बड़े व्यापारी, नेता, जमीनमालिकों का नाम सूची में
जैतहरी नगर का मामला
अनूपपुर। मुख्यमंत्री नगरी भू अधिकार के प्रकरण में स्पष्ट प्रतिवेदन उपलब्ध न हो पाने के चक्कर में दस्तावेज हैं कि कार्यालय_ कार्यालय घूम रहे हैं कारण अधिकारियों को सूची में कुछ लोगों के नाम रास नहीं आ रहे हैं जिसमें बड़े व्यापारी से लेकर क्रेशर संचालक, भूस्वामी व राजनीतिक रसूख रखने वाले लोगो के नाम बताए जा रहे हैं।
सरकारी योजनाओं को तब और पलीता लग जाता है जब इसमें जरूरतमंद लोगों को योजनाओं का लाभ ना मिलते हुए बड़े पूंजीपतियों और राजनीतिक रसूख रखने वाले लोगों को इसका लाभ दिलाया जा रहा है ताजा मामला जैतहरी नगर पालिका क्षेत्र है जहा धारणाधिकार के तहत मिलने वाली जमीन और उसके लिए प्रस्तुत आवेदनों में कुछ लोगों के नाम आम लोगों को खटक रहे हैं मामला जैतहरी नगर पालिका क्षेत्र का बताया जा रहा है।
नजूल अधिकारी के पत्र से खुला राज
जिला नजूल अधिकारी के द्वारा 7 मई को अनुविभागीय अधिकारी को पत्र क्रमांक 3180 जारी करते हुए बताया है की समय पर जॉच प्रतिवेदन भेजने के लिए कहा है। जांच प्रतिवेदन उपलब्ध न हो पाने के कारण न्यायालय में लंबित चल रहे हैं जिसमें कई लोगों के नाम लोगों की जुबान पर बसे हुए हैं जो अपने राजनीतिक रसूख और लगातार संपत्तियों में हो रहे इजाफे के बावजूद धारणाधिकार की सूची में सबसे आगे खड़े नजर आ रहे हैं।
नपा अध्यक्ष के पिता ने खुद को बताया भूमिहीन
इस सूची में पहला नाम जैतहरी नगर पालिका के अध्यक्ष उमंग गुप्ता के पिता अनिल गुप्ता का हैं जो पहले पूर्व विंध्य विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रह चुके हैं इनके नाम पर जहां ग्राम पंचायत गोबरी के खसरा क्रमांक 161/ 2 और 162/ 1 अनिल गुप्ता के नाम पर दर्ज है वही झाईताल में भी खसरा क्रमांक 1266/2 अनिल गुप्ता के नाम होने बावजूद भी धारणाधिकार में सबसे पहले नाम पर अनिल गुप्ता का नाम बताया जा रहा है।
गुप्ता परिवार करोड़ो का आसामी
अनिल गुप्ता के अलावा उनके परिवार की भी आमदनी इतनी भी कम नहीं है कि वह भूमिहीन हो अकेले पत्नी के नाम पर ही वार्ड क्रमांक एक में 4 एकड़ 50 डिसमिल किरण गुप्ता के नाम पर दर्ज है तो वही जय श्री राम ट्रैवल्स की दो बसें भी किरण गुप्ता के नाम पर चल रही हैं वही बेटी आकांक्षा गुप्ता के नाम पर भी श्री राम स्टोन क्रेशर का भी संचालन अनिल गुप्ता व उसके परिवार के लोगों के द्वारा किया जाता है इतना ही नहीं बिजली नगर पालिका में आकांक्षा गैस एजेंसी के नाम पर भी एक फर्म से व्यवसाय का संचालन हो रहा है।
नगर में बड़ा नाम मगर भूमिहीन
भूमिहीन किसानों की सूची में दूसरा नाम पवन कुमार अग्रवाल पिता केसरी अग्रवाल का भी है इनके भी रसूख में कोई कमी नहीं है भला परिवार होने के साथ ही 4 बच्चे सभी व्यवसायिक दृष्टि से काफी मजबूत है कुछ तो ट्रांसपोर्ट और व्यवसाय में है तो वहीं बहू भी शासकीय नौकरी में बताई जा रही है पवन अग्रवाल के खुद के नाम पर वार्ड क्रमांक 08 में खुद की एक कपड़े की दुकान भी बताई जा रही है। यह दुकान भी उस सरकारी जमीन पर बनी है जहां पर सार्वजनिक कुआं व मूत्रालय को तोड़ दिया गया और अपने कब्जे में ले लिया गया। इतना ही नहीं 1984 में आबादी भूमि के तहत पवन कुमार को पट्टा भी मिल चुका है उस जमीन का हिस्सा 10×13 फिट का बताया जा रहा है जिसका क्रमांक 170 है।
2020 में जमीन खरीदी 23 में हुए भूमिहीन
इस सूची में एक और नाम भी शामिल है जिसमें आनंद कुमार पिता मोहनलाल अग्रवाल के द्वारा वर्ष 2020 में ही खसरा क्रमांक 733 नजूल आबादी भूमि का विक्रय पत्र निष्पादित कराया गया है उसमें भी कई गलतियां हैं साथ ही आनंद कुमार के नाम पर ही वार्ड क्रमांक 11 में लगभग 4 एकड़ 50 डिसमिल का रकबा भी मौजूद है बावजूद इसके आनंद कुमार अग्रवाल भी धारणाधिकार सूची में जमीन पाने को आतुर नजर आ रहे हैं।
आम आदमी से दूर योजना
ऐसे में मुख्यमंत्री की योजना धरातल पर कितनी सच साबित हो रही है यह सूची देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अवसर वादियों को हमेशा अवसर मिलता आया है और आम आदमी योजनाओं का लाभ पाने के लिए कार्यालयों के चक्कर ही काट रहे हैं।
