कोतमा के रहने वाले है मूल कब्जाधारी
मामला जैतहरी के वॉर्ड क्रमांक 05 के खसरा नंबर 733 का
दूसरे के सेजरा में भीखम सराफ बना वारिसदार
धारणाधिकार के आवेदन से हुआ मामले का खुलासा
अनूपपुर। बहुत पुरानी कहावत है कि पड़ोसी पड़ोसी के ही काम आता है मगर इस बार पड़ोस में रहने वाले ने घर के बारिशों में अपना नाम लिखा कर 85 लाख की जमीन का हेरफेर कर दिया। इस बात की जानकारी जब मूल कब्जधारकों को हुई तो उनके द्वारा मामले की शिकायत प्रदेश के मुखिया से की गई। जिस पर कार्यवाही चल रही है। तो वही कब्जे की भूमि में लगातार निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।
जैतहरी नगर की आराजी खसरा क्रमांक 733 की लगभग 27 84 वर्गफीट की जमीन वर्तमान पता वार्ड नंबर 05 मुख्य बाजार पर मौजूद है उक्त भूमि को कोतमा के रहने वाले आशा सराफ व उसके पुत्र राघव के द्वारा 12 अक्टूबर 2020 में विक्रय जैतहरी के ही रहने वाले आनंद अग्रवाल पिता मोहनलाल अग्रवाल को बेच दिया गया। जिस बात की शिकायत जैतहरी के रहने वाले महेश प्रजापति के द्वारा भी की गई है।
परचितो से खुला बिक्री का राज
इस जमीन खरीदी में मुख्य बात तब सामने आई जब कोतमा के रहने वाले लक्ष्मीनारायण और सत्यनारायण के पुत्रों को मामले की जानकारी लगी कि उनकी कब्जे की जमीन उनके पड़ोस में रह रहे आशा सराफ पति स्वo भीखम सराफ और पुत्र राघव के द्वारा लक्ष्मी नारायण के फौत में शामिल होकर जमीन की बिक्री 85 लाख रुपए में जैतहरी के निवासी को कर दी गई, हालांकि सरकारी दस्तावेजों में उक्त जमीन की कीमत 28 लाख बताई गई है जबकि बाजारू की 85 लाख के आसपास बताई जा रही है।
सत्यनारायण ट्रस्ट की है यह जमीन
जानकारी के अनुसार वर्तमान पता कोतमा के रहने वाले मूल कब्जे धारी लक्ष्मी नारायण के पुत्र संजय, अजय, अनुप को हुई तो उनके द्वारा इस मामले की शिकायत 9 मई को अनूपपुर कलेक्टर से लेकर प्रदेश के मुखिया तक कर दी, लेकिन कार्यवाही न होने के चलते उनके द्वारा जब दोबारा 26 जून 2023 को दोबारा इस मामले की शिकायत की गई तो प्रदेश के मुखिया के आए हुए पत्र के बाद कलेक्टर के द्वारा धारणाधिकार के तहत लगाए गए पत्र को कलेक्टर कार्यालय के द्वारा निरस्त कर दिया गया।
और आनंद का धारणाधिकार हुआ निरस्त
आशा सराफ व उसके पुत्र राघव के द्वारा 12 अक्टूबर 2020 को आनंद अग्रवाल को जमीन की बिक्री कर दी गई थी। जिसके बाद आनंद अग्रवाल के द्वारा धारणाधिकार के तहत उक्त भूमि के पट्टा बनाने के लिए कलेक्टर कार्यालय में आवेदन किया गया था इस पर कलेक्टर के द्वारा 6 जून 23 को उक्त आवेदन को ही निरस्त कर दिया गया, लेकिन मौके पर आनंद अग्रवाल के द्वारा विक्रय नामा के साथ स्थल पर निर्माण कार्य को लगातार अंजाम दिया जा रहा है इस पर प्रशासन के द्वारा अभी भी कोई रोक नहीं लगाई गई है।
पड़ोसी ने पड़ोसी का उठाया फायदा
इस पूरे मामले में जो जानकारी सामने आई है उसमें पड़ोसी ने पड़ोसी का ही फायदा उठा लिया क्योंकि पिछले 3 पीढ़ियों से उनके परिवार के आपसी व व्यापारिक संबंध चले आ रहे थे इस बात से अनजान लक्ष्मी नारायण के पुत्र भी बराबर अपनी जिम्मेदारी व कर्तव्य पड़ोसी के नाते निभाते आए लेकिन पड़ोस के ही रहने वाले आशा पति भीखम सराफ व उसके पुत्र राहुल बिंदल ने पड़ोस के ही लोगों को धोखे में रखकर उनके दादा के नाम की जमीन में अपना और अपनी मां का नाम फौत के माध्यम से सरकारी रिकॉर्ड में चढ़ाकर जमीन की बिक्री कर मोटा मुनाफा कमा लिया।
मौके पर जारी है निर्माण कार्य
