प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शहडोल प्रवास पर जनजातीयों द्वारा की जायेगी करुण अपील
अनुपपुर। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में पिछले कुछ वर्षों से हो रही भर्ती में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार, तानाशाही, जातिवाद, क्षेत्रवाद किया गया है विशेष तौर पर जनजातीय समुदाय को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाया गया है। उच्च स्तरीय जांच होने पर कुलपति प्रो श्रीप्रकाशमणि त्रिपाठी पर लगभग 30 से 35 एफआईआर दर्ज हो सकते है। लगभग पिछले 3 वर्ष पूर्व प्रकाशित शैक्षणिक पदों के विज्ञापन पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है, भर्ती प्रक्रिया भ्रष्टाचार कर जनजातीय समुदाय के युवाओं को नुकसान पहुंचाना है। भ्रष्टाचार, तानाशाही, जातिवाद, क्षेत्रवाद अपनाने के कारण मध्य प्रदेश के युवा एवं छात्रों में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है।
भर्ती प्रक्रिया में भी भ्रष्टाचार
भर्ती प्रक्रिया में जीरो ट्रांसपेरेंसी कर 100% भ्रष्टाचार किया गया है जिसमें या तो एक्सपर्ट को ऑनलाइन कर दिया जाता है या चयनित होने वाले उम्मीदवारों को ऑनलाइन बुलाया जाता है। कब इंटरव्यू होता है? कब रिजल्ट आता है? किसी को भी इसका पता नहीं चलता है।
कार्यपरिषद का फर्जी मिनट्स बनवाते है कुलपति
कार्यपरिषद सदस्य नरेंद्र मरावी से आज तक किसी भी मिनट्स पर हस्ताक्षर नहीं लिए गए हैं, यह अपने आप में भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी एवं अनुसूचित जाति जनजाति एट्रोसिटी एक्ट के अंतर्गत अपराध है। सामान्य वर्ग की सभी सीटों पर भर्ती में 80% पद पर भर्ती कुलपति के क्षेत्र देवरिया, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर के इलाकों से सपाइयों की गई है जिसमें लगभग एक ही जाति के लोग हैं।
हाई कोर्ट में भी चल रहा है मामला
जिला-उमरिया मध्य प्रदेश के रहने वाले भर्ती मामले में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका (डब्ल्यूपी)10033/2023 दायर किया है जो सुनवाई उपरांत दिनांक 27-04-2023 को पंजीकृत हुआ है उनका रिट याचिका (डब्ल्यूपी) 14121/2022 दिनांक 21-06-2022 को पंजीकृत होकर हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं।
विश्वविधालय बन गया है प्रकाशमणि_भूमिनाथ प्रायवेट लिमिटेड
यह बात स्वयं भुमिनाथ त्रिपाठी कहते है कि कैंडिडेट से जब सेटिंग हो जाती है और लेन देन पूरा हो जाता है तब इंटरव्यू शेड्यूल कर दिया जाता है इंटरव्यू के अधिकांश एक्सपर्ट कुलपति प्रोफेसर प्रकाशमणि के नजदीकी आते हैं और योग्य जनजातीय युवाओं को चयन से वंचित कर दिया जाता है, जनजातीय युवाओं को अवसर प्रदान नहीं किया गया।
खरीददारी में भी है जमकर दलाली
इलेक्ट्रॉनिक पैनल – इलेक्ट्रॉनिक आइटम, लैपटॉप, फर्नीचर सहित कई अन्य सामानों को जेम-पोर्टल पर सेटिंग करके पिछले 3 वर्षों से भूमिनाथ ने कुलपति को कई करोड़ का कमीशन और दलाली पहुंचाई है, रुपयों के लेनदेन तथा उसका सही जगह पर निवेश कराने की जिम्मेदारी भूमिनाथ के पास है।
जनजातीय विश्वविद्यालय में प्रतिबंधित संगठन सक्रिय
विश्वविद्यालय के युवाओं के बीच केरल तथा पाकिस्तान-बॉर्डर कश्मीर से नशा समाग्री और प्रतिबंधत संगठन से जोड़ने की शिकायत लगातार मिल रही है। विश्वविद्यालय के प्रॉक्टोरियल बोर्ड में कम्युनिस्ट विचारक तथा भाजपा एवं राष्ट्रवाद के विरोध में लगातार पोस्ट करने वाले शिक्षकों को प्रॉक्टर तथा डिप्टी-प्रॉक्टर बना दिया गया है, कुलपति भाजपा तथा राष्ट्रवाद के खिलाफ एक साजिश के तहत काम कर रहे हैं। केरल और कश्मीर तथा जेएनयू कनेक्शन से यहाँ का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सीयुईटी का आयोजन नहीं कराकर मध्य प्रदेश के युवाओं को प्रवेश से वंचित करने की साजिश
इस वर्ष सेंट्रल-यूनिवर्सिटी-एंट्रेंस-टेस्ट (सीयुईटी) का आयोजन जनजाति विश्वविद्यालय नहीं किया है, जिससे जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया यहां के छात्रों को प्रवेश परीक्षा देने से वंचित करने का एक सुनियोजित साजिश कुलपति द्वारा रचा गया है, जनजातीय एवं स्थानीय युवाओं को जनजाति विश्वविद्यालय में प्रवेश से रोकने के लिए एक बड़ी साजिश से इस क्षेत्र के युवाओं में बहुत आक्रोश है। विश्वविद्यालय के प्रमुख पदों पर कम्युनिस्ट विचारको को नियुक्त तथा वामपंथी विचारधारा तथा भारत को तोड़ने की विचारधारा को मजबूती से कुलपति बढ़ा रहे हैं। जनजाति विश्वविद्यालय में स्थानीय छात्रों का प्रवेश ना देकर 60% सीट खाली छोड़ने के मामले में मध्यप्रदेश की राजनीति गरमा गई है, राजनीतिक गलियारों अब इसे विधानसभा चुनाव का मुद्दा बनाने की तैयारी जोरों पर है।
जनजातीय छात्रा के छेड़छाड़ के आरोपी को कुलपति द्वारा सम्मानित करने से जनजातियों में आक्रोश की लहर
असिस्टेंट प्रोफेसर संतोष कुमार सोनकर पर जनजातीय छात्रा के साथ छेड़छाड़ के मामले में अमरकंटक थाना में दर्ज एफआईआर क्रमांक 336/2019 आईपीसी की अपराध धारा 354, 354(क), 506, 509 प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होकर सुनवाई चल रही है जिसकी अगली डेट 1 जुलाई 2023 है। गैरजमानती धाराओं के आरोपी कम्युनिस्ट विचारक इस शिक्षक को अधिक सम्मान देने कुलपति ने इन्हें डिप्टी प्रॉक्टर / कुलानुशासक बनाया जिससे जनजातीय समाज में आक्रोश फैल गया है। इतना ही नहीं कुलपति ने संतोष सोनकर पर लंबित आपराधिक प्रकरण में निर्दोष साबित कराने के लिए प्रयास कर रहे है। नर्मदा मैया के घोर अपमान कर राजनीतिक लाभ के लिए गटर के पानी को गुप्त नर्मदा के मामले में कुलपति प्रो श्रीप्रकाशमणि त्रिपाठी पर आपराधिक प्रकरण विचाराधीन है।