June 8, 2023 11:55 am

कोतमा गांजा के अवैध व्यवसाय पर नकेल नहीं कस पा रहा प्रशासन धुआं बनकर उड़ रही युवाओं की जिंदगी

Traffictail

कोतमा। राजकुमार तिवारी। एक ओर जहां सूबे के मुखिया युवा पीढी को नशे से बचाने के प्रति कृत संकल्पित हैं तो वहीं दूसरी ओर स्थानीय प्रशासन नगर के कुछ इलाकों में चल रहे गांजे के कारोबार पर नकेल कसने में अब तक असहाय साबित हो रहा है इसके पीछे का कारण चाहे जो भी हो। युवा पीढी इसकी लत में धीरे-धीरे समाने लगी है। थाना क्षेत्र का खोडरी नंबर 1इस गांजा कारोबार का अपवाद बनता जा रहा है।

कोतमा प्रतिबंध के बावजूद मादक पदार्थों की बिक्री नगर समेत थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में धड़ल्ले से हो रही है। जिसमें क्षेत्र के खोडरी ग्राम से भारी मात्रा में गांजा की सप्लाई की जा रही है। इलाके में कई दुकानों पर आसानी से उपलब्ध होने के कारण युवा नशा कर बर्बाद होते जा रहे है। सब कुछ जानने के बावजूद पुलिस एवं नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के लोग खामोश हैं।

पुलिस कप्तान के द्वारा निर्देशित किया जाता है कि अपने अपने क्षेत्रों में अवैध कारोबार पर अभियान चलाकर उन पर शिकंजा कसे। लेकिन इधर पुलिस को कोई असर नहीं पड़ता है और नहीं इन अवैध कारोबारियों पर चाबुक चलाता है इसलिए इस क्षेत्र में काफी दिनों से गांजे का अवैध कारोबार खुलेआम हो रहा है।गांव गांव तक फैला यह व्यापार तेजी से लोगों के बीच नशा बांट रहा है। लेकिन इन कारोबारियों के ऊपर किसी भी प्रकार का अंकुश नहीं लगा पा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप क्षेत्र में आए दिन अपराध और युवा पीढ़ी इस घातक नशे की लत में डूबते जा रहें हैं।

नारकोटिक विभाग बेखबर

गांजे की कश लगाने वाले में गरीब ही नहीं ऊंची सोसाइटी के युवा भी शामिल हैं।हालांकि गांजा,अफीम, चरस जैसे मादक पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने की जिम्मेदारी नारकोटिक्स विभाग की होती है। इस विभाग के लोग शायद कभी छोटे कस्बों को रुख नहीं कर पाते हैं।हां इलाकाई पुलिस जरूर अपनी दखल रखने की कोशिश बना रखती है।सिपाहियों की बीट स्तर पर नेटवर्क,चौकीदारों के इलाकाई होने से पुलिस को सब कुछ पता होता है। इतना कुछ के बावजूद प्रतिबंधित होने के बावजूद गांजे की बिक्री समझ से परे है।गांजा पुड़िया में बांधकर क्षेत्र के खास गलियों में खुलेआम बेची जा रही है। नशे का आदि युवा वर्ग नशे की लत पूरी करने के लिए अपराध की ओर कदम बढ़ाने से भी नहीं चूकते हैं।

सैकड़ों की तादात में गांजा की बिक्री
शाम ढलते ही शहर की आबो हवा मे गांजा महकने लगता है। क्षेत्र में गांवों से लेकर शहर में प्रतिवर्ष लाखों रुपए के गांजे का कश लगाकर हवा में उड़ा दिए जा रहे हैं।थाना क्षेत्र के खोडंरी ग्राम के भीतर गांजा बिक्री का आंकलन करे तो वह सैकड़ाें क्विंटल के साथ लाखों रुपए की बिक्री का अंदाजा लगाया जा सकता है।यहां की अनेक बस्तियों मे गांजा का व्यवसाय दिन दुनी रात चौगुनी की तर्ज पर हाे रहा है। ग्रामीणों ने बिकने वाले गांजे के संबंध मे पुलिस को भी खुलकर जानकारी दी है,परंतु ना जाने कुछ दिनों से पुलिस के हाथ कानून व्यवस्था बनाने के लिए बंधे से दिखाई रहे है।

संरक्षण में चल रहा करोबार
थाना क्षेत्र का खोडरी गांजे की बिक्री के लिए वर्षों से बदनाम है।और बेधड़क गांजा शराब बिकता है।यहां यह करोबार ग्राम के युवा सहित महिलाएं बेधड़क कर रहे है मगर पुलिस कभी गांजे का कारोबार करने वालों पर सख्त कार्यवाही करते नजर नहीं आती बॉर्डर क्षेत्र होने के नाते इन क्षेत्रो में गांजे का करोबार भारी मात्रा में होता है गांजा का दाम भी ग्राहक एवं क्वालिटी के हिसाब से तय होता है।सूत्रों की मानें तो ग्राम में एक किलो से लेकर क्विंटलो गांजा आसानी से उपलब्ध रहता है।जिसका नगर से लेकर क्षेत्रों में कई शहरों में परिवहन किया जाता है।

जेल जाने के बाद भी कर रहे व्यवसाय
थाना क्षेत्र के खोडरी ग्राम के कई लोगों के ऊपर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में गांजा तस्करी करने का मामला दर्ज है सूत्रों की माने तो जिसमें कई युवा जमानत में बाहर आकर भी गांजा के कारोबार को धड़ल्ले से कर रहे हैं वही सूत्र बताते हैं ग्राम का सबसे बड़ा गांजा कारोबारी कई वर्षों तक जेल में गुजारने के बाद फिर से गांव में युवाओं की मदद से गांजा के बड़े कारोबार को जीजा साला मिलकर बेरोकटोक अंजाम दे रहे है।जबकि गांजा कारोबार से जुड़े कई युवाओं पर गांजा तस्करी के कई मामले भी दर्ज हैं।

हाल ही में पेंड्रा में पकड़े गए
अभी हाल ही के दिनों में छत्तीसगढ़ से कार में अवैध मादक पदार्थ गांजा लेकर आ रहे खोडरी निवासी राजेंद्र द्विवेदी व कोतमा निवासी कांशीराम सोनी को पेंड्रा पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।जबकि ग्राम के कई तस्कर बेरोकटोक गांजा की तस्करी से जुड़े हैं एवं प्रदेश के कई जिलों में गांजा की परिवहन की जानकारी सूत्रों द्वारा दी जा रही है।

Leave a Comment

क्या वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने का फैसला सही है?
  • Add your answer