सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार चरम पर, दावों में गुणवत्ता पर हकीकत में गुण पर बट्टा
जिले में आजकल सड़कों के निर्माण पर विभिन्न मदों से हर साल कई करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे। पथ निर्माण विभाग से लेकर नगरपालिका तक सड़कों के निर्माण में लगे हैं। फिर भी सड़कों की हालत ऐसी कि जिलेवासी इन पर हिचकोले खा रहे। सड़कों के निर्माण में तय मानकों व गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जा रहा। निर्माण में घटिया सामग्री लगा दी जा रही, तय अनुपात में गिट्टी, बालू व सीमेंट का मिश्रण नहीं किया जा रहा एवं निगरानी करने वाले पता नहीं कहां सोए रहते हैं। ठीकेदार अधिक मुनाफा कमाने व कमीशन के चक्कर में निर्माण कार्य की गुणवत्ता को ताक पर रख रहे हैं।
कोतमा। जिला खनिज मद से स्वीकृत नगर कोतमा की बहुप्रतीक्षित सड़क अनूपपुर रोड शुक्ला दाबा से बसखली रोड शुक्ला ढाबा तक जो कि कोतमा नगर की महत्वपूर्ण सड़को में से एक है। इस सड़क के माध्यम से एनएच-43 के साथ-साथ सैकड़ो ग्रामीण अंचल का पहुँच मार्ग जुड़ता है। जिससे हजारो की संख्या में ग्रामीण वासियों तथा भारी वाहनों का आवागमन निरंतर बना रहता है। उक्त सड़क पर नगर का एक मात्र बस स्टैंड स्थापित है, जिसमे यात्रियों से भरी बसों का आवागमन बना रहता है।
सड़क पर तीन पेट्रोल पम्प, लगभग 10 की संख्या में चार पहिया एवं दो पहिया वाहनों के शोरूम, भारतीय जीवन बीमा निगम कार्यालय, भारतीय स्टेड बैंक, एसडीएफसी बैंक एक्सिस बैंक एवं नगर की प्रमुख चार विद्यालय सेन्ट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल, ग्रीन लैंड पब्लिक स्कूल, शासकीय प्राथमिक विद्यालय (केन्द्र स्कूल) सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के संचालन के साथ-साथ नगर की प्रमुख होटले एवं मवेशी बाजार व अन्य व्यवसाय संचालित है। जिस कारण उक्त मार्ग उपयोगिता के साथ-साथ नगर का काफी व्यस्त मार्ग है।
उक्त बहुप्रतीक्षित सड़क का निर्माण डामरीकरण एवं सीमेन्ट कोक्रीट से किया गया है जिसकी अनुमानित लागत लगभग 10 करोड़ है एवं निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग एवं ठेकेदार अनिल बिल्डकॉन है। मार्ग का निर्माण पिछले 3 वर्ष पूर्व प्रारम्भ कर कुछ दिनों पूर्व पूर्ण कर दिया गया है एवं वर्तमान समय में रोड डिवाइडरों पर फिलिंग का कार्य किया जा रहा है।
रसूख के दम पर मनमाने ढंग से हुआ कार्य
करोड़ों की लागत से निर्मित सड़क की दुर्दशा साफ तौर पर देखी जा सकती है जिसमें ठेकेदार द्वारानी मनमानी व अपने रसूख के दम पर गुणवत्ता को ताक में रखकर मनमाने ढंग से सड़के का निर्माण कर दिया गया। जिसका परिणाम यह है कि बारिस से पहले ही सड़क कई जगह से उखड़ना शुरू हो गई, जिस पर पंचिंग का कार्य कराकर घटिया निर्माण को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है। सड़क से उखड़ने वाली गिट्टीया, खराब गुणवत्ता, घटिया निर्माण एवं भ्रष्टाचार की कहानी खुद ही बयान कर रही है।
शिकायत के बावजूद संज्ञान नहीं लेते अधिकारी
पूर्व में भी सड़क निर्माण के दौरान घटिया निर्माण को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों से कई बार मौखिक रूप से शिकायत की गई थी। किन्तु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी एवं हीला हवाली कर टाल दिया गया और ना ही ठेकेदार को विभाग द्वारा तैयार किये गए गुणवत्ता संबंधी मानक पर निर्माण करने को निर्देशित किया गया। जिसका परिणाम यह है कि सड़क अभी से जर्जर होना प्रारम्भ हो गयी।
पहली बरसात के साथ ही टूटने लगी सड़क
संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों व ठेकेदार के उदासीन व लापरवाह रवैये के कारण निर्मित कई करोड़ो की यह सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी। जिसका परिणाम यह है कि सड़क बनने के साथ ही टूटने लगी है और जनता को परेशानी झेलनी पड़ती है। नगर की यह नवनिर्मित सड़क जिसकी सुक्षमता से जांच कराया जाना जनहित में आवश्यक होगा। उक्त गुणवत्ताहीन सड़क की जाँच उच्चाधिकारियों से करवाई जाए जिससे दोषियों के विरुद्ध उचित कार्यवाही की जा सके।