवा संभाग के है अधिकतर प्रत्याशी
सामान्य प्रशासन पंचायत विभाग में हो रही फर्जी भर्ती
डेस्क। यूं तो भ्रष्टाचार के नित नए खुलासे होते ही रहते हैं पर इस बार तो सौदागरों ने हद ही कर दी जो काम प्रदेश के मामा नही कर पाए वो काम इन लोगो ने कर दिखाया।
मध्यप्रदेश में बने एक नए विभाग की जिसे इन नौकरी के सौदागरों के द्वारा बनाया गया है इतना ही नही इस नए विभाग के तहत लगभग 37 लोगो को प्रदेश के अलग अलग जनपदों में नौकरियां भी बांट दी गई।
इन दिनों एक पत्र सोशल मीडिया में लगातार सुर्खिया बटोर रहा है जिसमे सामान्य प्रशासन पंचायत विभाग के तहत लगभग 37 लोगो को प्रदेश की अलग अलग जनपदों में ब्लॉक शेक्सन ऑफिसर के पद पर नियुक्तियां प्रदान की गई है। जारी किए गए पत्र में नाम पद व पिता के नाम के साथ नियुक्त स्थान का न भी अंकित किया गया है जब जानकारों से इस संबंध से बात की गई तो उन्होंने बड़े भ्रष्टाचार की बात कही साथ ही ऐसा कोई विभाग न होने की पुष्टि भी की। अब सवाल उठता है कि आखिर इस खेल को किसने अंजाम दिया व इस खेल में कोन कोन शामिल है क्या राजधानी की सहमति के बिना यह संभव है नियुक्ति पत्र में बकायदा तत्कालीन पंचायत विभाग के मुखिया अमरपाल सिंह के दस्तखत भी बनाए गए हैं जिसके आधार पर नियुक्ति पत्र लोगो को दिया गया इतना ही नही सूत्रो की माने तो बल्लभ भवन भोपाल ले जाकर ये पत्र बांटे गए हैं।
मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन पंचायत विभाग के नाम पर फर्जी भर्ती करने का मामला सामने आया है जिसमें फर्जी पत्रों के आधार पर प्रदेश के लगभग 37 विकासखड़ो से लोगों को नौकरी का झांसा देकर उनसे मोटी रकम ऐंठने का काम हुआ है। प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में ब्लॉक एकेडमी पासकर्ता अधिकारी के नाम पर पोस्ट निकाली गई है जिसमें सरकारी पत्रों का भी हवाला दिया गया है लेकिन जानकारी लेने पर पत्राचार में किए गए ,जारी पत्र, दिनांक, उस पर मौजूद अधिकारियों के हस्ताक्षर सब कुछ फर्जी नजर आ रहा है। जालसाज के द्वारा जिला कलेक्टर के नाम पर भी नियुक्ति कर्ताओं को पत्र भी जारी किया गया है अभ्यार्थी अलग अलग विकासखंडों में जाकर जॉइनिंग कर पाते इसके पहले ही मामले का खुलासा हो गया हालांकि कुछ जालसाज इस मामले में फरार जरूर भी हो गए हैं अभ्यर्थियों की सूची के आधार पर फर्जीवाड़े का भी खुलासा जल्द किया जा सकता है जिसमें कई नकाबपोश के द्वारा मोटी रकम देकर सीधी भर्ती के नाम पर अपने आप को प्रत्याशी बताने का काम किया गया।
फर्जीवाड़े में जालसाज के द्वारा पत्र का जो प्रारूप बनाया गया है उसमें पत्र का मेहरूम एकदम सरकारी पत्रों की तरह ही रखा गया है ताकि किसी भी तरह की गलती होने की गुंजाइश न रहे, जारी पत्र में मूल वेतन निर्धारण, ग्रेड पे तक की जानकारी जालसाज़ के द्वारा जारी किए गए पत्र में दी गई है इस पत्र में 3 माह का प्रशिक्षण पंचायत ग्रामीण विकास सभागार में होने की भी बात कही गई है। इन सबके अलावा मध्य प्रदेश सेवा सिविल आचरण नियम 1954/ 1/क के उप नियम पर अभ्यर्थियों की पदस्थापना तक करने की बात पत्र में बताई गई है बीते 21 जुलाई को इन सभी अभ्यर्थियों को विकासखंड के आधार पर अपनी नियुक्ति दिखानी थी जो अब विवाद में जाति नजर आ रही है। एक फर्जी पत्र हमारे हाथ भी लगा है। जिसमें 15 वा वित्त/ 2023/ 2764 दिनांक 29 मार्च2023 का हवाला देकर अनूपपुर और शहडोल जिले से 4 लोगों को इस फर्जी भर्ती कांड में नौकरी दिलाने का काम किया गया है।
कुछ दिन पहले पटवारियों की भर्ती परीक्षा में भी इसी तरह के विवाद सामने आने पर सरकार के द्वारा जांच खड़ी कर दी गई है वही अब सेक्शन ऑफिसर पंचायत अधिकारी के नाम पर भी फर्जीवाड़ा सामने आया है इस मामले में भी सरकार और जिले के अधिकारी जल्दी कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
फर्जी भर्ती के मामले में अनूपपुर, शहडोल, रीवा जबलपुर, होशंगाबाद, उमरिया , डिंडोरी कई अभ्यर्थी इस फर्जीवाड़े में शामिल बताए जा रहे हैं। अनूपपुर जिले के 4 जनपदों में अनूपपुर जनपद में मोहम्मद परवेज, जैतहरी जनपद में मोहम्मद इलम, राजेंद्रग्राम जनपद में संजय सिंह व कोतमा जनपद से आसिफ हुसैन के नाम शामिल बताए जा रहे हैं।
