September 25, 2023 9:56 pm

किसानों ने बनाई नवम्बर तक की योजना राजभवन में डाला जाएगा डेरा

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किसानों ने बनाई नवम्बर तक की योजना
प्रदेश भर में यात्राएं, संभागों में सम्मेलनों के बाद राजभवन पर डेरा डाला जाएगा
संयुक्त किसान मोर्चे का समन्वय गठित

भोपाल
मध्यप्रदेश के किसानों ने किसानों और ग्रामीण आबादी के जीवन को तकलीफदेह बनाने वाली नीतियों के खिलाफ एक तीखा और साझा संघर्ष शुरू करने की घोषणा की है । इस संघर्ष के मुद्दों और उसकी योजना पर आज भोपाल में हुई एक बैठक में विस्तार से चर्चा की गयी और नवम्बर तक का कार्यक्रम बनाया गया ।
बैठक में तय किये गए कार्यक्रम के अनुसार ;
नर्मदा बचाओ आन्दोलन की 38वीं वर्षगांठ 13 अगस्त को बड़वानी में संयुक्त किसान मोर्चे की मध्यप्रदेश इकाई का सम्मेलन किया जाएगा ।
25 अगस्त से 10 सितम्बर तक प्रदेश भर में अलग अलग यात्राएं निकाली जायेंगी तथा 9 संभागीय केन्द्रों पर साझे किसान सम्मेलन किये जायेंगे ।
22 सितम्बर को रीवा की शहादत भूमि पर संयुक्त किसान मोर्चा अपना महासम्मेलन कर चुनावों के बारे में अपना किसान घोषणा पत्र जारी करेगा और
गांधी जयंती 2 अक्टूबर से 4 अक्टूबर तक प्रदेश भर के किसान राजभवन पर धरना देकर प्रदेश की ग्रामीण आबादी की दुर्दशा बढ़ाने वाली केंद्र तथा राज्य सरकारों की नीतियों का विरोध कर उन्हें बदल कर नयी वैकल्पिक नीतियाँ लाने की मांग करेंगे ।

इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चे की एक अस्थायी समन्वय समिति का गठन किया गया जिसमे 11 संगठन शामिल हैं । संभागीय सम्मेलनों और यात्राओं के दौरान प्रदेश भर के अधिकतम किसान संगठनों को जोड़ कर इस प्रदेश इकाई को और समावेशी बनाया जाएगा । आज की बैठक में गठित समन्वय समिति प्रदेश के बाकी संगठनों से सम्पर्क कर उन्हें भी जोड़ेगी, इसका कार्यालय बी टी आर भवन, 13 बी पद्मनाभ नगर भोपाल में रहेगा ।

यह बैठक संयुक्त किसान मोर्चे द्वारा देश भर में की जा रही राज्य स्तरीय बैठकों के क्रम में हुयी थी ।
एस के एम के केन्द्रीय नेतृत्व के प्रतिनिधि के रूप में बैठक में आये डॉ सुनीलम ने देश भर में बनी योजना तथा मोर्चे की समावेशी तथा व्यापक कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से बताया । अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज के संचालन में हुयी इस बैठक में जनक राठौर (ए आई के एस), मनीष श्रीवास्तव (ए आई के के एम एस), अशोक तिवारी (मध्यप्रदेश किसान सभा), संदीप सिंह (भारतीय किसान जनशक्ति यूनियन), मुकेश भगोरिया (नर्मदा बचाओ आन्दोलन), डॉ ए के खान (किसान मजदूर संघर्ष समिति), बाबू सिंह राजपूत, विजय कुमार (अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा) लालता कोल (आदिवासी एकता महासभा), इन्द्रजीत सिंह शंखु (शहीद राघवेन्द्र सिंह संघर्ष समिति), श्री राम सैन (सिलवानी), अंगद सिंह (सिवनी), आशीष तिवारी, जितेन्द्र सिंह ठाकुर ने सुझाव रखे । मप्र किसान सभा के महासचिव अखिलेश यादव तथा उपाध्यक्ष रामनारायण कुररिया तथा ए आई के एस के सत्यम पाण्डेय भी रहे ।

वरिष्ठ किसान नेताओं प्रहलाद बैरागी, इरफ़ान जाफरी तथा इन्द्रजीत सिंह शंखु ने बैठक की अध्यक्षता की और उसे संबोधित भी किया ।

बैठक ने 20 मुद्दों पर प्रस्ताव पारित किये । इनमे सीधी में आदिवासी युवक पर भाजपा विधायक प्रतिनिधि द्वारा पेशाब करने की शर्मनाक दिल दहलाने वाली घटना की निंदा और कड़ी कार्यवाही की मांग , फसल बीमा की धांधली खत्म कर सारे किसानो की भरपाई की जिम्मेदारी सरकार द्वारा लेने, जैविक खेती के नाम पर कार्पोरेट्स की बजाय किसानो को सब्सिडी देने,चम्बल में जारी तीनो आंदोलनों का समर्थन, भूमि अधिग्रहण और विस्थापितों की मांगों को लेकर जारी सभी आन्दोलनों का समर्थन, किसानो के लिए पेंशन योजना लाने, किसानो को बिजली के निशुल्क स्थायी कनेक्शन देने, भूमिहीनों तथा बंटाईदारों को भूमि देने, चरनोई की जमीन पर बाहुबलियों और दबंगों का कब्जा हटा उसे गरीबों को देने, मंडी में किसानो की लूट रोकने, आदिवासियों को जमीन और पट्टे की जमीन का कब्जा दिलाने, लंबित बोनस भावान्तर और आपदा राहत राशि का भुगतान करने, बंद शकर कारखाने खोलने, सेंचुरी मिल के मजदूरों की मांगे पूरी करने, आवारा पशुओ के आतंक से मुक्ति दिलाने, आवास योजना की राशि गाँवों में भी शहरों के बराबर करने, मनरेगा में भ्रष्टाचार रोक कर, अब तक के घपलों की जांच कराकर, काम के दिन और मजदूरी की दरें बढाने , रीवा में जारी रेलवे, बसोड तथा डभौरा के आंदोलनों की मांगें पूरी करने के मुद्दे शामिल हैं ।

संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ से जारी

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