May 31, 2023 8:40 am

तकनीकी अमले को समझाईं अमृत सरोवर तालाब निर्माण की बारीकियां

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जिला पंचायत सीईओ की पहल पर आरईएस और मनरेगा के इंजीनियर को कराया गया फील्ड भ्रमण

– निर्माणाधीन तालाब दिखाकर दी जानकारी

शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। शिवपुरी जिले में अमृत सरोवर तालाबों का निर्माण किस तरह से किया जाना है। निर्माण में किस तरह तकनीकी मापदंडों का पालन निर्धारित मानक अनुरूप करना है। इसके बारे में जानकारी देने के लिए जिले के समस्त आरईएस और मनरेगा के इंजीनियरों को खनियांधाना रेडी हिम्मतपुर ग्राम पंचायत में बनाए जा रहे नवीन अमृत सरोवर तालाब का निर्माण दिखाकर के जानकारी दी गई। खनियांधाना रेडी हिम्मतपुर ग्राम पंचायत में बनाए जा रहे अमृत सरोवर तालाब के दौरान जहां पर सभी तकनीकी अमले को फील्ड भ्रमण कराया गया। फील्ड के दौरान यहां पर तालाब निर्माण की बारीक जानकारी दी गई। फील्ड भ्रमण के दौरान यहां पर आरईएस और मनरेगा के 100 से ज्यादा इंजीनियर मौजूद रहे। इस फील्ड भ्रमण के दौरान यहां पर खनियाधाना मिठ्टल सिंह रघुवंशी द्वारा तालाब निर्माण की जानकारी दी गई कि किस तरह तालाब निर्माण किया जाएगा, वेस्ट वियर का निर्माण किस तरह होगा, लेवल क्या रहेगा, मिट्टी का भराव किस तरह किया जाएगा और मानक निर्माण का स्तर क्या होगा। इसकी पूरी जानकारी दी गई।

जिला पंचायत सीईओ की पहल-

जिला पंचायत सीईओ उमराव सिंह मरावी की पहल पर आरईएस और मनरेगा के इंजीनियरों को यह फील्ड भ्रमण कराया गया। जिसमें जिले भर का पूरा तकनीकी हमला करीब 100 इंजीनियर मौजूद रहे, जिन्होंने खनियांधाना रेडी हिम्मतपुर ग्राम पंचायत का भ्रमण किया और यहां पर अमृत सरोवर तालाब निर्माण की जानकारी ली जिससे जिले में अन्य स्थानों पर चल रहे तालाबों का निर्माण मानक अनुरूप किया जा सके।

आने वाले समय में मिलेगा अमृत सरोवर तालाबों का फायदा-

शिवपुरी जिले में इस समय विभिन्न पंचायतों में अमृत सरोवर तालाबों का निर्माण किया जा रहा है। शिवपुरी के जिला पंचायत के सीईओ उमराव सिंह मरावी को मुख्यमंत्री द्वारा तालाब निर्माण में अच्छे कार्य करने पर सम्मानित किया जा चुका है। इस समय गर्मी का दौर है और जिले के विभिन्न स्थानों पर नवीन तालाब का निर्माण कार्य चल रहा है। आने वाले समय में जब यह जल संरचनाओं का निर्माण पूरा हो जाएगा तो यहां पर जलभराव के बाद यहां पर ग्रामीणों को कई फायदे होंगे। भूमिगत जलस्तर में बढ़ोत्तरी होगी, पशुओं को पानी मिलेगा, पेयजल की उपलब्धता होगी। साथ ही मछली पालन से रोजगार के साधन भी निर्मित होंगे।

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