September 27, 2023 11:21 am

कोतमा अस्पताल समेत ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल

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कोतमा। कहते हैं कि असली भारत गांवों में बसता है। मगर कोतमा क्षेत्र में गांवों के लोगों की सेहत का खयाल रखने वाले चिकित्सा केंद्र इक्कीसवीं सदी के भारत से भी बदतर ही हैं।

भले देश में तरक्की के कितने भी दावे किए जाएं,पर कोतमा क्षेत्र के गांवों में चिकित्सा विशेषज्ञों की कमी होना अपने आप में कई सवाल पैदा करता है। ऐसे में स्वस्थ भारत खुशहाल भारत कैसे बन पाएगा।

कोतमा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति ब़ड़ी दयनीय है।नगर के अस्पताल समेत ग्रामीण इलाकों में खोले गए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्कसीय अमले के अलावा उपकरणों की भी भारी कमी हैं। जिससे लोगों को महानगरों में इलाज के लिए जाना पड रहा है।ग्रामीण इलाकों में मेडिकल की सुविधाएं झोलाछाप संभाले हुए हैं।यही हाल शहर में भी देखने में आ रहा है।लेकिन चिकित्सा अधिकारी समस्याओं को नजरांदाज करते रहते है।जिले के कोतमा विकास खंड की स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई हैं।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोतमा के अंतर्गत संचालित उप स्वास्थ्य केंद्रों की हालत तो मर्णांशन हो गई हैं।

ऐसा ही एक ताजा मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोतमा के अंतर्गत ग्राम पंचायत खोडरी नंबर 1 में संचालित उप स्वास्थ्य केंद्र का प्रकाश में आया है। यहां के रहवासियों ने स्वास्थ्य अमले पर गंभीर आरोप लगाये हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उप स्वास्थ्य केंद्र खोडरी का बीते कई माहों से ताला तक नहीं खुला है,ग्रामीणों को यह भी नहीं पता है कि उक्त उप स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य विभाग का कौन कर्मचारी पदस्थ है।बताया गया कि कोरोना काल से आज तक उप स्वास्थ्य केंद्र में कोई कर्मचारी नहीं आता। लोगों को इलाज कराने कोतमा मनेंद्रगढ़ या फिर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है।

इलाज के नाम पर खानापूर्ति 
कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत संचालित उप स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति यह है कि जिन कर्मचारियों की जबावदेही इन ग्रामीण अंचलों में पहुंचने की बनती है वो अपने कर्तव्य का पालन करने में लापरवाही बरत रहे हैं न तो वो अपने कार्यक्षेत्र वाले ग्रामों में समय से पहुंचते हैं और न ही व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं का लाभ दिला पाने में सफल हो रहे हैं। वर्तमान में कोतमा ब्लॉक के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों में अधिकतर जगहों पर उप स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं लेकिन उनमें अधिकांश समय ताला लटका रहता है। ग्रामीण इलाज के लिए तरसते रहते हैं उसके बावजूद विभाग के जिम्मेदार आला अधिकारी मूकदर्शक बनकर तमाशा देखते रहते हैं। इन उप स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति के सिवाय कुछ नहीं होता है।

योजना को लगा रहे पलीता
शासन द्वारा ग्रामीणों को आसानी से स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कोतमा ब्लॉक में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,उप स्वास्थ्य केंद्र,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,आरोग्य केंद्र आदि खोले गए हैं, लेकिन इन अस्पतालों में मरीजों को इलाज के नाम पर सिर्फ रेफर टू अनूपपुर के अलावा कुछ हासिल नहीं हो रहा है।इन अस्पतालों में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं का अभाव देखा जा रहा है। इससे न सिर्फ मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है बल्कि शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं को भी पलीता लग रहा है।

चरमरा गई स्वास्थ्य सेवाएं
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोतमा सहित ग्रामीण अंचलों में संचालित उप स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित न होना,समय पर एएनएम का ग्राम में न पहुंचना,टीकाकरण न होना,दवाओं का वितरण न होना,आशा कार्यकर्ताओं द्वारा गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी लाभ दिलाने में लापरवाही बरतना आदि ऐसे अनेक कारण हैं, जिनसे ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह पटरी से उतर गई हैं।स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को बिल्कुल नहीं मिल रहा है। अगर विभाग के आला अधिकारी इसी तरह इनकी निगरानी में असफल रहे तो ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं और बुरी तरह चरमरा जाएगी।

इलाज के अभाव में शहर का कर रहे रूख

ग्राम पंचायत खोडरी के उप स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा समुचित स्वास्थ्य लाभ न देने के कारण अधिकतर मरीज छोटी सी बीमारी का इलाज कराने 30 किलोमीटर दूर कोतमा नगर या बड़े शहरो की ओर भागने को मजबूर हैं।जिससे उनका समय भी बर्बाद हो रहा है साथ ही उन्हें आर्थिक नुक्सान भी उठाना पड़ रहा है।तो वहीं इलाज के अभाव में मरीज की शहर पहुंचने से पहले ही मौत भी हो जाती है।

होनी चाहिए कड़ी कार्यवाही
ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत छोटे से लेकर बड़े कर्मचारियों को अपनी सेवाएं निरंतर देना चाहिए तथा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को भी इनके कार्यों पर सतत् निगरानी रखनी चाहिए। लापरवाही करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों पर नियमानुसार कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए,ताकि ग्रामीण इलाकों में लोगों को स्वास्थ्य लाभ आसानी से मिल सके।ग्राम पंचायत खोडरी के ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर नियमित स्वास्थ्य कर्मी की पदस्थापना की जाए और यदि स्वास्थ्य कर्मी नियुक्त है तो यहां पर उसे नियमित रूप से बैठाया जाए ताकि ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके।

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