प्रगतिशील लेखक संघ के प्रांतीय सचिव विजेंद्र सोनी एडवोकेट में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि,प्रगतिशील लेखक संघ की मध्यप्रदेश इकाई ने उड़ीसा के बालासोर क्षेत्र में विगत दिनों हुई भीषण रेल दुर्घटना पर अपना दुख और क्षोभ व्यक्त किया है तथा मृत यात्रियों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिवारों के साथ अपनी संवेदना प्रेषित करती है।
मध्यप्रदेश प्रलेस के अध्यक्ष प्रो सेवाराम त्रिपाठी और महासचिव तरुण गुहा नियोगी ने आज प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि यह भारत की भीषणतम रेल दुर्घटनाओं में से एक है जिसमे 270 से अधिक यात्रियों के मारे जाने और एक हजार से अधिक लोगों के गंभीर घायल होने के समाचार प्रकाशित हुए हैं। इस संख्या के और अधिक बढ़ने अथवा अभी भी वास्तविक संख्या के अधिक होने की भी आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं। परंतु यह दुर्भाग्य की बात है कि घटना की जिम्मेवारी किसी ने भी नहीं ली है जबकि इतनी भीषण दुर्घटना की जिम्मेवारी लेते हुए नैतिक आधार पर अब तक रेल मंत्री को स्वयं त्यागपत्र दे देना चाहिए था।
विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि विगत वर्षों में रेल यात्रियों को दी जाने वाली अनेक रियायतें खत्म कर दी गई हैं, जिनमे वरिष्ठ नागरिकों को किराए में छूट भी शामिल है। इसके अलावा किराए में भी अत्यधिक बढ़ोतरी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीकों से की गई है जिसमे सामान्य ट्रेनों को विशेष ट्रेन का दर्जा देना, पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस में बदल देना और जनरल एवं स्लीपर क्लास के डिब्बों की संख्या घटाकर वातानुकूलित डिब्बों की संख्या बढ़ाना आदि शामिल हैं। इन सबके पीछे यही तर्क दिया जाता रहा है कि आमदनी बढ़ने से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं और सुरक्षा मुहैया कराई जा सकेगी। लेकिन यह दावा हर बार लफ्फाजी साबित होता है और बड़ी रेल दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है।
इसलिए प्रलेस की मप्र इकाई मांग करती है कि घटना की उच्च स्तरीय जांच करा कर जिम्मेवारों को सजा दी जाए, रेलमंत्री को पद से हटाया जाए, मृतकों के परिजनों को मुआवजे के अलावा शासकीय नौकरी प्रदान की जाए और घायलों को आवश्यक उपचार और जरूरी मुआवजा उपलब्ध कराया जाए।
