एक फर्जी पर एफआईआर दर्ज , तीन संदेह के घेरे में “
रायसेन। मध्यप्रदेश में दिव्यांग सर्टिफिकेट पर नौकरी पाने वाले 80 शिक्षकों के प्रमाण फर्जी निकले हैं। इसके बाद प्रदेश भर के दिव्यांग कोटे से भर्ती हुए शिक्षक शक के घेरे में आ गए हैं।
शिक्षा विभाग द्वारा दिव्यांग कोटे से भर्ती होने वाले शिक्षकों को फिर से मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होने के निर्देश दिए गए थे ।
रायसेन जिला मुख्यालय की जिला अस्पताल में बुधवार को बैठे मेडिकल बोर्ड के सामने दिव्यांग कोटे से भर्ती हुए शक के घेरे में आए 26 शिक्षकों को परीक्षण कराने पहुंचाया गया ।
इनमें से 23 शिक्षक फिट पाए गए हैं , जबकि 3 शिक्षकों की जांच होना बाकी है।
एक शिक्षक के दस्तावेज अधूरे हैं जिन्हें लाने के लिए कहा गया है दो शिक्षक की जांच अटकी है ।सोमवार को जांच की प्रक्रिया पूर्ण हो पाएगी।
शासकीय जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अनिल ओढ़ ने बताया कि जिला अस्पताल में मेडिकल बोर्ड के सामने जो शिक्षक पेश हो चुके हैं ,उनकी जांच रिपोर्ट बनाकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को भेज दी गई है ।
शेष बचे 3 शिक्षकों की रिपोर्ट जांच के बाद मंगलवार तक भेजने की बात कही गई है ।
जिला शिक्षा अधिकारी एमएल राठौरिया ने बताया कि जिले में दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर 27 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है । जिनमें से एक शिक्षिका रितिका भदोरिया का दिव्यांग प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर उसे बर्खास्त किया जा चुका है एवं डीपीआई भोपाल के आदेश पर उसके खिलाफ रायसेन कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
शेष बचे 26 शिक्षकों जिन्हें दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षक -शिक्षिकाओं की नौकरी मिली है । लोक शिक्षण संचनालय के आदेश के बाद इन सभी दिव्यांग शिक्षकों की जांच में मेडिकल बोर्ड से कराई गई है । 23 शिक्षकों की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है ।जिसे डीपीआई भोपाल को भेजा जा रहा है।
वैसे यह सभी 23 शिक्षक डॉक्टरों की नजर में फिट पाए गए हैं ।
अभी 3 शिक्षकों की जांच रिपोर्ट आना बाकी है।