महिला सरपंच ने की कलेक्टर से शिकायत
अनूपपुर। अंत्येष्टि सहायता राशि के मामले में फर्जी साइन करते हुए सचिव के द्वारा राशि आहरित कर लेने की शिकायत पंचायत के ही महिला सरपंच के द्वारा की गई है। जिसमें डिजिटल साइन की जगह सरपंच के हिंदी में हस्ताक्षर करना पाया गया है जिस बात की शिकायत महिला सरपंच के द्वारा कलेक्टर से की गई है मामला जैतहरी जनपद की ग्राम पंचायत लहरपुर का बताया जा रहा है l।
जैतहरी जनपद की ग्राम पंचायत लहरपुर की सरपंच ने अपने ही पंचायत के सचिव के खिलाफ राशि गबन का आरोप लगाते हुए बीते जनसुनवाई में कलेक्टर से शिकायत की है जिसमें यह आरोप सरपंच के द्वारा लगाया गया है कि सचिव ने उसके फर्जी हस्ताक्षर करके अंत्येष्टि सहायता की राशि का आहरण कर लिया। वही सचिव डीएससी वेरीफाई न होने की बात बता रहे हैं और खाते से कोई राशि नहीं निकाली गई है। हालांकि इस मामले में जांच के बाद ही नतीजा सामने आ पाएगा।
मामले के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार जैतहरी जनपद की ग्राम पंचायत लहरपुर की सरपंच शकुंतला सिंह के द्वारा 13 जून को अनूपपुर कलेक्टर से शिकायत करते हुए सरपंच का फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप पंचायत के सचिव सुदामा राठौर पर लगाया है।
सरपंच ने बताया है कि मध्यप्रदेश राज्य पत्र दिनांक 17 मई 2018 पेज क्रमांक 560 पैरा क्रमांक 4 की कंडिका 5 के अनुसार मुख्यमंत्री जन कल्याण अंत्येष्टि सहायता राशि योजना राशि तीस हजार ग्राम पंचायत के खाते से आहरण करने का स्वीकृति प्रदान करती है जारी हुए इस पत्र में सरपंच और सचिव के हस्ताक्षर भी मौजूद हैं। जिसमें सरपंच का साइन फर्जी बताया गया है।
इस मामले में लहरपुर की सरपंच शकुंतला सिंह ने शिकायत पत्र में बताया है कि बीते 6 जून को ग्राम पंचायत सचिव सुदामा राठौर द्वारा आवेदिका को मोबाइल फोन से बुला बोला गया कि सरपंच जी मोबाइल पर एक ओटीपी आया है उस पर ओटीपी को तुरंत बताएं जिस संदर्भ में भुगतान किया जाना है जिसमें पुलिया निर्माण का पेमेंट देना है उसी का ओटीपी मोबाइल पर आया है जिसे सरपंच के द्वारा ओटीपी बता दी गई।
शिकायत पत्र में सरपंच ने बताया है कि राशि का भुगतान अंत्येष्टि सहायता बाबत मेरे फर्जी हस्ताक्षर कर राशि निकाली गई। भविष्य में किसी बड़ी राशि का भुगतान व आहरण को भी अंजाम देने की बात सरपंच के द्वारा बताई गई है उक्त मामले में सरपंच के द्वारा मामले की जांच कराने की बात कही गई है।
गौरतलब है कि अंत्योस्टी सहायता के मामले में अधिकतम सहायता राशि ₹5000 तक स्वीकृत की जाती है मगर सचिव के द्वारा ₹30000 का राशि आहरण करने का प्रयास फर्जी हस्ताक्षर के माध्यम से किया गया है जिस बात की भनक लगने पर सरपंच के द्वारा तत्काल मामले की शिकायत कलेक्टर से की गई है।