उन्नयन के दौरान 15 लाख के निर्माण पर हुआ बंदरबाट,
उपयंत्री इंद्रजीत पटेल का कारनामा
ग्राम पंचायत से उन्नयन होकर नगर परिषद बनी बरगवां में एक निर्माण कार्य को लेकर तीन जिम्मेदार व्यक्ति अपनी अलग-अलग राय दे रहे हैं। जिसके चलते इस मामले में कार्यवाही ठंडे बस्ते में जाती दिखाई पड़ रही है। जबकि आम जनता की गाढ़ी कमाई से 15 लाख रुपए की होली खेलन का काम वर्तमान सचिव व उपयंत्री के द्वारा किया गया। लेकिन जांच के नाम पर जनपद है कि कार्यवाही को लेकर अभी भी आनाकानी कर रही है। जिस कारण इस मामले में सबकी मिली भगत होने से इंकार भी नही किया जा सकता है।
अनूपपुर। मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर परिषद बरगवां के द्वारा 25 मार्च 2023 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जैतहरी जनपद को पत्र क्रमांक 311 जनपद/निर्माण/2023 के संबंध में पत्राचार किया गया था। जिसमें वर्तमान नगर परिषद के द्वारा हाट बाजार के फर्शीकरण के बिल निराकरण कराने के लिए जनपद को पत्र लिखा था, उसमें अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है।
एक ही मामले में तीन राय –
आलम यह है कि एक ही मामले में अलग-अलग जिम्मेदार अपनी राय दे रहे हैं। एक तरफ पंचायत के सचिव रहे छक्के लाल राठौर ने बताया है कि कार्य का उपयोगिता प्रमाण पत्र कार्य का जारी कर दिया गया है तो वहीं दूसरी ओर वर्तमान जनपद सीईओ का कहना है कि जांच कौन करेगा.? यह भी अभी साफ नहीं है। तो वही इसके विपरीत नगर परिषद अध्यक्ष ने बताया कि जितने का बिल लगा है उतना का काम दिखाई नहीं दे रहा है और लगाया गया बिल भी जीएसटी पेड नही है। जिस बात की भी जांच की जानी चाहिए, हालांकि अभी तक निर्माण कार्य का भुगतान नहीं किया गया है।
उपयंत्री ने लगाया पंचायत को चूना –
जिस दौरान नगर पंचायत बरगवां में इन निर्माण कार्यों को अंजाम दिया जा रहा था उस समय वहां पर पंचायत सचिव के रूप में छक्के लाल राठौर एवं उपयंत्री इंद्रजीत पटेल थे। इन दोनों के द्वारा आपसी मिलीभगत करते हुए बिना टीपी के मुरूम का परिवहन व उत्खनन कराया गया। जिसके लिए उपयंत्री के द्वारा बकायदा उपयोगिता प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया। आपसी मिलीभगत होने के कारण उपयंत्री पटेल ने इस फर्जीवाड़े में अपने ही विभाग को चूना लगाने का काम किया है।
गुणवत्ता विहीन हुआ है कार्य –
नगर परिषद बरगवां में जिस जगह पर पंचायत काल में फर्शीकरण हुआ, हाट बाजार का निर्माण कार्य कराया गया। इन दोनों कार्यों में गुणवत्ता की अनदेखी की गई, जिसके चलते निर्माण कार्य आज अपनी जुबान खुद बयान कर रहा है। मौके पर देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि उपयंत्री के द्वारा अपनी इंजीनियरिंग का नया तरीका बरगवां की धरती पर उतारने का काम किया है।
2 माह बीते, नहीं हो सकी जांच –
नगर परिषद बरगवां को बीते 2 माह पूर्व निर्माण कार्यों की जांच के लिए जैतहरी जनपद को एक पत्र लिखा गया था। जिसमें हाट बाजार फर्शीकरण की जांच कराए जाने की मांग की गई थी। इस पत्र में निर्माण की गुणवत्ता और रुके बिल का भुगतान करने की बात कही गई। लेकिन बीते 2 माह से अभी तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है।
कौन करेगा जांच, यह भी साफ नहीं –
इस पूरे मामले में जब हमारे द्वारा जैतहरी जनपद के सीईओ व्ही.एम. मिश्रा से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच जनपद के द्वारा होगी या किसी अन्य विभाग के द्वारा यह बात भी अभी साफ नहीं है। ऐसे में आम जनता की गाढ़ी कमाई से जमा हुआ टैक्स और खनिज मद से खर्च हुई राशि में हुए बंदरबांट पर जांच और उसमें कार्यवाही कौन कर सकता है इस बात से अभी तक सभी अंजान बने हुए है।
जारी हो गया उपयोगिता प्रमाण पत्र –
जिस तरह से फर्शीकरण के काम में लापरवाही की गई और मौके पर गुणवत्ता साफ देखने को मिल रही है। ऐसे में आपसी मिलीभगत के तहत ही कार्य का उपयोगिता प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया है। यह कहना गलत नहीं होगा कि भुगतान पाने के लिए उपयंत्री इंद्रजीत पटेल से लेकर सचिव छक्के लाल राठौर तक दस्तावेजों की आड़ लेकर अपने आप को पाकसाफ बता रहे हैं।
सीईओ होते है जिम्मेदार – उपयंत्री
इस मामले में जब हमारे द्वारा वर्तमान उपयंत्री इंद्रजीत पटेल से संपर्क साधने का प्रयास किया गया तो उनके द्वारा कोई भी उचित जवाब नहीं दिया गया। हालांकि उनकी बातचीत से यह बात जरूर साफ हुई कि इस पूरे कामों की जिम्मेदारी जनपद के सीईओ की होती है। तभी तो इंद्रजीत जैसे उपयंत्री पंचायत को चपत लगाने का काम करते आ रहे हैं।
इनका कहना है –
हमारे समय में कार्य को पूर्ण कर दिया गया है, जिसका उपयोगिता प्रमाण पत्र भी जारी हो चुका है।
छक्के लाल राठौर
तत्कालीन सचिव, ग्राम पंचायत बरगवां
कार्य की जांच पंचायत करेगी या फिर जनपद, यह अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि कार्य का भुगतान रुका हुआ है।
व्ही.एम. मिश्र
सीईओ, जैतहरी जनपद, जिला अनूपपुर
मौके पर उतना कार्य परिलक्षित नहीं हो रहा है, जितने का बिल लगाया गया है। लगा हुआ बिल भी जीएसटी पेट नहीं है, ऐसे में भुगतान कैसे हो.? उसके पहले कार्य की जांच होनी भी जरूरी है।
गीता गुप्ता
अध्यक्ष नगर परिषद बरगवां, जिला अनूपपुर