May 31, 2023 9:24 am

पृथ्वी पर पड़ेगी प्रचंड गर्मी

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कोतमा गुरुवार से आरंभ हुआ नौतपा

कोतमा। राजकुमार तिवारी।  सूर्य 25 मई की सुबह रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही। इसके साथ ही नौतपा प्रारंभ हो गया।नौतपा के नौ दिनों को गर्मी का चरम माना जाता है लेकिन इस बार 30 मई को शुक्र के अपनी ही राशि वृषभ में अस्त होने के कारण गर्मी में कमी आने की जानकारी ज्योतिष विद्वानों द्वारा दी जा रही हैं। नौतपा के आखिरी दो दिन तेज हवा-आंधी चलने व बारिश होने के भी योग बताए जा रहे हैं।
शुक्र रस प्रधान ग्रह है,इसलिए वह गर्मी से राहत भी दिलाएगा।ज्योतिषाचार्य पं दिनेशचंद्र सुरोठिया ने बताया कि सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 25 मई को प्रवेश करने के साथ ही इस नक्षत्र में 15 दिन रहेगा,लेकिन इस अवधि के प्रारंभिक नौ दिनों में अधिक गर्मी पड़ती है,इसे ही नौतपा के दिन कहते हैं।इसकी वजह यह है कि इस दौरान सूर्य की लंबवत किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं। जिससे गर्मी में इजाफा होने लगता है। ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया पर 25 मई को सूर्य कृतिका से रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। सूर्य के साथ वर्तमान में शुक्र भी वृषभ राशि में है। सूर्य प्रारंभ के सात दिनों में खूब तपेगा,सूर्य के 15 दिन रोहिणी नक्षत्र में शुरू के 9 दिन तपन ज्यादा होती है। इसके प्रभाव से बचने के लिए लोगों को सूर्य आराधना करना बेहतर होगा। जल, दही, दूध, नारियल पानी, ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करें। लेकिन बाद के दो दिन मौसम में अचानक परिवर्तन आने की संभावना है। इससे गर्मी में राहत मिल जाएगी।

41 डिग्री तापमान पर तपीं शहर की सड़कें

शहर में गुरुवार को दिनभर धूप में तेजी रही। मौसम साफ रहने की वजह से तपन बढ़ गई। मौसम विभाग के अनुसार शहर का तापमान अधिकतम 41 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। जबकि न्यूनतम तापमान 23 डिग्री रहा। दोपहर में तेज गर्मी के बीच बाजार में चहल पहल कम रही। गर्मी के कारण सड़क पर मृग मरीचिका नजर आने लगी है।

क्या है नौतपा का विज्ञान
सूर्य घूमते हुए मध्यभारत के ऊपर आ जाता है और जब यह कर्क रेखा के पास पहुंच जाता है तब यह 90 डिग्री की पोजिशन में होता है। जिससे किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं।इसी कारण तापमान बढ़ जाता है। जबकि ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक यह ज्योतिष का विषय है। सूर्य सिद्धांत में और श्रीमद््भागवत में भी इसका जिक्र है।

मान्यता: नौतपा जितना तपे उतनी ही मानसून में ज्यादा बारिश
लोक मान्यता है कि नौतपा के सभी दिन पूरे तपें,तो आगे के दिनों में अच्छी बारिश होती है।ज्योतिषाचार्य शास्त्री अभिमन्यु त्रिपाठी का कहना है कि चंद्रमा जब ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आर्द्रा से स्वाति नक्षत्र तक अपनी स्थितियों में हो और तीव्र गर्मी पड़े, तो वह नौतपा है।रोहिणी के दौरान बारिश हो जाती है तो इसे रोहिणी नक्षत्र का लगना भी कहा जाता है।

नौतपा में न करें ये काम
नौतपा के दौरान तूफान, आंधी आने की आशंका काफी बढ़ जाती है ऐसे में इस दौरान शादी, मुंडन और बाकी मांगलिक कार्यों को करने से बचना चाहिए.नौतपा में सूरज की गर्मी से पूरी धरती तपती है. इस दौरान दिन के समय यात्रा करने से बचना चाहिए. ऐसा ना करने से आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

नौतपा के दौरान क्या करें

नौतपा के दौरान हल्का भोजन करना चाहिए जो आसानी से पच जाए। इस दौरान पानी का अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी ना हो । नौतपा में पक्षियों के लिए किसी मिट्टी के बर्तन में जल भरकर रखना चाहिए. ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस दौरान राहगीरों को जल का सेवन कराना चाहिए, इससे सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं.
शिवलिंग पर जल चढ़ाना भी नौतपा में शुभ माना जाता है.इस महीने भगवान हनुमान की पूजा का विशेष महत्व होता है माना जाता है कि ज्येष्ठ के महीने में ही हनुमान जी की मुलाकात भगवान श्रीराम से हुई थी।

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