दुकानदारो का आरोप किराया लेते आई है मंडी
अनूपपुर। जिला मुख्यालय की हृदय स्थली में बसा पुराना सब्जी मंडी काफी समय से अतिक्रमण की चपेट में था जिस को खाली करने के लिए मंडी के द्वारा आज अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही भी की गई। मंडी बोर्ड का कहना है कि उनके द्वारा नोटिस दिया गया था लेकिन दुकानदारों की मानें तो सन 87 से अपनी दुकान चलाते आ रहे लोगों से किराया वसूलते मंडी आ रही थी लेकिन 2014 के बाद से यह किराया बंद कर दिया गया और आज उनकी दुकानें भी तोड़ दी गई।
जिस जगह पर आज जिला प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण हटाया गया है वह जगह कृषि उपज मंडी की बताई जा रही है यह जगह काफी समय से अतिक्रमण की चपेट में थी जिस पर प्रशासन के द्वारा मौजूदा समय में 21 लोगों को नोटिस जारी किया गया था कृषि उपज मंडी के अधिकारियों की माने तो राज्य पत्र में उन्हें 1 एकड़ 81 डिसमिल जमीन कृषि उपज मंडी को मिली थी लेकिन मौजूदा समय में आधा सैकड़ा से भी ज्यादा लोगों के द्वारा कच्चा पक्का निर्माण कर सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण कर लिया गया।
जिस पर अभी केवल 21 लोगों की दुकानों को अतिक्रमण मुक्त किया गया है वही गुमटियों को भी मंडी की जमीन से हटाया गया है अभी और अतिक्रमण हटाने की बात कृषि उपज मंडी के अधिकारी कह रहे हैं।
मंडी की जगह पर काफी अतिक्रमण था वहां पर अतिक्रमण हटाने के दौरान दुकानदारों के चेहरों में मायूसी भी नजर आ रही थी मौके पर काफी विरोध था जिसे संभालने के लिए पुलिस अमला भी दल बल के साथ मौके पर मौजूद था वही नगर पालिका के अतिक्रमण टीम के द्वारा अतिक्रमण हटाया गया कृषि मंडी के अधिकारी भी इस पूरी कार्यवाही के दौरान घटनास्थल पर मौजूद रहे हैं।
पीड़ित की जुबानी
दुकानदारों ने बताया कि मंडी की जमीन में दुकान चलाने के बाद में हमारे द्वारा सन 1987 से किराया दिया जा रहा है वही 2014 के बाद मंडी ने खुद किराया लेना बंद कर दिया। अगर हम अतिक्रमण कारी थे तो हमें चक्की लगाने के लिए मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए थी।

इरफान राठौड़, दुकानदार
इनका कहना है।
कृषि उपज मंडी के अधिकारियों की माने तो अतिक्रमण से से मंडे को कोई फायदा नहीं हो रहा था ।
कुलदीप शर्मा, प्रभारी कृषि उपज मंडी, अनुपपुर