वार्ड क्रमांक 05 की जमीन जो सेंट्रल बैंक के बगल में मौजूद है पर लगातार लक्ष्मी नारायण के पुत्रों के द्वारा की जा रही शिकायत पर अमल करते हुए बीते 26 जून को जिला प्रशासन के द्वारा धारणाधिकार के तहत लगाए गए आवेदन को निरस्त कर दिया गया है लेकिन अभी भी मौके पर आनंद अग्रवाल निवासी जैतहरी के द्वारा निर्माण कार्य को लगातार अंजाम दिया जा रहा है इस निर्माण के आड़ में जानकारी यह भी सामने आ रही है कि राजस्व विभाग से लेकर राजनीतिक रसूख वह अन्य लोगों को भी आनंद अग्रवाल नोटों के बलबूते पर खरीदते आ रहा है जिसके चलते निर्माण कर अभी भी चल रहा है।
यहां से खुला राज
जमीन के मूल कब्जेधारियों के द्वारा दस्तावेजी साक्ष्य के लिए जब पड़ोस में रहने वाले पड़ोसी की जांच पड़ताल की तो दस्तावेजों में लक्ष्मी पिता शिवदयाल मारवाड़ी के चार लड़की और एक लड़के में से मूल बारिश बृजमोहन पुत्र नत्थू लाल की 20 एकड़ की भूमि जोकि पथरोड़ी ग्राम में मौजूद थी के दस्तावेज खंगाले गए तो उसमें सेजरे के माध्यम से लोगों की जानकारी सामने आई । जिस बात के बाद पीड़ित पक्ष के द्वारा मामले की शिकायत एसडीएम से लेकर कलेक्टर व प्रदेश के मुखिया से की गई।
बाप ने जमीन के लिए बदल दिया अपना बाप
कोतमा के वार्ड क्रमांक दो में रहने वाले नत्थू लाल पिता बृजमोहन मारवाड़ी की पत्नी से पैदा हुए भी भीखम सराफ ने इस बात की जानकारी अपने तक ही रखी और दस्तावेजों में परिवर्तन कराकर जमीन का लाभ लेने का प्रयास जरूर किया लेकिन बीमारी के चलते भीखम सराफ की कुछ साल पहले मृत्यु हो जाने के बाद उक्त जमीन की बिक्री विधवा आशा सराफ व पुत्र राघव बिंदल के द्वारा जैतहरी के रहने वाले आनंद अग्रवाल को कर दी गई। जबकि उक्त जमीन के मूल कब्जेधारी कोतमा के वार्ड क्रमांक 2 के ही रहने वाले लक्ष्मीनारायण की पत्नी कमला देवी की संतान संजय, अजय, अनूप के नाम में उतरनी थी लेकिन भीखम सराफ के द्वारा दस्तावेजों में छेड़छाड़ करते हुए अपने परिवार का नाम उसमें दर्ज करा लिया गया।
... तो क्या पीड़ित को मिलेगा न्याय
पीड़ित परिवार न्याय की आस में कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है मगर मौके पर अभी भी निर्माण कार्य जारी है आनंद अग्रवाल के द्वारा पैसे के बलबूते पर निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है यह जमीन नजूल भूमि बताई जा रही है उक्त भूमि की बिक्री भी संभव नहीं है बावजूद इसके आनंद अग्रवाल के द्वारा जानबूझकर उक्त जमीन की खरीद बिक्री कर ली गई और उसमें निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।
नजूल की भूमि की हो गई बिक्री
मध्य प्रदेश के गठन होने के साथ ही जमीन की खरीद-फरोख्त के लिए मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता का गठन किया गया इसके माध्यम से जैतहरी के सत्यनारायण ट्रस्ट को नजूल की भूमि दी गई। इस भूमि पर मारवाड़ी समाज के द्वारा मंदिर व धर्मशाला का निर्माण कार्य कराया गया लेकिन बदलते समय के साथ जमीन की बढ़ रही कीमतों और कुछ पीढ़ियों के दूसरी जगह व्यापार के चलते बसने के कारण कोतमा के भूमाफिया व उसके पिता स्वर्गीय भीखम सराफ की नजर काफी समय से लगी हुई थी जिस पर उनके द्वारा पड़ोस के रहने वाले लक्ष्मी नारायण की जैतहरी में मौजूद आराजी खसरा नंबर 733 की 2784 वर्ग फुट की जमीन में अपना नाम शामिल कराकर वर्ष 2020 में उसकी बिक्री करा दी गई।
मंदिर की चौखट पर लिखा है भू स्वामी का नाम
दरअसल जिस समय सतनारायण ट्रस्ट को यह जमीन नजूल के तहत प्राप्त हुई थी उसी जमीन के सामने में मौजूद सत्य नारायण मंदिर भी समाज के द्वारा बनाया गया था। इस मंदिर में आज भी चांदी की लगी चौखट में भूस्वामी का नाम दर्ज है बावजूद इसके भी भीखम और राघव बिंदल के द्वारा जानबूझकर इस जमीन की बिक्री पैसों की लालच में दूसरों को कर दी गई जबकि आज भी मंदिर की चौखट पर भूस्वामी का नाम दर्ज है।