June 8, 2023 10:33 am

मुनाफे के लिए ड्यूटी डॉक्टर कराते है मरीजों का सिटी स्कैन

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जिला अस्पताल अनूपपुर का मामला
200 रूपए तक एक रिर्पोट में मिल रही कमीशन
अनूपपुर। जिला अस्पताल में जब से सिटी स्किन की मशीन लगाई गई है तब से लेकर अभी तक मरीजों में सिटी स्कैन कराने की होड़ सी लगी हुई है। इस बात की जानकारी लेने पर कर्मचारियों ने बताया कि मरीजों को सिटी स्कैन उनकी बीमारी दूर करने के लिए नहीं बल्कि डॉक्टर अपनी जेब गर्म करने के लिए रिकमेंड कर रहे हैं। रोजाना सिटी स्कैन सेंटर में लगने वाली भीड़ दीनदयाल कार्ड कर्मियों की ज्यादा बताई जा रही है जिसका  भुगतान सीधे तौर पर सरकार से प्राप्त होना है
जिला अस्पताल अनूपपुर में सीधे तौर पर डॉक्टर को फायदा न हो पाने के चलते ट्रामा सेंटर में लगी सीटी स्कैन के संचालक व जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों के साथ सांठगांठ करते हुए अधिक से अधिक मरीजों का सीटी स्कैन करने की बात सामने आ रही है उसमें ऐसे कई डॉक्टर हैं जो सुबह ओपीडी के दौरान ज्यादा मरीज देखते हैं हालांकि यह डॉक्टर जिला मुख्यालय के कम आसपास के प्राथमिक व स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ है जो जिला अस्पताल में ड्यूटी के दौरान करते नजर आ रहे है।


50 रूपए से 200 तक डॉक्टर की कमीशन
एक सीटी स्कैन में डॉक्टर को 50 रूपए से लेकर 200 रूपए कमीशन मिल रही है। जिसके चलते जिला अस्पताल में इन दिनों से सीटी स्कैन कराने की होड़ सी मची है अचानक इस मामले में तेजी कहीं न कहीं डॉक्टर के द्वारा की जा रही सेवा पर सवालिया निशान खड़े करती है इसमें सीधे तौर पर वह डॉक्टर शामिल है जो जिला मुख्यालय में अलग-अलग समय पर अपनी ड्यूटी देने पहुंचते हैं पीछे के रास्ते से सिटी स्कैन संचालक के द्वारा एक पर्ची के एवज में डॉक्टर को ₹50 से लेकर ₹200 तक का फीस भुगतान प्राप्त हो रहा है मगर हैरानी इस बात की है कि क्या इस मामले की जानकारी सिविल सर्जन उसके अधीनस्थ कर्मचारियों को नहीं है। जबकि जिला अस्पताल में ये बात चर्चा का विषय बनी हुई है। मगर खुल कर कोई बोलना नही चाह रहा है।
जरूरी नहीं फिर भी हो रहा सिटी स्कैन
ऐसा नहीं है की सीटी स्कैन हर मरीज के लिए जरूरी हो लेकिन मेडिकल की पढ़ाई की आड़ में डॉक्टर जैसे पद में बैठा व्यक्ति जब पैसों के लालच में पढ़ता है तो मरीज की शरीर में सिटी स्कैन मशीन से निकलने वाली तरंगों से गुजारने में मरीज को कोई गुरेज नहीं करता है।
ओपीड़ी पर्ची के 25 प्रतिशत है सिटी स्कैन के आंकड़े
बीते 7 दिनों में 11 मई को ओपीडी 342 की पर्ची काटी गई जिसमे 42 लोगों का सीटी स्कैन , 12 मई को 378 पर्ची में 37 लोगों का सीटी हुआ,  13 मई को 359 पर्ची में 58 , 14 मई 130 पर्ची पर 9, 15 मई को 498 पर्ची में 84, 16 मई 346 में
59 सिटी स्कैन, और बुधवार को 347 में 80 सीटी स्कैन लोगों के हुए है। इस आंकड़ों में आयुष्मान और बीपीएल के मरीज के अलावा नगद रूप से भी कराते है। जबकि कई मरीजों को सीटी स्कैन की जरूरत भी नही है। मगर डॉक्टर बीमार व्यक्ति का इलाज के नाम पर लोगो को सीटी की तेज किरण से गुजरना पड़ रहा है।
डॉक्टर को सीधा फायदा
ओपीडी के माध्यम से लगभग 270 से लेकर 285 तक पर्चियां काटी जाती हैं इन पर्चियों के माध्यम से सुबह की पाली में ओपीडी में बैठे डॉक्टर के द्वारा अधिकतर मरीजों को सीटी स्कैन करने की सलाह दी जा रही है ताकि मरीज को शारीरिक लाभ दिलाया जा सके मगर शारीरिक लाभ मिलने के पहले ही डॉक्टर को आर्थिक लाभ पहुंच चुका होता है वही सोमवार और मंगलवार को सीटी स्कैन कराने का यह आंकड़ा 70 से 80 लोगों तक पहुंच जाता है जो ओपीडी पर्ची का 30% लाभांश है। जिसका सीधा लाभ ड्यूटी डॉक्टर को फायदा पहुंच रहा है। हालाकि सुबह की पाली में ज्यादा मरीजों का सिटी स्कैन हो रहा है।
इन डॉक्टर के सामने आ रहे है नाम
जिला अस्पताल में ड्यूटी करने आ रहे डॉक्टरों में जिनका नाम सबसे ज्यादा सामने आ रहा है उसमें डॉक्टर अजहर, डॉ बलराम विश्वकर्मा, डॉ रमन सिंह, डॉ मुकेश शर्मा, डॉक्टर डीआर सिंह के अलावा सबसे ज्यादा सिटी स्कैन डॉ विपिन के द्वारा मरीजों की कराई गई है यह सभी डॉक्टर एमबीबीएस हैं बावजूद इसके मरीजों को जनरल मेडिसिन के साथ रेडियो की तेज किरणों से गुजरने पर मरीजों को बेबस करते नजर आ रहे हैं।
सरकार को भी पहुंचा रहे नुकसान
जिस पब्लिक प्राइवेट सेक्टर के माध्यम से श्रीजी हेल्थकेयर को अनूपपुर जिला अस्पताल में सिटी स्कैन मशीन लगाने की मंजूरी दी गई है इसकी आड़ में गरीब और आयुष्मान कार्ड धारकों को निशुल्क में सीटी स्कैन करना है जिसके एवज में सरकार उन्हें भुगतान करेगी लेकिन बगैर जरूरत के मरीजों को सिटी स्कैन रिकमेंड करने का काम जो डॉक्टरों के द्वारा किया जा रहा है वह बहुत ही गैर जिम्मेदाराना है यह कहना गलत नहीं होगा कि सीधे तौर पर सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का काम जिला अस्पताल में बैठे सरकारी डॉक्टर अपना आर्थिक लाभ पाने के लिए करते आ रहे हैं।
इनका कहना है।
आप जो कह रहे है वह बहुत ही गंभीर मामला है अगर मरीज को जरूरत है तभी सिटी स्कैन कराना की अनुशंसा डॉक्टर कर सकता है।
जनक सारीवान, डीएचओ, जिला अस्पताल, अनूपपुर
इमरजेंशी डॉक्टर की ड्यूटी होने पर ज्यादा मरीजों का सिटी स्कैन हो रहा होगा। फिर भी आप कह रहे है तो मैं पता करता हूं।
डॉ एसआर, परस्ते, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल अनूपपुर।

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