गांधी जी के तीन बंदरों वाले सिद्धांत की तर्ज पर कार्य कर रहे मुख्यकार्यपालन अधिकारी
भ्रष्ट सचिव पर मेहरबान प्रशासन, स्थानांतरण के बाद भी भुगतान के फेर में नही दे रहे प्रभार
जनपद पंचायत में भ्रष्टाचार की पटकथा लिखी जा रही है और जिम्मेदार अधिकारी मूक दर्शक बने हुए है। मुख्यकार्यपालन अधिकारी ने तो मानों गांधी जी के तीन बंदरों वाले सिद्धांत पर “बुरा मत देखों, बुरा मत सुनों और बुरा मत करों” के मंत्र को कुछ इस प्रकार अपनाया है कि भ्रष्टाचार की शिकायत मत सुनों, शिकायतकर्ता और भ्रष्टाचार को ना देखों एवं भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही (बुरा) मत करों। लगता है यही कारण है कि ग्राम पंचायत के निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत पर जिम्मेदार कुंभकर्णी नींद में सोए हुए है।
अनूपपुर –
जनपद पंचायत जैतहरी अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों में एक अर्से से पदस्थ पंचायत सचिवों ने ग्राम पंचायत को भ्रष्टाचार का गढ़ बना रखा है और स्थानांतरण नीति के विपरीत अधिकारियों द्वारा इन्हें अघोषित शह दी गई है या कहा यह भी जा सकता है कि हमाम में सब नंगे की तर्ज पर भ्रष्टाचार से प्राप्त मलाई मिलबाट कर खाई जा रही है। इसीलिए तो वर्षों से जमें सचिव को प्रभारी मंत्री के जनपद से बाहर ट्रांसफर किए जाने के आदेश के बाद भी अन्यत्र पदस्थापित नहीं किया जाता है। पंच, उपसरपंच, सरपंच जो कि ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि होते है जिन्हें जनता विकास के उद्देश्य से चुनती है वह भी इस भ्रष्टाचार में कही न कही शामिल नजर आ रहे हैं।
कार्यों के भुगतान में बराबर की हिस्सेदारी –
बीते 7 जुलाई को जिला पंचायत कार्यालय अनूपपुर के द्वारा ग्राम पंचायत ओढेरा की सचिव रामलली पटेल का तबादला करते हुए लखनपुर का प्रभार सौंपा गया था और तीन दिवस के भीतर ग्राम पंचायत लखनपुर में अपनी उपस्थिति दर्ज करतें हुए अपनी पंचायत का प्रभार भी रोजगार सहायक को सौंपना था किंतु चल रहे निर्माण कार्य के भुगतान न होने से सचिव ने आज दिनांक तक अपना प्रभार नही दिया। यूं कहे कि होने वाले भुगतान में एक बड़ी रकम में हिस्सेदारी ने रोक रखा है।
पंचायत का मोह छोड़ने को तैयार नहीं –
इतना ही नहीं सूत्रों की माने तो उक्त सचिव को जनपद से बाहर करने के आदेश प्रभारी मंत्री ने दिए थे। किंतु अधिकारियों की मिलीभगत के चलते इनका स्थानांतरण उसी जनपद में पुनः कर दिया गया। वही लखनपुर का प्रभार ले लेने के बाद भी सचिव के द्वारा अभी तक ग्राम पंचायत ओढेरा में निर्माण कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। जबकि इस बात का विरोध सरपंच के द्वारा भी किया गया है लेकिन यह सचिव है कि पंचायत का मोह छोड़ने को तैयार नहीं है।