कोतमा। राजकुमार तिवारी। कोतमा मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार लगातार किसानों के हित के लिए काम कर रही है.इसके लिए कई प्रकार के किसानों के हित में योजनाएं बनाए जा रहे हैं.लेकिन,कई बार अधिकारियों की लापरवाही के कारण जमीनी स्तर पर नागरिकों को इसका फायदा नहीं मिल पाता.ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई बार सख्ती भी दिखाई थी.उन्होंने नागरिकों को लेकर प्रशासन को निर्देशित किए थे कि राजस्व विभाग के छोटे-मोटे मामलों में परेशान भूस्वामी आम आदमियों को सुनकर अधिकारी त्वरित न्याय दें लापरवाही बर्दाश्त न करने की बात सीएम ने स्पष्ट रूप से कह चुके है।सरकार नागरिकों को लेकर काफी चिंतित भी दिखाई दे रही है। आम नागरिकों को राहत देने का हर संभव प्रयास भी किए जा रहे है।लेकिन कोतमा राजस्व विभाग उनके सपनों को साकार होने में अपनी उदासीनता से उभर नहीं पा रहा है छोटे-छोटे कार्यों को लेकर क्षेत्र के नागरिक वर्षों से कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं।

विभाग की गलती परेशान किसान
अनूपपुर जिले में कोतमा राजस्व विभाग के कर्मचारी अधिकारियों की अंधेरगर्दी का खामियाजा कोतमा क्षेत्र के दूरदराज के कई गांवों के किसान परिवार वर्षों से भुगत रहे हैं.राजस्व अधिकारियों की गलती की वजह से पीडित परिवार अपनी ही खाते की जमीन से वर्षों से महरूम हो गए वहीं अब न्याय के लिए वर्षों से भटक रहे हैं जबकि रिकॉर्ड में त्रुटि राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की जानकारों द्वारा मानी जा रही है।
क्या है मामला
कई वर्षों से कोतमा तहसील एसडीएम कार्यालय का रिकॉर्ड सुधार के लिए चक्कर काट रहे किसान राजस्व क्षेत्र के भूस्वामी खोडरी नंबर एक निवासी रामजी त्रिपाठी की है उन्होंने बताया कि मेरी आराजी खसरा नंबर..165/1.की भूमि विगत वर्ष गांव के ही भैयालाल अगरिया के नाम बिना मेरे जानकारी के नामांतरण हो गई है जबकि मैं अपनी उक्त आराजी की भूमि को बिक्री भी नहीं किया है ना ही कोई दान बसीहत किया है। पीड़ित भूस्वामी की माने तो वर्ष बाद जब अपनी पुश्तैनी भूमि गांव के ही दूसरे के नाम होने की जानकारी लगी तो मेरे पैर के नीचे से जमीन खिसक गई और मैं अपने पुश्तैनी जमीन के दस्तावेजों को निकालकर तहसील न्यायालय के चक्कर काट रहा हूं लगभग 2 वर्षों तक तहसील दौड़ता रहा रिकॉर्ड सुधार के प्रकरण को अब एसडीएम न्यायालय में चलाया जा रहा है।जिसमें पीड़ित अपना खसरा ऋण पुस्तिका एवं अन्य जरूरी दस्तावेज जमा कर लगभग चार वर्षों से राजस्व कार्यालय कोतमा का चक्कर काट रहा है। जबकि दस्तावेज त्रुटि के कारण जानकार मानते हैं कि राजस्व विभाग द्वारा वास्तविक विक्रेता की भूमि को नामांतरण ना कर दूसरे आराजी की रामजी त्रिपाठी की भूमि को नामांतरण कर दी गई है।राजस्व विभाग के जिम्मेदारों द्वारा की गई गलती पर रिकॉर्ड सुधार के लिए पीड़ित भूस्वामी कई वर्षों से न्याय की आस में अधिकारियों के चक्कर काट काट कर परेशान हो गया है।
न्याय की है आस
पीड़ित किसान राजस्व विभाग के अधिकारियों से न्याय की उम्मीद लेकर लगभग 4 वर्षों से तहसील सहित एसडीएम कार्यालय के चक्कर काट रहा है पीड़ित किसान को अभी भी आस है कि राजस्व विभाग के जिम्मेदारों द्वारा की गई त्रुटि की कहीं सुधार हो जाए पीड़ित ने जानकारी देते हुए बताया कि मामले के दौरान कई अधिकारी आए और चले गए मैं सभी से न्याय की आस में अपनी फरियाद सुना सुना कर थक गया हूं।
