क्षेत्र में दम तोड़ रही योजनाएं

अधिकारी के दो चापलूस बाबू से चलता है पूरा कार्यालय
उमरिया। बृजेश श्रीवास्तव। जब किसी विभाग का मुखिया लफ़फाजियोंऔर बतौली बाज़ियों में मस्त रहे तथा सच्चाइयों से परे हो तो उस विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन का तो फिर भगवान ही मालिक है। ऐसी ही कुछ स्थिती है, इन साहब के विभाग की। बात पोषण आहार में गफलत की हो या हो बात सांझा चूल्हा योजना में लीपा पोती की। शासन के रुपयों में पलीता लगाने में कहीं कोई कोर कसर विभाग ने छोड़ी नहीं है। छनकर ख़बर तो ये भी आ रही है कि विभाग में जो वाहन भी लगाए गए हैं उसमें भी बंदरबांट साहब और उनके गुर्गों के द्वारा की जा रही है। आई सी पी एस के तहत् जो राशि ट्रेनिंग कार्यकमों के लिए शासन द्वारा भेजी जाती है उसे भी फर्जी तरीके से दिखाकर डकार लिया गया। लब्बो लुआब ये है कि सारी योजनाएं सिर्फ़ कागज़ों में चल रही है और सारी व्यवस्थाएं सेट हैं। खरीदी के लिए आदमी और संस्था सेट है, फर्जी बिल बाउचर के लिए दुकानें सेट हैं, हीला हवाली के लिए विभागीय सयाने सेट हैं, ट्रांसफर हो जाने के बाद भी कई अधिकारी कर्मचारी यहीं जमे हुए हैं। परियोजना अधिकारियों के माध्यम से आंगनबाड़ियों से वसूली भी किए जाने की ख़बर सूत्रों के हवाले से आ रही हैं। ये सब गफलतें पूरे ज़िले में महिला एवम बाल विकास विभाग के अन्तर्गत जम कर चल रही है, लेकिन कोई बोले, तो बोलेंगे, कि बोलता है।