नागरिकों के कार्य समय-सीमा में पूरे होने के हैं निर्देश
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार प्रदेश भर में कॉन्फ्रेंस कर राजस्व विभाग के काम काज की समीक्षा करते रहते है.इस दौरान कई बार उन्होंने राजस्व विभाग के ढीले-ढाले काम-काज पर कड़ी और तल्ख लहजे में नागरिकों के कार्य को समय सीमा में करने के निर्देश दिए है.किसानों की शिकायत पाए जाने पर सख्त कार्रवाई के निर्देश भी जिम्मेदार अधिकारियों को दिए हैं.राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी को अपनी कार्यशैली में बदलाव लाने के लिए भी कहा है.फिर भी कोतमा राजस्व विभाग के जिम्मेदार नागरिकों के कार्य में रुचि नहीं ले रहे हैं जिससे किसान छोटे-छोटे कार्यों के लिए भी परेशान है।
पुश्तैनी भूमि है किसान
जब पूरे मामले को लेकर मीडिया द्वारा पीड़ित भूस्वामी से चर्चा की गई तो पीड़ित भूस्वामी रामजी त्रिपाठी ने साफ तौर पर कहा कि प्रशासन पूरे मामले की जांच करा लें अगर भूमि मेरी है तो मेरे नाम दर्ज हो पीड़ित ने भी रिकॉर्ड सुधार के आवेदन लगाया है पीड़ित का कहना है कि मेरी पुश्तैनी भूमि है।
सीएम हेल्पलाइन में हुई शिकायत
पीड़ित भूस्वामी की माने तो कई बार सीएम हेल्पलाइन में शिकायत भी की गई है शिकायत के बाद राजस्व विभाग के अधिकारी शिकायत बंद कराने के लिए चिकनी चुपड़ी बात कहते हैं शिकायत बंद कराने के बाद मामले को फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। जिसको लेकर कई बार राजस्व अधिकारियों से निवेदन करने के बाद जिम्मेदारों द्वारा मामले को गंभीरता से नहीं निराकरण किए जाने पर पीड़ित ने एक बार फिर सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करते हुए पूरे मामले से अवगत कराया है जिसका शिकायत क्रमांक 22383241है।
सीएम को मामले से कराएगा अवगत
पीड़ित परेशान भूस्वामी रामजी त्रिपाठी का कहना है कि मुख्यमंत्री जी का जिले में आगमन होने पर पूरे मामले को माननीय मुख्यमंत्री जी के समक्ष अवगत कराने की कोशिश करूंगा दोषी राजस्व अधिकारी कर्मचारियों पर सख्त कार्यवाही की मांग करने की बात पीड़ित द्वारा कही गई है।
दोषियों पर हो कार्यवाही की मांग
कोतमा राजस्व विभाग में पीड़ित भूस्वामी का मामला अभी भी न्याय के आस में वर्षों से भटक रहा है पीड़ित की माने तो मैं अपनी पुश्तैनी भूमि पर अपना नाम दर्ज करवाने के लिए एवं दोषियों पर सख्त कार्यवाही के लिए न्याय पाने के लिए कानून के सभी दरवाजों पर जाऊंगा।
जानकारों की माने तो
राजस्व के जानकारों की माने तो पूरे मामले में विभाग के अधिकारी पीड़ित को न्याय देना चाहे तो मामले में सुनवाई कर पीड़ित भूस्वामी को त्वरित न्याय दिया जा सकता है लेकिन राजस्व विभाग में जिस प्रकार हीला हवाली एवं बाबूराज हावी है जिससे पीड़ितों को न्याय दूर-दूर तक मिलता नहीं दिख रहा है।
पैसा और समय बर्बाद
पीड़ित भूस्वामी त्रिपाठी की माने तो लगभग विगत 4 वर्षों में गांव से कोतमा राजस्व कार्यालय की दूरी 35 किलोमीटर दूर है सैकड़ों बार आने जाने एवं कार्यालयीन खर्च में लाखों रुपए बर्बाद हो गए लेकिन राजस्व विभाग के द्वारा की गई त्रुटि पर विभाग अभी तक सुधार नहीं कर सका जिससे पीड़ित भूस्वामी अधिकारियों के लचर रवैया से हताश एवं निराश है।
इनका कहना है
पूरे प्रकरण की जानकारी है प्रकरण में कुछ दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं जल्द पीड़ित भूस्वामी के मामले मैं नियमानुसार अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
मायाराम कोल, एसडीएम कोतमा